देश

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम पर न्यायालय का फैसला लंबित है, केंद्र इसमें संशोधन न करे: उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है और अभी इस पर फैसला लंबित है, इसलिए केंद्र सरकार को इस कानून में संशोधन नहीं करना चाहिए. लोकसभा ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पारित किया है जिसके बाद  उमर अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी की है. विधेयक कश्मीरी प्रवासी समुदाय के दो सदस्यों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यक्ति को विधानसभा में मनोनीत करने का प्रावधान करता है.

यह भी पढ़ें

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने पुलवामा में पत्रकारों से कहा, “विधेयक पर हमारी आपत्तियां दो मुद्दों पर हैं. पहला यह कि उच्चतम न्यायालय ने (राज्य के) पुनर्गठन पर अपना फैसला नहीं सुनाया है और वे (सरकार इसमें) बदलाव पर बदलाव ला रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि पार्टी की दूसरी आपत्ति विधानसभा सीटों को मनोनयन के जरिये भरने को लेकर है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “इसे चुनी हुई सरकार पर छोड़ देना चाहिए. यह विधेयक उपराज्यपाल को मनोनयन का अधिकार देता है. इससे स्पष्ट रूप से संदेह पैदा होता है कि यह भाजपा की मदद करने के लिए किया जा रहा है क्योंकि भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती है और इसलिए, वे अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है.”

हालांकि, अब्दुल्ला ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे तो उसके बाद चुनी हुई सरकार बदलावों को रद्द कर सकती है. संशोधन विधेयक पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अदालत का दरवाजा खटखटाने पर विचार करने के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस पहले ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को शीर्ष अदालत में चुनौती दे चुकी है.

यह भी पढ़ें :-  SUPER Exclusive: "जो कांग्रेस नहीं कह पाती मणिशंकर कहते हैं": कांग्रेस नेता के विवादित बयान पर The Hindkeshariसे गृह मंत्री अमित शाह

उन्होंने कहा, “ जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का पूरा मामला अदालत में है. अब अदालत जाना पीडीपी की शायद मजबूरी है, क्योंकि जब हमने पांच अगस्त 2019 ( के फैसले) के खिलाफ शीर्ष अदालत में मामला दायर किया था, तब उन्होंने (पीडीपी ने) उच्चतम न्यायालय का रुख नहीं किया था, तब पीडीपी चुप थी.” अब्दुल्ला ने कहा, “फिलहाल हमें अदालत जाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमारा मामला पहले से ही अदालत में है.”

ये भी पढ़ें:- 
बाढ़ से जूझ रहे चेन्नई में अब तेल रिसाव की समस्या, VIDEO सामने आने के बाद हरकत में आया प्रशासन

 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button