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भगवान राम, अयोध्या के मंदिर की छवि वाले भगवा झंडों की मांग कई गुना बढ़ी

भव्य आयोजन में दो सप्ताह से भी कम समय बचा है, और अयोध्या में धार्मिक उत्साह का माहौल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘‘अयोध्या राममयी हो रही है.”

स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, भगवान राम और निर्माणाधीन राम मंदिर की छवि वाले भगवा झंडों के साथ ही अक्सर कारों की पिछली विंडशील्ड पर देखे जाने वाले ‘जय श्रीराम’ के नारे और भगवान हनुमान की छवि की काफी मांग है.

स्थानीय निवासियों ने बताया कि राम मंदिर मुद्दे पर 2019 के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से भगवा झंडों की मांग बढ़ रही है. 

रामपथ पर एक रेस्तरां चलाने वाले प्रदीप गुप्ता ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताहों में और विशेष रूप से नये राम मंदिर में होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के कारण, इसकी मांग बहुत है.”

उन्होंने कहा, ‘‘भगवान राम और निर्माणाधीन राम मंदिर की छवि वाले भगवा झंडे, विशेष रूप से श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं.”

उन्होंने बताया कि पहले लोग अपने घरों की छतों पर ऐसे झंडे नहीं लगाते थे, लेकिन अब ये झंडे हर जगह देखे जा सकते हैं, खासकर घरों पर. 

शीर्ष अदालत ने एक सदी से भी अधिक पुराने विवादास्पद मुद्दे का निपटारा करते हुए एक ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया था और फैसला सुनाया था कि शहर में मस्जिद के लिए पांच एकड़ का वैकल्पिक भूखंड खोजा जाना चाहिए.

फैजाबाद शहर के सहादतगंज और लता मंगेशकर चौक के बीच 13 किलोमीटर लंबे पुनर्विकसित रामपथ पर चलते हुए, सड़क के दोनों ओर विभिन्न दुकानों के बगल में और नव निर्मित पैदल यात्री मार्गों पर झंडों के भंडार देखे जा सकते हैं.

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स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि झंडे विभिन्न आकारों में हैं और इनकी कीमत 50 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में शुरू हुए कई अनुष्ठानों और ‘शोभा यात्राओं’ के कारण भी इनकी मांग बढ़ी है.

बृहस्पतिवार को, पीले कपड़े पहने सैकड़ों महिलाओं ने शहर के मध्य में एक ‘शोभा यात्रा’ में भाग लिया. इनमें से कई महिलाओं ने भगवा झंडे लिए हुए थे.

रोजाना कमा रहे 10 से 12 हजार रुपये 

भगवा झंडे समेत धार्मिक वस्तुएं बेचने वाले दुकानदार मुकेश कुमार ने कहा, ”यहां ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से पहले हमारा कारोबार बढ़ गया है.” उन्होंने कहा, ‘‘बिक्री बढ़ गई है क्योंकि अयोध्या में कई स्थानों पर यज्ञ किए जा रहे हैं और अन्य स्थानों से भी मांग आ रही है. इन झंडों का उपयोग कथा और भागवत के दौरान भी किया जाता है. हम थोक दरों पर बिक्री करते हैं और प्रति दिन लगभग 10,000-12,000 रुपये कमा रहे हैं.”

पीएम के रोड शो के दौरान लगे थे भगवा झंडे 

मोदी ने 30 दिसंबर को अयोध्या का दौरा किया था और उनके आगमन के दिन, मुख्य शहर और अयोध्या बाईपास के किनारे, बड़ी संख्या में घरों की छतों और बालकनियों पर भगवा झंडे लगे हुए थे. उनके रोड शो के दौरान, सड़कों के किनारे खड़े कई निवासी भी झंडे लिए हुए देखे गए जो जयकार कर रहे थे. 

23 जनवरी से दर्शन की दी गई है सलाह 

जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तिथि नजदीक आ रही है, बड़ी संख्या में लोग राम लला के दर्शन के लिए आसपास के शहरों और जिलों से अयोध्या आ रहे हैं, क्योंकि लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस अवसर को अपने घरों, मंदिर और आसपास के धार्मिक स्थानों पर मनाएं और पवित्र शहर में दर्शन 23 जनवरी से करें.

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यहां आने वाले खरीद रहे भगवा झंडे 

जौनपुर के राज कुमार दुबे ने कहा कि वह एक स्थानीय ग्रामीण निकाय के सदस्य हैं और आगामी समारोह को लेकर बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा, ”मैं इन झंडों को घर ले जाने के लिए खरीद रहा हूं. हम इन्हें गांवों में वितरित करेंगे और मैं ऐसा इसलिए करूंगा क्योंकि यह मेरे लिए खुशी की बात है.” गोंडा से आयीं सुभया शुक्ला ने कहा कि उन्होंने घर लौटने पर अपने घर की छत पर फहराने के लिए एक बड़े आकार का झंडा खरीदा है. 

दुकानदारों के अनुसार, राम मंदिर की लकड़ी की प्रतिकृति, धातु की अंगूठियां, लॉकेट और भगवान राम के नाम और छवियों वाली वस्तु की भी अयोध्या में भारी मांग है.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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