देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने ली डिप्टी CM की शपथ
मुंबई:
देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं. मुंबई के आजाद मैदान में फडणवीस ने CM पद की शपथ ली. उनके साथ NCP नेता अजित पवार ने डिप्टी CM की शपथ ली है. तमाम सस्पेंस को दरकिनार करते हुए एकनाथ शिंदे ने भी डिप्टी CM की शपथ ली है. नई सरकार के कैबिनेट मंत्रियों का ऐलान बाद में होगा.
शपथ के बाद PM मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस को बधाई दी है. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीपी प्रमुख अजित पवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी. वहीं, PM मोदी ने शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई देते नजर आए.
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देवेंद्र फडणवीस 2014 से 2019 में पहली बार CM बने थे. 2019 में अजित पवार की मदद से वो CM बने, लेकिन दो दिन बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. पिछली बार एकनाथ शिंदे सरकार में वे डिप्टी CM रह चुके हैं. अजित पवार छठी बार डिप्टी CM बनेंगे. वे महाविकास अघाड़ी और महायुति सरकार में डिप्टी CM रह चुके हैं.
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री समेत तमाम नेता मौजूद रहे. इसके साथ ही शाहरूख खान, सलमान खान, संजय दत्त, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, सचिन तेंदुलकर समेत कई सेलेब्रिटी भी कार्यक्रम में मौजूद थे. अदाणी एंटरप्राइजेज से मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव अदाणी और उद्योगपति कुमार मंगलम बिरला ने भी शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की.
महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में फडणवीस के नाम पर बुधवार को मुहर लगाई गई थी. इसके बाद, फडणवीस, शिंदे और पवार ने 4 दिसंबर को राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से मिलकर महायुति सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की थी. उसने 288 में से 235 सीटों पर विजय हासिल की थी. यह परिणाम भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जो 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा, जिसमें कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटें मिली थीं. गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) को सिर्फ 10 सीटें मिली थीं.