क्या कांग्रेस ने घोषणापत्र में 'संपत्ति के पुनर्वितरण' का वादा किया…? जानें सच…
वैसे तो कांग्रेस ने पित्रोदा के इस बयान से किनारा कर लिया है और साथ ही सैम पित्रोदा ने भी अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि वो अमेरिका में लागू विरासत टैक्स पर केवल अपने विचार प्रकट कर रहे थे. एक्स पर एक पोस्ट करते हुए पित्रोदा ने लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका में विरासत टैक्स पर एक व्यक्ति के रूप में मैंने जो कहा, उसे कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में प्रधानमंत्री द्वारा फैलाए जा रहे झूठ से ध्यान भटकाने के लिए तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है.”
बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि पार्टी ने अपने घोषणापत्र में भारतीयों की संपत्ति जब्त करने और पुनर्वितरित करने का वादा किया है लेकिन वो इस आरोप से इनकार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “यह कांग्रेस का घोषणापत्र कहता है. वो (हमारी) मां और बहनों के पास जो सोना है, उसका जायजा लेंगे, वो उसे गिनेंगे और आकलन करेंगे और फिर उस धन को वितरित करेंगे वो इसे उन लोगों को देंगे जो डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था – कि मुसलमानों के पास देश की संपत्ति पर पहला अधिकार है.”
क्या कांग्रेस के घोषणापत्र में किया गया है विरासत टैक्स का वादा?
लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने आय असमानता, भारत की संपत्ति, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों और सरकारी भूमि और संसाधनों के आवंटन के संबंधन में कई बयान दिए हैं. घोषणापत्र में एक बिंदू में कहा गया है, “कांग्रेस जातियों और उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना आयोजित करेगी. आंकड़ों के आधार पर, हम सकारात्मक कार्रवाई के एजेंडे को मज़बूत करेंगे और इसे ‘न्याय पत्र’ कहा गया है”.
एक अन्य बिंदू में कांग्रेस ने कहा, “भारत की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए अल्पसंख्यकों का आर्थिक सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण कदम है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बैंक बिना किसी भेदभाव के अल्पसंख्यकों को संस्थागत ऋण प्रदान करेंगे.”
लेकिन घोषणापत्र में कहीं भी कांग्रेस ने यह दावा नहीं किया है कि वो अमीरों की विरासत ज़ब्त कर लेगी और उसे गरीबों में बांट देगी. पार्टी ने डेटा इकट्ठा करने और उसके अनुसार सकारात्मक कार्रवाई नीति लागू करने के लिए जाति जनगणना का वादा किया है. राहुल गांधी ने जनगणना को भारत का ‘एक्स-रे’ कहा है, जिसके बारे में पार्टी का मानना है कि इससे उन्हें नीति निर्माण में मदद मिलेगी. पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है कि वह “नीतियों में उपयुक्त बदलावों के माध्यम से धन और आय की बढ़ती असमानता को संबोधित करेगी.”
घोषणापत्र में कल्याण खंड के अंतर्गत एक बिंदु में संसाधनों पर प्रथम शुल्क का भी उल्लेख किया गया है. इसमें उल्लेख किया गया है कि भारत में लगभग 22 करोड़ गरीब लोग हैं और इसलिए , “गरीबों का कल्याण सभी सरकारी संसाधनों पर पहला भार होगा.” लेकिन यह भारतीय महिलाओं के स्वामित्व वाले सोने के सर्वेक्षण या ‘सर्वेक्षित’ मूल्य को पुनः वितरित करने के बारे में कोई बात नहीं कहता है.
सैम पित्रोदा ने क्या कहा था
इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा था कि भारत को भी अमेरिका की तरह विरासत टैक्स जैसी नीति लाने पर चर्चा करनी चाहिए जहां सरकार किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का 55 प्रतिशत हिस्सा लेती है. पित्रोदा ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “अगर 10 मिलियन डॉलर की संपत्ति है तो उसकी मृत्यु के बाद 45 प्रतिशत विरासत उसके बच्चों के पास जानी चाहिए और बाकि की 55 प्रतिशत सरकार को मिलनी चाहिए. भारत में इस तरह का कोई कानून नहीं है. इस तरह की नीति पर बात की जानी चाहिए. हम यहां ऐसी नीतियों की बात कर रहे हैं जो सिर्फ अमीरों के लिए नहीं बल्कि लोगों के हित में हो.”
#WATCH | Chicago, US: Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, “…This is a policy issue. Congress party would frame a policy through which the wealth distribution would be better…We don’t have a minimum wage (in India)…If we come up with a minimum wage in the… pic.twitter.com/PO6Mnili5p
— ANI (@ANI) April 24, 2024
यह ध्यान देने की बात यह है कि अमेरिका में संघीय विरासत टैक्स नहीं है. आयोवा, केंटुकी, मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यूजर्सी और पेंसिल्वेनिया जैसे कुछ राज्यों में विरासत में मिली संपत्तियों पर टैक्स लगाया जाता है. विरासत की राशि और मृतकों से संबंध पर यह टैक्स निर्भर करता है. यह टैक्स केवल एक निश्चित सीमा से ऊपर ही लगाया जाता है और विरासत का लगभग 20 प्रतिशत सरकार द्वारा लिया जा सकता है.
कांग्रेस ने इस पर क्या कहा
कई कांग्रेस नेताओं ने सामने आकर स्पष्ट किया है कि यदि वे 2024 के चुनावों में सत्ता में आते हैं तो संपत्ति को ‘जब्त करने और पुनर्वितरित’ करने की कोई योजना नहीं है. पार्टी ने पीएम मोदी के भाषण को उजागर करते हुए चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सैम पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता है”.
Sam Pitroda has been a mentor, friend, philosopher, and guide to many across the world, including me. He has made numerous, enduring contributions to India’s developments. He is President of the Indian Overseas Congress.
Mr Pitroda expresses his opinions freely on issues he…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 24, 2024
मामले में बीजेपी का ताजा हमला
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की टिप्पणियों पर भाजपा के हमले का नेतृत्व करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आरोप लगाया कि विपक्षी दल माता-पिता से उनके बच्चों को मिलने वाली विरासत पर टैक्स लगाने की योजना बना रहा है. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के “खतरनाक इरादे खुलकर सामने आ रहे हैं”.
पीएम मोदी ने कहा, “आप जो अपनी मेहनंत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी, बल्कि कांग्रेस सरकार का पंजा उसे भी आपसे छीन लेगा. कांग्रेस का मंत्र है – कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी”.
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