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ओम बिरला के लिए NDA का 'प्लान-300', समझें लोकसभा स्पीकर के चुनाव का नंबर गेम


नई दिल्ली:

18वीं लोकसभा के स्पीकर (Lok Sabha Speaker) को लेकर BJP की अगुवाई वाला NDA और कांग्रेस की अगुवाई वाला INDIA आर-पार की लड़ाई में कूद पड़ा है. 48 साल के बाद ऐसा होने जा रहा है, जब आम सहमति नहीं बन पाने की वजह से स्पीकर के लिए चुनाव कराया जाएगा. मुकाबले के लिए BJP ने ओम बिरला और कांग्रेस ने के सुरेश को उम्मीदवार बनाया है. ओम बिरला राजस्थान के कोटा से सांसद चुने गए हैं. जबकि के सुरेश केरल के मवेलिकारा से चुनाव जीते हैं. वोटिंग 26 जून को सुबह 11 बजे होगी. वैसे विपक्ष के पास पर्याप्त नहीं नहीं है, फिर भी उसने के सुरेश को खड़ा करके चीजें उलझा दिया है. ऐसे में BJP भी गठबंधन की ताकत बढ़ाने के लिए हाथ-पैर मार रही है. स्पीकर के चुनाव में NDA को समर्थन का आंकड़ा 300 पार पहुंचाने के लिए बाकायदा एक रणनीति पर काम किया जा रहा है. दूसरी ओर, कुछ सांसदों के शपथ नहीं लेने की वजह से कांग्रेस को भी नुकसान हो सकता है.

आइए समझते हैं स्पीकर के चुनाव के लिए क्या है NDA की रणनीति और क्या बन रहे समीकरण:-

अभी लोकसभा में क्या है नंबर?
लोकसभा में अभी BJP के 240 सांसद हैं. NDA के कुल 293 सांसद हैं. इनमें NDA सहयोगियों के 53 वोट हैं. जिसमें TDP के 16 और JDU के 12 सांसद हैं. INDIA की बात करें, तो 235 सांसद हैं. इनमें कांग्रेस के 98 सांसद हैं. अन्य के खाते में 14 सांसद हैं. जबकि एक सीट खाली है.

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BJP की क्या है रणनीति?
BJP की रणनीति स्पीकर के चुनाव में NDA के समर्थन को 300 पहुंचाने की है. क्योंकि 300 का आंकड़ा विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक बढ़त देगा. लोकसभा में NDA के अभी 293 सांसद हैं. The Hindkeshariको सूत्रों से खबर मिली है कि
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP लोकसभा स्पीकर के चुनाव में BJP सांसद ओम बिरला का समर्थन करेगी. YSRCP के 4 सांसदों का समर्थन मिलने से NDA की संख्या 297 हो जाएगी. 

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आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जगन मोहन की पार्टी अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी TDP से हार गई. YSRCP ने 2019  के लोकसभा चुनाव में आंध्र की 25 में से 22 सीटें जीती थी. जबकि TDP 3 सीटों पर सिमट गई थी. लेकिन 2024 के इलेक्शन में इक्वेशन (समीकरण) बदल गए. BJP के साथ गठबंधन में चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की सत्ता में शानदार वापसी की. वहीं, लोकसभा की 16 सीटें भी जीती.  जाहिर तौर पर TDP के बाद YSRCP का साथ मिलने से BJP को फायदा ही होना है.

300 का आंकड़ा बनाने के लिए इन सांसदों का समर्थन मिलने की आस 
अब BJP 3 या उससे ज्यादा सांसदों का समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है. BJP के रणनीतिकार अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल, नगीना से सांसद चंद्रशेखर और शिलांग के सांसद डॉ. रिक्की एंड्रयू जे स्यंगकों का समर्थन मिलने उम्मीद कर रहे हैं. अगर इन 3 सांसदों का साथ मिल गया, तो जाहिर तौर पर NDA का आंकड़ा 300 हो जाएगा.

कांग्रेस को भी हो सकता है नुकसान 
लोकसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को 7 सांसदों ने शपथ नहीं ली. इनमें खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल सिंह और बारामूला संसदीय सीट से सांसद रशीद इंजीनियर जेल में हैं. केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी शपथ नहीं ली. तृणमूल कांग्रेस के सांसद दीपक अधिकारी, शत्रुघ्न सिन्हा और हाजी नूरुल इस्लाम ने भी शपथ नहीं ली है. दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से लोकसभा सांसद अफजाल अंसारी को मंगलवार को शपथ नहीं दिलाई गई. कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया गया. सपा सांसद ने कानूनी कार्रवाई की बात कही है. अगर इन सांसदों ने 26 जून को शपथ नहीं ली, तो ये स्पीकर के चुनाव में वोटिंग नहीं कर पाएंगे.

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तीसरी बार होगा लोकसभा स्पीकर का चुनाव
देश के इतिहास में ऐसा तीसरी बार होने जा रहा है, जब स्पीकर के पद को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई और चुनाव कराने की नौबत आ पड़ी. 15 मई 1952 को पहली लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव हुआ था. इस चुनाव में सत्ता पक्ष के जीवी मावलंकर उमीदवार थे. उनका मुकाबला शंकर शांतराम मोरे से हुआ था. मावलंकर के पक्ष में 394 वोट पड़े, जबकि 55 वोट उनके खिलाफ डाले गए थे. इस तरह मावलंकर आजादी से पहले देश के पहले लोकसभा स्पीकर बने थे.

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दूसरी बार लोकसभा स्पीकर का चुनाव 1976 में हुआ. 1975 में इमरजेंसी के ऐलान के बाद 5वीं लोकसभा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था. इसके बाद 1976 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कांग्रेस सांसद बी आर भगत को स्पीकर के रूप में चुनने का प्रस्ताव रखा. संसदीय कार्य मंत्री रघु रमैया द्वारा इसका समर्थन किया गया. वहीं भावनगर के सांसद पी एम मेहता ने जगन्नाथ राव जोशी के नाम का प्रस्ताव रखा. हालांकि, भगत को बाद में स्पीकर चुन लिया गया. उनके पक्ष में 344 वोट आए और 58 वोट उनके खिलाफ गए.

ओम बिरला के पक्ष में 13 प्रस्ताव
ओम बिरला के पक्ष में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं की ओर से लोकसभा में 13 प्रस्ताव पेश किए जाएंगे. NDA प्रस्तावक और अनुमोदकों के चयन के जरिए विपक्ष को बड़ा संदेश देने की कोशिश करेगी. महिला, आदिवासी, दलित वर्ग के नेताओं की ओर से प्रस्ताव दिया जाएगा. इसके साथ ही NDA की एकता और मजबूती भी दिखाई जाएगी.

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PM मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ देंगे पहला प्रस्ताव
लोकसभा स्पीकर के लिए पहला प्रस्ताव पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पेश करेंगे. दूसरा प्रस्ताव लल्लन सिंह और राजकुमार सांगवान की ओर से दिया जाएगा. तीसरा जीतन राम मांझी और शिवराज सिंह चौहान देंगे. चौथा प्रस्ताव गृह मंत्री अमित शाह और सड़क राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पेश करेंगे. पांचवां प्रस्ताव प्रतापराव जाधव और सुनील तटकरे की ओर से दिया जाएगा. छठा प्रस्ताव चिराग पासवान और जयंतो बसुमटारे रखेंगे. सातवां प्रस्ताव एचडी कुमारस्वामी और बी वल्लभनेनी पेश करेंगे. आठवां प्रस्ताव के राममोहन नायडू और एल एस के देवरायलु की तरफ से रखा जाएगा. नौवां प्रस्ताव इंद्र हंग सुब्बा और फणी भूषण चौधरी पेश करेंगे.

लोकसभा स्पीकर के लिए 10वां प्रस्ताव अनुप्रिया पटेल और कृष्ण पाल रखेंगे.11वां प्रस्ताव वीरेंद्र कुमार और जुएल ओराम रखेंगे. 12वां प्रस्ताव पी सिंह बघेल और पंकज चौधरी की तरफ से दिया जाएगा. 13वां प्रस्ताव अन्नपूर्णा देवी और कमलजीत सिंह सहरावत की ओर से रखा जाएगा.

के सुरेश के पक्ष में 3 प्रस्ताव 
विपक्षी गठबंधन INDIA के उम्मीदवार के सुरेश के पक्ष में 3 प्रस्ताव रखे जाएंगे. पहला प्रस्ताव अरविंद सावंत और एन के प्रेमचंद्रन की ओर से रखा जाएगा. दूसरा प्रस्ताव आनंद भदौरिया और तारिक अनवर की ओर से दिया जाएगा. तीसरा प्रस्ताव सुप्रिया सुले और कनीमोई करुणानिधि की ओर से पेश किया जाएगा.

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जीते तो दोबारा स्पीकर बनने वाले BJP के पहले सांसद होंगे बिरला
NDA की ओर से ओम बिरला दोबारा स्पीकर पद के उम्मीदवार हैं. कोटा से सांसद ओम बिरला 2019 से 2024 तक स्पीकर रह चुके हैं. अगर इस बार भी वो जीतते हैं, तो दोबारा स्पीकर बनने वाले पहले BJP सांसद होंगे. अगर वे अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं, तो कांग्रेस के बलराम जाखड़ के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे. बलराम जाखड़ 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक लगातार दो बार लोकसभा अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए थे.

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