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दिल्ली चुनाव 2025: दलित बहुल सीटों के लिए बीजेपी ने ऐसे की तैयारी, कितने बूथ जीतने की योजना


नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के काफी पहले से ही जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया था. इस आधार पर उसे उम्मीद है कि दलितों के प्रभाव वाली विधानसभा सीटों पर उसके प्रदर्शन में सुधार होगा. दिल्ली की 70 सदस्यों वाली विधानसभा में अनुसूचित जाति के लिए 12 सीटें आरक्षित हैं. पिछले दो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने इन सभी 12 सीटों पर जीत दर्ज की है. दिल्ली में एससी के लिए आरक्षित सीटों पर बीजेपी का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1993 में रहा था, जब उसने 13 में से आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी.दिल्ली में कांग्रेस एक बार और आम आदमी पार्टी लगातार दो बार इन सभी सीटों को जीत चुकी है. 

दिल्ली में दलित वोटों का गणित

दिल्ली में एससी के लिए आरक्षित 12 सीटों के अलावा करीब ढाई दर्जन ऐसी सीटें हैं, जिन पर दलित समुदाय के मतदाता 17 से 45 फीसद तक हैं. बीजेपी नेताओं के मुताबिक 12 आरक्षित सीटों के अलावा, राजेंद्र नगर, चांदनी चौक, आदर्श नगर, शाहदरा, तुगलकाबाद, बिजवासन सहित 18 अन्य सीट हैं, जहां अनुसूचित जाति समुदाय के वोट 25 फीसद तक हैं. बीजेपी ने इन सीटों को जीतने का लक्ष्य बनाया है. इन सीटों पर बीजेपी ने पिछले कई महीनों से काम किया है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करते बीजेपी के नेता.

पिछले कुछ महीनों में इन 30 निर्वाचन क्षेत्रों की झुग्गियों और अनधिकृत कॉलोनियों में अनुसूचित जाति कार्यकर्ताओं के माध्यम से व्यापक संपर्क अभियान चलाया गया है. दिल्ली बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मोहन लाल गिहारा ने कहा कि इन सभी 30 सीटों पर समुदाय के सदस्यों के बीच केंद्रित संपर्क के लिए अनुसूचित जाति के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को विस्तारक के रूप में नियुक्त किया गया था.उन्होंने कहा कि इन विस्तारकों ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न इलाकों और आवासीय क्षेत्रों में व्यक्तियों से संपर्क करने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर 10 दलित युवाओं को तैनात किया.उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ऐसे 5,600 से अधिक मतदान केंद्रों की पहचान की है, जिनमें से 1,900 से अधिक बूथ पर विशेष ध्यान दिया गया है.

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दलित बहुल सीटों पर बीजेपी की क्या है तैयारी

पार्टी नेताओं ने कहा कि मतदाताओं से संवाद करने और उन्हें मोदी सरकार द्वारा समुदाय के लिए किए गए कामों और आम आदमी पार्टी (आप) के 10 साल के शासन की विफलताओं के बारे में समझाने की पूरी कवायद में 18 हजार से अधिक सक्रिय कार्यकर्ताओं का नेटवर्क शामिल था.उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में बीजेपी ने पार्टी के 55 बड़े दलित नेताओं को शामिल किया. इनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इन निर्वाचन क्षेत्रों में बैठकों के लगातार दौर आयोजित किए गए.

बीजेपी नेता ने बताया कि इसके अलावा संपर्क को और मजबूती प्रदान करने के लिए आस-पड़ोस में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले प्रमुख मतदाताओं के रूप में पहचाने गए समुदाय के करीब साढ़े तीन हजार लोगों से संपर्क किया गया. बीजेपी ने दिसंबर से इन निर्वाचन क्षेत्रों में राजनीतिक प्रभावशाली लोगों, पेशेवरों और समुदाय के प्रमुख स्थानीय लोगों को सम्मानित करने के लिए अनुसूचित जाति स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित करना शुरू किया.

गिहारा ने कहा, ”अब तक 15 ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं और प्रत्येक में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता मौजूद रहे हैं. इन बड़ी बैठकों में समुदाय का बहुत समर्थन दिखाई दिया, जिसमें प्रत्येक बैठक में दलित समुदाय के 1,500-2,500 आम सदस्यों ने भाग लिया.” 

दिल्ली की 70 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए पांच फरवरी को एक चरण में मतदान कराया जाएगा. आठ फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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