दर्द-ए-दिल्लीः जरा सुनिए सरकार, फिर डूब गए हम, क्या कुछ प्लान है तैयार?
नई दिल्ली:
दिल्ली में मॉनसून की पहली बारिश (Delhi Rain) ने शुक्रवार को पिछले 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. सफदरजंग वैधशाला के मुताबिक, जून महीने में औसत 74.1 मिमी से तीन गुना ज्यादा बारिश से दिल्ली पानी में सराबोर हो गई. साल 1936 के बाद से इस महीने में यह सबसे ज्यादा बारिश थी. राजधानी में पिछले दो महीने से झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही थी. मॉनसून के लिए तरस रहे दिल्ली वालों को गर्मी से राहत तो जरूर मिली लेकिन पानी से बुरा हाल हो गया. शुक्रवार को दिल्ली ने ऐसी बारिश हुई, जैसी यहां के लोगों ने पिछले करीब तीन दशक में नहीं देखी होगी. लेकिन सवाल ये है कि दिल्ली का ये हाल देखने के बाद क्या सरकार अभी भी अलर्ट हुई है या अभी भी राजधानी के लोगों को यही हालात झेलने होंगे. क्यों कि अगले एक हफ्ते तक भी दिल्ली को राहत मिलती नहीं दिख रही है.
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दिल्लीवालों को अभी बारिश से राहत नहीं
दिल्ली के नालों की सफाई न होने का आरोप लगातार लग रहा है, जिसकी वजह से पानी जगह-जगह भर रहा है. दिल्ली की मेयर हालात को पहले से बेहतर बता रही हैं. हालांकि उनका कहना है कि हालात देख लिए हैं, अब इससे उबरने के लिए जमीनी स्तर पर काम हो रहा है. देखना होगा कि अगली बारिश में दिल्ली को कितना सुकून मिलता है. 4 जुलाई तक बारिश का यलो से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. सफदरजंग वैधशाला के मुताबिक, दिल्ली में 24 घंटों में 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई. राजधानी में शुक्रवार 2.30 बजे से सुबह 5.30 बजे तक सिर्फ तीन घंटों में 148.5 मिमी बारिश दर्ज की गई. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पूर्वानुमान मॉडल शुक्रवार सुबह दिल्ली में मौसम की चरम घटना का अनुमान लगाने में “विफल” रहा, जब रिकॉर्ड 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई. मूसलाधार बारिश की वजह से पूरा शहर जलमग्न हो गया. मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लए भी बारिश की चेतावनी दी है.
- शनिवार को ऑरेंज अलर्ट, मध्यम से तेज 15.6 mm से 115.5 mm बारिश का अनुमान.
- रविवार को ऑरेंज अलर्ट, तेज से बहुत तेज 64.5 mm से 204.4 mm बारिश का अनुमान
क्या है सरकार की तैयारी?
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘दिल्ली में भारी बारिश को देखते हुए डीटीसी की टीमें ऐसी सभी जगहों और अंडरपास पर तैनात की गई हैं, जहां जलभराव की आशंका है, ताकि दिल्ली सरकार की बसें जलभराव में न फंसें. वहीं उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने भी एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा जलभराव की शिकायतों से निपटने के लिए पानी निकालने वाले पंप तैनात करने का निर्देश दिया.
मंत्री आतिशी के घर में भरा पानी
शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश में दिल्ली की लोक निर्माण विभाग मंत्री आतिशी के घर में पानी भर गया. पहली ही बारिश में दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई. पीडब्ल्यूडी हो एमसीडी, एनडीएमसी या डीडीए सभी की कोशिशें फेल हो गईं. सड़कों पर पानी भरने से कई गाड़ियां पानी में फंस गईं. कई वीवीआईपी इलाके भी पानी में डूब गए. घर भीजलमग्न हो गए. शहर में जलभराव को लेकर विभिन्न आधिकारिक एजेंसियों को 300 से ज्यादा कॉलें मिलीं. दिल्ली फायर ब्रिगेड ने सुबह आजादपुर पुल के नीचे फंसी एक बस से करीब 21 लोगों को बचा लिया. दमकल की तीन गाड़ियां बस यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहीं.
#WATCH | Visuals from outside the residence of Delhi Water Minister Atishi. The area around her residence is inundated following heavy rainfall. pic.twitter.com/GCs9ec4VpW
— ANI (@ANI) June 28, 2024
ज्यादातर इलाकों से निकाला गया पानी
भीषण बारिश के बाद दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में हुए जलभराव को तुरंत क्लियर कर दिया गया.सिर्फ कुछ ही इलाकों में पानी 5 घंटे से ज्यादा भरा रहा, ये जानकारी एक PWD अधिकारी ने दी. दिल्ली के वीवीआईपी लुटियंस जोन में भी इतना पानी भर गया कि सांसदों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो गया. वहीं बारिश की वजह से आईजीआई टर्मिनल-1 पर भी बड़ा हादसा हो गया, जिसमें एक शख्स की जान चली गई.
दिल्ली के किन इलाकों में कितनी बारिश?
शुक्रवार को सुबह 2.30 बजे से 5.30 बजे के बीच अधिकतम 148.5 मिमी और सुबह 5.30 से 8.30 बजे के बीच 74.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. गुरुवार सुबह 8.30 बजे से 11.30 बजे के बीच अतिरिक्त 5.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे 24 घंटे में 228.1 मिमी बारिश हुई. पालम में 106.6 मिमी, लोधी रोड पर 192.8 मिमी और रिज क्षेत्र में 150.4 मिमी बारिश दर्ज की गई.
हालांकि बारिश की वजह से दिल्ली वालों को गर्मी से राहत जरूर मिली है. सफदरजंग वैधशाला में अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री और 1 मई के बाद से सबसे कम है, जबकि एक दिन पहले यह तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस था. न्यूनतम तापमान 24.7 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से तीन डिग्री कम था.