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कंस्ट्रक्शन, रिहाइशी इमारतें और… एक्सपर्ट ने बताया दिल्ली में दिन के बजाय रात में क्यों ज्यादा तड़पा रही गर्मी?


नई दिल्ली:

दिल्ली-यूपी समेत उत्तर भारत के ज्यादातर राज्य भीषण गर्मी से झुलस रहे हैं. चिलचिलाती धूप और हीटवेव ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. रात में भी गर्म हवाएं लोगों की नींद उड़ा रखी है. उत्तर-पश्चिमी भारत के आधे से ज्यादा हिस्सों में बीते एक हफ्ते से अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है. भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली में सबसे गर्म रात रही. ऐसा बीते 12 साल में पहली बार हुआ है. आइए जानते हैं आखिर दिल्ली में दिन के बजाय रात में ज्यादा गर्मी क्यों लग रही है?

दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में सस्टेनेबल हैबिटेट प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाले रजनीश सरीन समझाया कि आखिर राजधानी में दिन के बजाय रात में तापमान असामान्य रूप से ज्यादा क्यों रह रहा है. रजनीश सरीन ने The Hindkeshariसे कहा, “दिल्ली जैसे बड़े शहरों में कंस्ट्रकशन और कंक्रीटाइजेशन (कंक्रीटीकरण) में काफी इजाफा हुआ है. कंक्रीट की इमारतें दिन में गर्मी को अब्सॉर्व करती हैं और रात के समय गर्मी छोड़ती हैं. यही कारण है कि रात में न्यूनतम तापमान में गिरावट होती है. बड़े शहरों में ऐसा ही हो रहा है.’ 

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12 साल में सबसे गर्म रही रात
मंगलवार की रात दिल्ली में सबसे गर्म रात रिकॉर्ड हुई. रात का न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 8 डिग्री ज्यादा है. 12 साल पहले 2012 में दिल्ली की रात सबसे गर्म रिकॉर्ड हुई थी. तब तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

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IMD ने दिया 3 दिन के मौसम का अपडेट
IMD के मुताबिक, अगले 3 रात तक दिल्ली का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. दोपहर में गर्म हवाएं चलेंगी. मौसम विभाग का कहना है कि 20 जून को मौसम करवट बदल सकता है. तेज हवाओं के साथ दिल्ली में बारिश के आसार हैं. 21 और 22 जून को भी बारिश की संभावना जताई गई है.

सरीन ने कहा, “अगले तीन दिन का तापमान अधिक रहेगा, लेकिन रात में लोगों को कुछ राहत मिलेगी. उन्होंने कहा, ”आजकल हीट आइलैंड प्रभाव के कारण AC फट रहे हैं. हीट आइलैंड आमतौर पर महानगरीय क्षेत्र होते हैं. ये आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक गर्म होते हैं. तेजी से निर्माण, उच्च जनसंख्या घनत्व और वाहनों से निकलने वाला कार्बन इसकी वजह है.”

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ग्रीन बेल्ट कम होने से बढ़ रही गर्मी
सरीन ने कहा, “दिल्ली में तेजी से निर्माण कार्य हो रहे हैं. ग्रीन बेल्ट कम होता जा रहा है. ऊंची इमारतों के निर्माण से हवा की गति भी रुक जाती है. हमें निर्माण में कंक्रीट का कम इस्तेमाल करने की जरूरत है.” उन्होंने एक उदाहरण से समझाया कि कैसे ग्रीन एरिया में कमी होने से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. सरीन ने कहा, “रिसर्च में पाया गया कि कनॉट प्लेस में इमारतें सफेद हैं, सड़कें काली हैं और पार्किंग ग्रे है. इमारतों की छतें भी ग्रे हैं. पिछले कुछ साल में वहां ग्रीन एरिया कम हो गया है. कनॉट प्लेस अब पहले से कहीं ज्यादा गर्म लगता है.”

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने हीटस्ट्रोक को लेकर अस्पतालों को दिए निर्देश
इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार की ओर से संचालित अस्पतालों को हीटस्ट्रोक के मरीजों का प्राथमिकता से इलाज करने की एडवाइजरी जारी की है.

हीटस्ट्रोक के मामलों में तेजी से बढ़ रही मौत की दर
सरकारी अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अजय शुक्ला ने चेतावनी दी कि हीटस्ट्रोक के मामलों में मौत की दर 60-70% के बीच है. अगर इस केस में मरीज को देर से अस्पताल लाया जाता है, तो उसके एक के बाद एक ऑर्गन खराब होने का खतरा है. इनमें से बहुत से मरीज प्रवासी मजदूर हैं. लिहाजा हमें हीटस्ट्रोक को लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.

11 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट
मौसम विभाग ने 11 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश के कुछ इलाके, ओडिशा, झारखंड, बिहार और जम्मू डिवीजन के लिए हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है.

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