OpenAI पर सवाल उठाने वाले भारतीय अमेरिकी सुचिर बालाजी की मौत, जानिए पूरा मामला
Suchir Balaji Death: OpenAI के लिए काम कर चुके और फिर इस कंपनी के खिलाफ आवाज उठाने वाले विह्सलब्लोअर भारतीय-अमेरिकी एआई रिसर्चर सुचिर बालाजी की मौत हो चुकी है. सैन फ्रांसिस्को पुलिस के अनुसार, 26 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को वाले अपार्टमेंट में सुचिर का शव मिला. पुलिस का कहना है कि सुचिर ने आत्महत्या की है.
सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग के प्रवक्ता रॉबर्ट रुएका ने फोर्ब्स को बताया, “प्रारंभिक जांच के दौरान सुचिर की मौत में किसी साजिश का कोई सबूत नहीं मिला है.”
द मर्करी न्यूज के अनुसार, बालाजी 26 नवंबर को अपने बुकानन स्ट्रीट अपार्टमेंट के अंदर मृत पाए गए थे. सुचिर के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने नवंबर 2020 से अगस्त 2024 तक OpenAI के लिए काम किया था.
अरबपति एलन मस्क का OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन के साथ लंबे समय से झगड़ा है. मस्क ने X पर सुचिर के मामले पर “हम्म” लिखकर मामले को संदेहजनक बना दिया है.
Hmm https://t.co/HsElym3uLV
— Elon Musk (@elonmusk) December 14, 2024
OpenAI को 2015 में एलन मस्क और सैम ऑल्टमैन ने संयुक्त रूप से स्थापित किया था. तीन साल बाद, मस्क ने OpenAI छोड़ दिया और एक और प्रतिद्वंद्वी स्टार्ट-अप xAI की स्थापना की. पिछले महीने, मस्क ने आरोप लगाया कि OpenAI अपनी मोनोपोली चलाता है.
चार साल तक ओपनएआई के लिए शानदार काम कर चुके और चैट जीपीटी के डेवलपमेंट में बड़ी भूमिका निभा चुके बालाजी दुनिया भर की नजरों में उस समय आए थे, जब उन्होंने Open Ai पर कई आरोप लगाए थे.
अक्टूबर में, सुचिर बालाजी ने आरोप लगाया था कि OpenAI कॉपीराइट कानून का उल्लंघन कर रहा है.उन्होंने द न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि चैटजीपीटी जैसी तकनीकें इंटरनेट को नुकसान पहुंचा रही हैं. अक्टूबर में एक्स पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में, बालाजी ने एआई के उचित उपयोग और जनरेटिव के बारे में भी लिखा था.
I recently participated in a NYT story about fair use and generative AI, and why I’m skeptical “fair use” would be a plausible defense for a lot of generative AI products. I also wrote a blog post (https://t.co/xhiVyCk2Vk) about the nitty-gritty details of fair use and why I…
— Suchir Balaji (@suchirbalaji) October 23, 2024
सुचिर का कहना था कि ChatGPT बनाने के लिए बिना अनुमति के पत्रकारों, लेखकों, प्रोग्रामरों आदि के भी कॉपीराइटेड मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है, जिसका सीधा असर कई बिजनेसों और कारोबारों पर पड़ेगा. उनकी नॉलेज और गवाही से ओपनएआई के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों में बड़ा असर पड़ सकता था.
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