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गाजा पट्टी में इजरायल के घातक हमले, 40 लोगों की मौत; 60 घायल

हमास के हमले के बाद से गाजा पट्टी पर इजरायली हमले लगातार जारी हैं. 10 सितंबर की सुबह इजरायली सेना ने फिलिस्तीनी क्षेत्र के दक्षिण में हमला किया, इस हमले में 40 लोग मारे गए और 60 लोगों के घायल होने की खबर है. इजरायली सेना ने अल-मवासी इलाके में एक टेंट कैंप में 4 मिसाइल दागी. ये हमला गाजा के खान यूनिस शहर के अल-मवासी इलाके में किया गया है.

20 टेंटों में लगी आग

गाजा के खान यूनिस शहर में जिस जगह को निशाना बनाया गया, ये वही इलाका है जिसको इजरायली सेना ने युद्ध शुरू होने पर सुरक्षित इलाका बताया था. जिसके बाद हजारों फिलिस्तीनियों ने यहां शरण ली थी, लेकिन अब यहां के हालात कुछ और ही हैं. मिली जानकारी के मुताबिक हमले से 20 टेंटों में आग लगी है. हमले के बाद अब इजरायली सेना का बयान भी सामने आया है।.

हमले पर क्या बोली इजरायली सेना

हमले के बारे में जानकारी देते हुए इजरायली सेना ने कहा है कि उन्होंने खान यूनिस में हमास के कमांड सेंटर को निशाना बनाया था. इजरायली सेना का कहना है कि अंदर हमास के आतंकवादी काम कर रहे थे जिनपर हमला किया गया है. हालांकि हमास ने इस बात से साफ इंकार किया है. हमास ने कहा कि हमने कई बार इंकार किया है कि उसके कोई भी सदस्य नागरिक सभाओं में मौजूद नहीं हैं न ही इनका सैन्य उद्देश्यों से इस्तेमाल कर रहे हैं. 

अब तक 40 हजार से अधिक मौतें

बता दें कि इजराइल और फिलिस्तीनी समूह हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग छिड़ी है. इसकी शुरुआत तब हुई जब हमास के बंदूकधारियों ने गाजा से इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए. हमास ने इजरायल पर हमला कर करीब 1,200 लोगों को मार दिया था, करीब 250 लोगों को बंधक बनाया गया था. हमले के बाद इजरायल ने भी हमास के खिलाफ जंग का ऐलान किया था.

यह भी पढ़ें :-  "गाजा के लोग अगर मिस्र गए तो इजरायल उन्हें कभी वापस आने नहीं देगा", The Hindkeshariसे बोले  फिलिस्तीन नेता

गाजा पर इजरायली हमले में अब तक 40,900 से अधिक फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार का कहना है कि मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं. इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम कराने और इजराइली बंधकों को रिहा कराने की कोशिश जारी है. इसमें अमरीका और मिस्र के साथ साथ कतर भी बेहद अहम भूमिका निभाता आ रहा था. हालांकि गाजा में युद्ध विराम करने की कोशिशें बेहद मुश्किल भरी और ज्यातादर नाकाम साबित होती आ रही हैं.

( The Hindkeshariके लिए जया तिवारी की खबर)


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