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हर तरफ लाशें…अंतिम संस्कार में रॉकेट से हमला, इजरायल-गाजा तबाही में हारती इंसानियत की दर्दनाक कहानी…

ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट के अनुसार यरूशलेम के बाहर सैकड़ों इजरायली अंतिम संस्कार की तैयारी में थे, तभी हवाई हमले के सायरन बजने लगे. गाजा से लॉन्च किए गए रॉकेट आकाश में फटा और अंतिम संस्कार कर रहे लोगों को इजराइल की सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोक दिया गया. वहां मौजूद शोक मनाने वाले लोग जमीन पर गिर पड़े और चुपचाप लेट गए. वे लोग गिरने वाले मलबे से खुद को बचाने की कोशिश करते दिखे.

 ‘क्रूरता के एक और स्तर को पार किया…’ 

दो सैनिकों की 54 वर्षीय मां केली मेयर्स ने कहा, “यह पूरी तरह से अवास्तविक था और यह क्रूरता का एक और स्तर को पार किया जा रहा है. बता दें कि नेस हरीम के ग्रामीण शहर के 20 वर्षीय सैनिक, द्वितीय लेफ्टिनेंट यानाई कामिंका की शनिवार को मौत हो गई थी, जब वह गाजा के फिलिस्तीनी आतंकवादियों से लड़ रहे थे. सैन्य ठिकानों और रेगिस्तान में उपद्रव मचाते हुए, हमास के बंदूकधारियों ने 1,200 इजरायलियों को मार डाला, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक थे. साथ ही लोगों को बंधक बना लिया और उन्हें वापस गाजा लेकर चले गए.

‘एक ही दिन में सबसे बड़ा घातक हमला’

करीब 10 मिलियन लोगों का देश अपने 75 साल के इतिहास में एक ही दिन में सबसे घातक हमले का सामना कर रहा है. कोई भी भय, सदमे और दुख से अछूता नहीं रहा है, क्योंकि परिवारों की उनके बिस्तरों में हत्या और सड़कों पर गोलियों से खुलेआम भून दिया.

बिजली, भोजन, पानी…सबकुछ बंद 

वहीं, 23 लाख लोगों की घनी आबादी वाले गाजा पट्टी में नागरिक तब से डर में जी रहे हैं, जब से हमास और इजरायल के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है. गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार सुबह तक 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. डर के साए में बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं, लेकिन उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है, इजरायल और मिस्र दोनों ने अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं. इज़रायल ने अब गाजा की पूरी घेराबंदी की घोषणा कर दी है, बिजली, भोजन और पानी की आपूर्ति को प्रभावी ढंग से अवरुद्ध कर दिया है, कोई केवल कल्पना कर सकता है कि युद्धरत शक्तियों की गोलीबारी के बीच गाजा पट्टी के निवासियों के लिए जीवन कितना मुश्किल होगा.

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‘हम उन्हें कुचल देंगे…’

इज़रायली प्रधानमंत्री ने अपने बयान में पिछले शनिवार को हमास की तरफ़ से हुए अचानक हमले के बाद पहली बार हमास को पूरी तरह ‘तबाह’ कर देने के इज़राइली इरादे को साफ़ तौर पर ज़ाहिर किया. टेलीविज़न पर प्रसारित किए गए संक्षिप्त बयान में बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हमास दाएश (इस्लामिक स्टेट समूह) है. हम उन्हें कुचल देंगे, नष्ट कर देंगे, जिस तरह दुनिया ने दाएश को नष्ट कर दिया है…”

हमास द्वारा हमला शुरू करने के बाद से इजराइल में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. अभिभावक कार्यालय में रिपोर्ट करने से डरते हैं. दक्षिणी और मध्य इजराइल में 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन अंत्येष्टि पर इसे लागू नहीं किया गया है. मनोरंजन और सांस्कृतिक स्थल बंद हैं. कैफ़ स्वयंसेवकों से भरे हुए हैं जो अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों और जरूरतमंद नागरिकों के लिए जरूरतें पूरी कर रहे हैं.

मंगलवार तक पूरे क्षेत्र में 260,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं और इजरायली हवाई हमले जारी रहने के कारण यह संख्या बढ़ती जा रही है. मध्य गाजा पट्टी में दो बच्चों की 37 वर्षीय मां माजदा मुहरेब ने कहा कि पूरे पड़ोस का नामोनिशान मिट गया. कोई सुरक्षित जगह नहीं है.

इजरायल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध (Israel Gaza War) से यहां के नागरिकों का बुरा हाल है. खौफ का कुछ ऐसा माहौल है कि सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोग अपने घरों में छिपे रहने के लिए मजबूर हैं. हालात इतने खराब है कि लोग मृत लोगों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं. अंतिम संस्कार कर रहे लोगों पर भी रॉकेट से हमले हो रहे हैं.

यरूशलेम के बाहर सैकड़ों इजरायली अंतिम संस्कार की तैयारी में थे, तभी हवाई हमले के सायरन बजने लगे. गाजा से लॉन्च किए गए रॉकेट आकाश में फटा और अंतिम संस्कार कर रहे लोगों को इजराइल की सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोक दिया गया. वहां मौजूद शोक मनाने वाले लोग जमीन पर गिर पड़े और चुपचाप लेट गए. वे लोग गिरने वाले मलबे से खुद को बचाने की कोशिश करते दिखे.

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 ‘क्रूरता के एक और स्तर को पार किया…’ 

दो सैनिकों की 54 वर्षीय मां केली मेयर्स ने कहा, “यह पूरी तरह से अवास्तविक था और यह क्रूरता का एक और स्तर को पार किया जा रहा है. बता दें कि नेस हरीम के ग्रामीण शहर के 20 वर्षीय सैनिक, द्वितीय लेफ्टिनेंट यानाई कामिंका की शनिवार को मौत हो गई थी, जब वह गाजा के फिलिस्तीनी आतंकवादियों से लड़ रहे थे. सैन्य ठिकानों और रेगिस्तान में उपद्रव मचाते हुए, हमास के बंदूकधारियों ने 1,200 इजरायलियों को मार डाला, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक थे. साथ ही लोगों को बंधक बना लिया और उन्हें वापस गाजा लेकर चले गए.

‘एक ही दिन में सबसे बड़ा घातक हमला’

करीब 10 मिलियन लोगों का देश अपने 75 साल के इतिहास में एक ही दिन में सबसे घातक हमले का सामना कर रहा है. कोई भी भय, सदमे और दुख से अछूता नहीं रहा है, क्योंकि परिवारों की उनके बिस्तरों में हत्या और सड़कों पर गोलियों से खुलेआम भून दिया.

बिजली, भोजन, पानी…सबकुछ बंद 

वहीं, 23 लाख लोगों की घनी आबादी वाले गाजा पट्टी में नागरिक तब से डर में जी रहे हैं, जब से हमास और इजरायल के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है. गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार सुबह तक 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. डर के साए में बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं, लेकिन उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है, इजरायल और मिस्र दोनों ने अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं. इज़रायल ने अब गाजा की पूरी घेराबंदी की घोषणा कर दी है, बिजली, भोजन और पानी की आपूर्ति को प्रभावी ढंग से अवरुद्ध कर दिया है, कोई केवल कल्पना कर सकता है कि युद्धरत शक्तियों की गोलीबारी के बीच गाजा पट्टी के निवासियों के लिए जीवन कितना मुश्किल होगा.

‘हम उन्हें कुचल देंगे…’

इज़रायली प्रधानमंत्री ने अपने बयान में पिछले शनिवार को हमास की तरफ़ से हुए अचानक हमले के बाद पहली बार हमास को पूरी तरह ‘तबाह’ कर देने के इज़राइली इरादे को साफ़ तौर पर ज़ाहिर किया. टेलीविज़न पर प्रसारित किए गए संक्षिप्त बयान में बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हमास दाएश (इस्लामिक स्टेट समूह) है. हम उन्हें कुचल देंगे, नष्ट कर देंगे, जिस तरह दुनिया ने दाएश को नष्ट कर दिया है…”

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हमास द्वारा हमला शुरू करने के बाद से इजराइल में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. अभिभावक कार्यालय में रिपोर्ट करने से डरते हैं. दक्षिणी और मध्य इजराइल में 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन अंत्येष्टि पर इसे लागू नहीं किया गया है. मनोरंजन और सांस्कृतिक स्थल बंद हैं. कैफ़ स्वयंसेवकों से भरे हुए हैं जो अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों और जरूरतमंद नागरिकों के लिए जरूरतें पूरी कर रहे हैं.

मंगलवार तक पूरे क्षेत्र में 260,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं और इजरायली हवाई हमले जारी रहने के कारण यह संख्या बढ़ती जा रही है. मध्य गाजा पट्टी में दो बच्चों की 37 वर्षीय मां माजदा मुहरेब ने कहा कि पूरे पड़ोस का नामोनिशान मिट गया. कोई सुरक्षित जगह नहीं है.

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