सिर्फ संविधान में ही नहीं, भारत के जीन में भी है लोकतंत्र : पीएम मोदी
न्यूजवीक की ओर से पीएम मोदी से उनके नेतृत्व में हुई भारत की आर्थिक प्रगति, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, पर्यावरण से जुड़े मामलों, चीन के साथ भारत के रिश्ते और कथित तौर पर प्रेस की स्वतंत्रता में कटौती किए जाने के अलावा मुसलमानों को साथ लेकर नहीं चलने जैसे आरोपों और आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर लिखित सवाल पूछे गए. इन सवालों के उन्होंने सिलसिलेवार जवाब दिए.
आगामी लोकसभा चुनाव
पीएम मोदी ने कहा कि, हमारे पास अपने वादों को पूरा करने का शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है. यह लोगों के लिए बहुत बड़ी बात है, क्योंकि वे ऐसे वादे सुनने के आदी थे जो कभी पूरे नहीं होते थे. हमारी सरकार ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के आदर्श वाक्य के साथ काम किया है.
उन्होंने कहा कि, लोगों को भरोसा है कि अगर हमारे कार्यक्रमों का लाभ किसी और को मिला है तो उन तक भी पहुंचेगा. लोगों ने देखा है कि भारत 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. अब देश की आकांक्षा है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने.
लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता
पीएम मोदी ने कहा कि, हम एक लोकतंत्र हैं, केवल इसलिए नहीं कि हमारे संविधान में ऐसा कहा गया है, बल्कि इसलिए भी कि यह हमारे जीन में है. भारत लोकतंत्र की जननी है. तमिलनाडु के उत्तरामेरूर में आप भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में 1100 से 1200 साल पुराने शिलालेख देख सकते हैं. दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र में 2019 के आम चुनावों में 600 मिलियन से अधिक लोगों ने मतदान किया. अब कुछ महीनों में 970 मिलियन से अधिक पात्र मतदाता अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करेंगे. पूरे भारत में 10 लाख से अधिक पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. मतदाताओं की लगातार बढ़ती भागीदारी भारतीय लोकतंत्र के प्रति लोगों की आस्था का बहुत बड़ा प्रमाण है.
उन्होंने कहा कि, भारत जैसा लोकतंत्र केवल इसलिए आगे बढ़ने और काम करने में सक्षम है क्योंकि वहां एक फीडबैक का एक जीवंत तंत्र है. हमारा मीडिया इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हमारे यहां करीब 1.5 लाख रजिस्टर्ड मीडिया प्रकाशन और सैकड़ों समाचार चैनल हैं.
भारत और पश्चिम में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने भारत के लोगों के साथ अपनी विचार प्रक्रियाओं, भावनाओं और आकांक्षाओं को खो दिया है. यह लोग वैकल्पिक वास्तविकताओं के अपने इको चैंबर में भी रहते हैं. वे मीडिया की स्वतंत्रता कम होने के असंगत संदिग्ध दावों के साथ लोगों को अपने साथ जोड़ते हैं.
इन्फ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण
पीएम मोदी ने कहा कि, पिछले एक दशक में भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलाव की गति तेज हो गई है. पिछले 10 सालों में हमारा नेशनल हाई-वे नेटवर्क 60 प्रतिशत बढ़ गया है. यह 2014 में 91,287 किलोमीटर था जो 2023 में बढ़कर 146,145 किलोमीटर हो गया है. हमारे हवाई अड्डे दोगुने हो गए हैं. यह 2014 में 74 थे, जो कि 2024 में बढ़कर 150 से अधिक हो गए हैं. हमने अपने बंदरगाहों की क्षमता बढ़ाई है. हमने अपने नागरिकों की सुविधा के लिए टेक-स्मार्ट “वंदे भारत” ट्रेनें शुरू की हैं और आम लोगों को फ्लाइट की सुविधा देने के लिए उड़ान (UDAN) योजना शुरू की है.
पीएम मोदी ने कहा कि, हमारे भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और जलवायु परिवर्तन से लड़ने की हमारी प्रतिबद्धता के बीच कोई विरोधाभास नहीं है. वास्तव में भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर कैसे विकसित किया जाए और फिर भी क्लाइमेट चेंज को कम करने में सबसे आगे कैसे रहें, इसका एक भरोसेमंद मॉडल पेश करता है. चाहे वह रूफ टॉप सोलर प्रोग्राम के माध्यम से 10 मिलियन घरों को रोशन करना हो या सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों के जरिए किसानों को सशक्त बनाना हो, चाहे 400 मिलियन एनर्जी एफीशिएंट बल्ब का वितरण करना हो या 13 मिलियन एफीशिएंट स्ट्रीटलाइटें लगाना सुनिश्चित करना या फिर ईवी को सबसे तेजी से अपनाना हो… हवाई अड्डे हों या रेलवे स्टेशन या पुल, हमारा इन्फ्रास्ट्रक्चर नवीकरणीय ऊर्जा का फायदा उठा रहा है.
भारत की चीन से प्रतिस्पर्धा
पीएम मोदी ने कहा कि, एक लोकतांत्रिक राजनीति और ग्लोबल इकानॉमिक ग्रोथ इंजन के तौर पर भारत उन लोगों के लिए एक स्वाभाविक पसंद है जो अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाना चाहते हैं. हमने बदलाव लाने वाले आर्थिक सुधार किए हैं. जीएसटी, कॉर्पोरेट कर में कटौती, दिवालियापन संहिता, श्रम कानूनों में सुधार, एफडीआई मानदंडों में छूट.. इन महत्वपूर्ण सुधारों से व्यापार करने में आसानी हुई है. हम अपने रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, अपनी कराधान प्रथाओं के साथ-साथ अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारा मानना है कि वह देश जिसकी आबादी दुनिया का छठा हिस्सा है, इन क्षेत्रों में ग्लोबल स्टैंडर्ड को अपनाएगा, तो इसका दुनिया पर बड़ा सकारात्मक असर पड़ेगा.
हमारी ताकत को देखते हुए भारत को अब विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी लागत पर विश्व स्तरीय सामान का निर्माण करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. दुनिया के लिए प्रोडक्शन के अलावा विशाल भारतीय घरेलू बाजार एक अतिरिक्त आकर्षण है. भारत उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है जो विश्वसनीय और लचीली सप्लाई चेन स्थापित करना चाहते हैं.