Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

न्यायालय ने यूट्यूबर आशीष चंचलानी की याचिका पर महाराष्ट्र, असम से जवाब मांगा


नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को यूट्यूबर आशीष चंचलानी की उस याचिका पर महाराष्ट्र और असम सरकारों से जवाब मांगा जिसमें हाल में ऑनलाइन कार्यक्रम ‘‘इंडियाज गॉट लैटेंट” की हाल में प्रसारित कड़ी में कथित रूप से अश्लीलता को बढ़ावा देने के मामले में गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने या मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है.न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने चंचलानी की याचिका को इन्फ्लुएन्सर, पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की लंबित याचिका के साथ नत्थी किया.

असम में दर्ज प्राथमिकी में चंचलानी का नाम शामिल है। हास्य कलाकार समय रैना द्वारा आयोजित यूट्यूब कार्यक्रम में विवादास्पद टिप्पणी को लेकर इस प्राथमिकी में कथित तौर पर इलाहाबादिया को मुख्य आरोपी बताया गया है.
सुनवाई के दौरान पीठ ने चंचलानी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अजय तिवारी से कहा कि उन्हें इस मामले में पहले ही जमानत दी जा चुकी है.

  • तिवारी और अधिवक्ता शुभम कुलश्रेष्ठ ने पीठ से सहमति जताई लेकिन दलील दी कि वह एक ही कार्यक्रम को लेकर कई प्राथमिकी दर्ज करने के खिलाफ हैं.
  • पीठ ने कहा कि वह पहले से ही इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही है और चंचलानी की याचिका को संबंधित याचिकाओं के साथ नत्थी किया जाता है.
  • उच्चतम न्यायालय ने 18 फरवरी को इलाहाबादिया को उनकी टिप्पणियों के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था. न्यायालय ने उनकी टिप्पणियों को ‘अश्लील’ करार देते हुए कहा था कि उनकी ‘सोच गंदी’ है, जो समाज को शर्मसार करती है.
  • रैना के यूट्यूब कार्यक्रम ‘‘इंडियाज गॉट लैटेंट” पर माता-पिता और यौन संबंध पर टिप्पणी के लिए ‘बीयरबाइसेप्स’ के नाम से मशहूर इलाहाबादिया के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं.
यह भी पढ़ें :-  शराब ‘‘घोटाला’’: हाईकोर्ट ने CBI मामले में केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश रखा सुरक्षित

अधिवक्ता शुभम कुलश्रेष्ठ के माध्यम से तैयार और अधिवक्ता मंजू जेटली द्वारा दायर अपनी याचिका में चंचलानी ने साइबर थाना, पुलिस आयुक्तालय, गुवाहाटी अपराध शाखा, असम में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है.
याचिका में अनुरोध किया गया है, ‘‘साइबर थाना पुलिस आयुक्तालय, गुवाहाटी अपराध शाखा, असम में दर्ज प्राथमिकी संख्या… को रद्द करें क्योंकि यह बाद में दर्ज की गई थी।”

यूट्यूबर ने इस आधार पर गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी को मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था कि इस संबंध में महाराष्ट्र में पहले से ही प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने 18 फरवरी को चंचलानी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी और उन्हें 10 दिनों के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा.
चंचलानी के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने कार्यक्रम में कुछ भी नहीं कहा और प्राथमिकी में आरोप केवल सह-आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए थे.

गुवाहाटी पुलिस ने 10 फरवरी को एक व्यक्ति की शिकायत पर भारतीय न्याय समिति (बीएनएस), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button