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अमित शाह के फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री को किया समन

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृहमंत्री (Union Home Minister) अमित शाह के फेक वीडियो से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को समन भेजा है. उन्हें 1 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. दरअसल, अमित शाह (Amit Shah) के भाषण का एक फेक वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वो कथित तौर पर कहते सुनाई देते हैं कि, “भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो गैर-संवैधानिक एससी, एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन को हम समाप्त कर देंगे.” फेक वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस को शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर केस दर्ज किया गया था.  दिल्ली पुलिस की तरफ से इस मामले में 153/153A/465/469/171G IPC और 66C IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

वास्तव में, गृह मंत्री ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन वीडियो से छेड़छाड़ कर यह जताने की कोशिश की गई कि वह सभी वर्गों के लिए आरक्षण समाप्त करने की बात कर रहे हैं.

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अमित मालवीय ने लगाया था गंभीर आरोप

इससे पहले भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया था कि तेलंगाना कांग्रेस का एक धरा अमित शाह के छेड़छाड़ किये हुए वीडियो को वायरल कर रहा है जिससे बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती है. सूत्र ने बताया, “मामले की जांच चल रही है. हम वीडियो के मूल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. जिन लोगों ने इसे पोस्ट किया है उनसे पूछताछ की जाएगी और जांच में शामिल होने के लिए उन्हें नोटिस दिये जायेंगे.”

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बीजेपी और गृहमंत्रालय ने दर्ज करवायी थी शिकायत

भाजपा  और केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा के आईएफएसओ ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. आईपीसी की धारा 153, 153ए, 465,469 तथा 171जी, और आईटी एक्ट की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज किया गया है.  एफआईआर में, जिसकी कॉपी आईएएनएस के पास उपलब्ध है, गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि “फेसबुक और ट्विटर (अब एक्स) के यूजरों द्वारा कुछ छेड़छाड़ किये गये वीडियो” सर्कुलेट करने की जानकारी मिली है. 

शिकायत में मंत्रालय ने वीडियो के लिंक भी साझा किये थे.  इस वीडियो के सामने आने के बाद विवाद पैदा हो गया था जिससे ऐसा लगता है कि गृह मंत्री अमित शाह की मंशा अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटा) ओर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण समाप्त करने की है. 

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