'99' के फेर में फंस गई कांग्रेस, 272 के जादुई आंकड़े तक पहुंचना राहुल के लिए अब भी बड़ी चुनौती
नई दिल्ली:
देशभर में लोकसभा चुनाव (LokSabha Elections 2024) पूरे जोर-शोर से संपन्न हुए. 543 में से 292 सीटों के साथ एनडीए को जनादेश मिला है, लेकिन विपक्षी गुट भी कुछ पीछे नहीं रहा. जहां एनडीए को 292 सीटें मिलीं, तो वहीं इंडिया गठबंधन को 232 सीटें हासिल हुईं. बात अगर अकेले कांग्रेस (Congress) की करें तो उनको 99 सीटों पर संतोष करना पड़ा. कांग्रेस अब 99 के फेर में फंस गई है. हालांकि कांग्रेस को दूसरे दलों की अपेक्षा सबसे ज्यादा 47 सीटों का फायदा हुआ है. वहीं अगर इंडिया गठबंधन की बात करें तो सीटों का आंकड़ा 232 है, जिसमें 133 सीटें गैर कांग्रेसी दलों की है. हालांकि बढ़ते वोट शेयर ने कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम किया है. अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इसी जुगत में रहेंगे कि इस 99 के आंकड़े को बहुमत के जादुई आंकड़े 272 तक कैसे पहुंचाया जाए.
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राहुल गांधी को अब क्या करना होगा?
- राहुल गांधी को जनता के बीच पहुंचने की अभी और जरूरत है. सिर्फ एक भारत जोड़ो यात्रा से काम नहीं चलेगा. जनता ऐसे नेता को ही पसंद करती है, जो उनका हमदर्द बनता है.
- राहुल गांधी को जनता के मुद्दों पर ध्यान देना होगा, बिजली,पानी, महंगाई, बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दों को समझकर उनको हल करने की जरूरत है.
- किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस हमेशा ही सरकार को घेरती रही है. अब उनको किसानों पर हीं बल्कि उनके मुद्दों पर काम करने की जरूरत है.
- राहुल गांधी को लोगों में अपने लिए भरोसा जताने की काफी जरूरत है, जनता के दिलों पर कैसे राज करना है, इसकी रणनीति उनक बनानी होगी.
- जिन मुद्दों पर कांग्रेस को जनता ने समर्थन दिया है, राहुल गांधी को उन पर जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत होगी.
कांग्रेस को मिली संजीवनी, लेकिन काम तो करना होगा
लोकसभा चुनाव में किए प्रदर्शन से डूबती कांग्रेस में एक बार फिर से जोश भर गया है, लेकिन बहुमत का आंकड़ा जुटा पाना अब भी कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर जैसा है. लेकिन ऐसा माना जा सकता है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का फायदा कांग्रेस को जरूर हुआ है. शायद यही वजह है कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2.22 बढ़कर से बढ़कर 21.68 फीसदी हो गया है. कहा जा सकता है कि राहुल की मेहनत लंग लाई, लेकिन अभी और मेहनत की जरूरत है.
क्या होगी राहुल गांधी की रणनीति?
लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने रैलियों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. उन्होंने अकेले ही 107 रैलियां और रोड शो किए, शायद यही बात है कि राहुल इंडिया गठबंधन में एक मजबूत नेता बनकर उभरे हैं. खास बात यह है कि राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली दोनों सीटें जीत गए हैं, यह भी कांग्रेस में जोश भरने के लिए किसी तिलस्म से कम नहीं है. राहुल की जीत से तो यही लगता है कि धीरे-धीरे सी सही जनता उनको स्वीकार करने लगी है. सवाल ये है कि राहुल गांधी 99 के आंकड़े को 272 तक कैसे पहुंचाएंगे.
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