दिल्ली में कांग्रेस का बड़ा मंथन, खरगे और राहुल भी रहेंगे मौजूद; बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

नई दिल्ली:
कांग्रेस ने आज अपने सभी महासचिवों और राज्य प्रभारियों को एक अहम बैठक के लिए बुलाया है. शाम 5 बजे नए मुख्यालय इंदिरा भवन में होने वाली इस बैठक की कमान पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे संभालेंगे, और राहुल गांधी की मौजूदगी इस बैठक और अहम बनाएगी. एक महीने में यह दूसरी ऐसी बैठक है. अब सवाल उठता है—क्या पार्टी में कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है?
संगठन सृजन वर्ष का एलान, अधिवेशन की तैयारी
बैठक का मकसद है कि संगठन को कैसे नई ताकत दी जाएं. 2025 को कांग्रेस ने ‘संगठन सृजन वर्ष’ घोषित किया है. अगले महीने 8 और 9 तारीख को अहमदाबाद में पार्टी का अधिवेशन होने जा रहा है, और आज की चर्चा में इसकी तैयारियां जोरों पर होंगी. पार्टी के भीतर बदलाव की हवा चल रही है, और हर कोई इसे लेकर उत्सुक है.
जिला कमिटियों को ताकत
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अब जिला कांग्रेस कमिटियों (DCC) को मजबूत करने की राह पर है. करीब 15 साल बाद सभी जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है, जो अहमदाबाद अधिवेशन से पहले होगी. योजना है कि इन कमिटियों को ज्यादा अधिकार दिए जाएं—खासकर चुनाव में उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया में उनकी बड़ी भूमिका होगी. यह कदम पार्टी को जमीनी स्तर पर नई जान दे सकता है, लेकिन क्या यह आसान होगा?
खरगे का सख्त संदेश: हार की जिम्मेदारी तय
पिछले महीने की बैठक में कांग्रेस अध्यश्र मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ शब्दों में कहा था, “चुनाव में हार हुई तो राज्य प्रभारी जवाबदेह होंगे.” उनका यह सख्त रुख आज की बैठक में भी गूंज सकता है. पार्टी नेताओं के बीच यह संदेश साफ है—अब नतीजे चाहिए, बहाने नहीं. क्या यह दबाव संगठन को एकजुट करेगा या नई चुनौतियां खड़ी करेगा?

राजनीति के गर्म मुद्दे भी एजेंडे में
संगठन के अलावा आज परिसीमन, चुनाव सुधार और अमेरिकी टैरिफ जैसे मुद्दों पर भी बात होगी. ये वो मसले हैं जो देश की सियासत को हिला रहे हैं, और कांग्रेस अपनी रणनीति को इनके इर्द-गिर्द तैयार करना चाहती है. सूत्र कहते हैं, “पार्टी सिर्फ अंदरूनी मजबूती नहीं, बाहर की लड़ाई के लिए भी तैयार हो रही है.”
इंदिरा भवन में सियासी मंथन: क्या निकलेगा नतीजा?
शाम 5 बजे जब इंदिरा भवन में यह बैठक शुरू होगी, सबकी नजरें इस पर टिकी होंगी कि कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा. संगठन को नई धार, अधिवेशन की तैयारी, और जिला कमिटियों को ताकत—ये सब सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन असल चुनौती इसे जमीन पर उतारने की है. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल के नेतृत्व में पार्टी क्या रंग दिखाएगी, यह वक्त बताएगा.