डॉ. भीमराव अंबेडकर के इन कोट्स को पढ़ आज भी मोटिवेट होते हैं देशवासी…
“मैं किसी भी समुदाय की तरक्की को महिलाओं को हासिल हुई तरक्की से मापता हूं…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“कोई भी महान व्यक्ति किसी प्रतिष्ठित शख्सियत से इसी तरह अलग होता है, क्योंकि वह समाज की सेवा करने के लिए तैयार होता है…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“यदि मुझे कभी लगा, संविधान का दुरुपयोग हो रहा है, तो मैं पहला शख्स होऊंगा, जो उसे जला डालेगा…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“इंसान नश्वर है, और विचार भी… विचार को उसी तरह प्रचार चाहिए, जैसे पौधे को पानी, वरना दोनों नष्ट हो जाते हैं…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“समानता कल्पना हो सकती है, लेकिन इसे शासकीय सिद्धांत के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“मैं उस धर्म को पसंद करता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“न्याय दरअसल स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का ही दूसरा नाम है…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“धर्म मनुष्य के लिए है, मनुष्य धर्म के लिए नहीं…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“सुरक्षित सरहद से कहीं बेहतर होती है सुरक्षित सेना…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
“कानून एवं व्यवस्था किसी भी राजनीतिक निकाय की दवा हैं, और जब राजनीतिक निकाय बीमार होगा, दवा देनी ही होगी…”
बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर