गड्ढा खोद जमीन में दफना दिया जाता शव… बिहार में चैरिटेबल ट्रस्ट की आड़ में मानव अंगों की तस्करी
डीएम मधुसूदन हुल्गी ने कहा कि ट्रस्ट का मामला संज्ञान में है.
पटना:
कौशांबी जिले में संचालित मनोरोगी आश्रय स्थल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. आरोप है कि संस्था का संचालक मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी करता है. अंगों को निकालने के बाद शवों को परिसर में ही जमीन के नीचे दफना दिया जाता था. वहां काम कर चुके अंसार अहमद ने डीएम, एसपी से शिकायत करते हुए मामले में जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की है. मामला सराय अकिल थाना क्षेत्र के मिन्हाजपुर गांव का है.
डीएम ने मामले में टीम गठित कर जांच के आदेश दिए है. पुरखास गांव के रहने वाले अंसार अहमद ने बताया कि मिन्हाजपुर गांव के बाहर जंगल में मनोरोगियों के इलाज के लिए वन अंब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालन तकरीबन पिछले सात आठ सालों से किया जा रहा है. वह पांच साल पहले वहां काम करता था. उसका आरोप है कि संस्था का संचालक मेहंदी अली राजपूत मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी करता है और शव को परिसर में ही गड्ढा खोद कर जमीन के नीचे दफन कर देता है.
आश्रय संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग
अंसार अहमद ने दावा किया कि मनोरोगी की हत्या के बाद जहां शव दफन किया है. वह अपने एक साथी के साथ उस जगह को चिन्हित करा सकता है. उसने परिसर की खोदाई कर जांच के बाद आश्रय संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. शनिवार को उसने मामले की शिकायत एसपी से करते हुए जांच कराकर ट्रस्ट के संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
डीएम मधुसूदन हुल्गी ने कहा कि इस ट्रस्ट का मामला संज्ञान में है. मानव अंग की तस्करी के मामले में हमने आज ही टीम गठित किया है. उस टीम में दिव्यांग कल्याण अधिकारी को भी शामिल किया गया है. डीएम के कहा कि हमारी टीम मौके पर जाकर जांच करेगी. ट्रस्ट के मान्यता को लेकर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट – मोहम्मद बकर
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