"एक बच्चे की तरह रोना…": मिमिक्री विवाद के बीच तृणमूल सांसद का जगदीप धनखड़ पर तंज
खास बातें
- “अगर कोई कला नहीं समझता है, तो मैं क्या कर सकता हूं?”
- “जाट समुदाय के एक किसान के बेटे का अपमान”
- कल्याण पहली बार 2009 में तत्कालीन CM की आलोचना को लेकर विवादों में घिरे
कोलकाता:
संसद परिसर में अपनी मिमिक्री से सियासी तूफान उठाने वाले तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा है कि अगर कोई “हास्य नहीं समझता” और उसके पास मिमिक्री की सराहना करने के लिए “सभ्य दिमाग” नहीं, तो वह “असहाय” है यानि कुछ नहीं कर सकते. अपने लोकसभा क्षेत्र सेरामपुर में एक राजनीतिक बैठक को संबोधित करते हुए कल्याण बनर्जी ने कहा कि लोकसभा के अंदर मिमिक्री करने वाले पहले व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री की नकल उतारी. सांसद ने कहा, “उन्होंने(प्रधानमंत्री) ऐसा किया, हम मुस्कुराए… हमने कोई आपत्ति नहीं जताई.”
अगर कोई हास्य नहीं समझता, तो मैं असहाय हूं…
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तृणमूल नेता ने दोहराया, मिमिक्री एक कला है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जिन्होंने मिमिक्री की हरकत पर कड़ी आपत्ति जताई है, उनका नाम लिए बिना उन्होंने कहा, “अगर कोई कला नहीं समझता है, तो मैं क्या कर सकता हूं? अगर कोई हास्य नहीं समझता है, अगर किसी के पास सभ्य दिमाग नहीं है, अगर कोई खुद को टारगेट समझता है, तो मैं असहाय हूं.” कल्याण बनर्जी ने कहा, “मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि यह आपके बारे में है… वह दिन-रात रो रहे हैं. आखिर, वह एक बच्चे की तरह इतना क्यों रो रहे हैं?” तृणमूल सांसद ने इसके बाद एक बच्चे की नकल करते हुए अपनी मां से शिकायत की… कि कोई उसे चिढ़ा रहा है.
“जाट समुदाय के एक किसान के बेटे का अपमान”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि तृणमूल सांसद द्वारा की गई नकल की हरकत “शर्मनाक” है, उन्हें दुख हुआ है. जाट समुदाय के एक किसान के बेटे के रूप में उनका अपमान किया गया है. उन्होंने मिमिक्री करते हुए कल्याण बनर्जी का वीडियो बनाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा था. एक किसान के बेटे के रूप में उनका अपमान किए जाने की उपराष्ट्रपति की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए, तृणमूल सांसद ने उन्हें देश के लोगों को यह बताने की चुनौती दी कि उन्होंने एक क्षेत्र में कितने दिन काम किया है. उन्होंने कहा, ”मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के करोड़ों किसान उनके जितनी संपत्ति अर्जित करें.”
कल्याण का तंज- कितनी बार किसानों के लिए केस लड़ा है?
कल्याण बनर्जी ने कहा, “आप कहते हैं कि आप एक किसान के बेटे हैं. आप 20 लाख रुपये का सूट पहनते हैं. कई भारतीय किसान इस सर्दी में एक कंबल भी नहीं खरीद सकते. तो ऐसे पद पर पहुंचने के बाद, आपने उनके घरों में कितने लाख कंबल भेजे हैं, कृपया लोगों को बताएं. आप कहते हैं कि आप किसान के बेटे हैं. फिर हमें बताएं कि वकील के रूप में अपने करियर के दौरान आपने कितनी बार किसानों के लिए केस लड़ा है? मैंने ऐसा किया है. मैंने 40 साल तक गरीबों के लिए केस लड़े हैं.”
क्यों नहीं किया महिला पहलवानों का समर्थन?
सांसद कल्याण बनर्जी ने यह भी सवाल किया कि उपराष्ट्रपति ने ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का समर्थन क्यों नहीं किया, जिन्होंने भाजपा सांसद और पूर्व कुश्ती प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. साक्षी मलिक और अन्य दिग्गज पहलवानों ने भाजपा सांसद पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “आपने एक शब्द भी नहीं बोला, क्यों? कृपया उत्तर दीजिए. इतने ऊंचे पद पर होने के बावजूद बस मैं, मैं, मैं.”
पश्चिम बंगाल में श्रीरामपुर लोकसभा सीट से तीन बार संसद चुने गये बनर्जी पहली बार 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की आलोचना को लेकर विवादों के केंद्र में आए. बनर्जी ने शहर के सांस्कृतिक केंद्र,नंदन में बिताए गए समय को लेकर भट्टाचार्य की आलोचना की थी.
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