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मिल्कीपुर उपचुनाव: हाई कोर्ट में लंबित याचिका पर क्या अधिकारियों ने सीएम को अंधेरे में रखा


नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में लोगों की उम्मीद थी कि चुनाव आयोग प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराएगा. लेकिन मंगलवार को प्रदेश की केवल नौ विधानसभा सीटों पर ही उपचुनाव की घोषणा हुई.आयोग ने जानकारी दी कि एक चुनाव याचिका के पेंडिंग रहने की वजह से मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जाएगा. आयोग की जानकारी ने लोगों को हैरान कर दिया. क्योंकि अधिकारी पिछले कई महीने से मिल्कीपुर में उपचुनाव की तैयारियों में लगे हुए थे.लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मिल्कीपुर और अयोध्या का कई बार दौरा कर चुके हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या किसी अधिकारी को इस याचिका के बारे में जानकारी नहीं थी क्या कि वो चुनाव की तैयारियों में लगे हुए थे.यही वजह है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर चुटकी भी ली है.

मिल्कीपुर में क्यों नहीं कराया जा रहा है उपचुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर याचिका लंबित होने की वजह से चुनाव नहीं कराया जा रहा है.जिस विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं हो रहा है, वह है मिल्कीपुर विधानसभा.चुनाव आयोग की इस घोषणा ने सबको हैरान कर दिया.उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के मुताबिक बीजेपी नेता बाबा गोरखनाथ की चुनाव याचिका के पेंडिंग होने के कारण मिल्कीपुर में उपचुनाव नहीं कराया जा रहा है. लेकिन इस याचिका की जानकारी प्रदेश के बहुत से जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं थी. 

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प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अयोध्या के प्रभारी मंत्री हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाही को मिल्कीपुर विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया था.प्रदेश में उपचुनाव की पूरी कमान सीएम योगी ने ही संभाल रखी है.मिल्कीपुर बीजेपी के लिए कितना अहम है, इसे आप इस बात से समझ सकते हैं कि शाही अब तक कई बार अयोध्या का दौरा कर चुके है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव की तैयारी का आगाज ही मिल्कीपुर से किया था. उन्होंने अयोध्या पहुंचकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ वहां चुनावी तैयारी पर चर्चा की थी.प्रदेश सरकार ने मिल्कीपुर के विकास के लिए खजाना खोल दिया है.मुख्यमंत्री ने खुद वहां के लिए कई विकास योजनाओं की घोषणा की है.प्रदेश सरकार के मंत्री गिरीश यादव, मयंकेश्वर शरण सिंह, सतीश शर्मा आदि ने मिल्कीपुर का दौरा किया है. इसके बाद भी अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि कोई चुनाव याचिका लंबित है.

कौन हैं याचिका दायर करने वाले गोरखनाथ बाबा

दरअसल मिल्कीपुर से बीजेपी के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उनकी याचिका पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. इस याचिका में गोरखनाथ बाबा ने सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के नामांकन में दाखिल हलफनामे को एक्सपायर  बताया है. उनकी याचिका को हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था. हालांकि आज गोरखनाथ बाबा ने अपनी याचिका वापस ले ली है. 

लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर बीजेपी को हार मिली थी. वहां सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को हराया था. बीजेपी की अयोध्या में हुई हार की चर्चा देश-दुनिया में हुई थी. इसकी वजह यह थी कि बीजेपी जिस अयोध्या की राजनीति करती आई है, वह इसी फैजाबाद सीट के तहत ही आती है. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के बाद भी सपा के हाथों मिली हार ने बीजेपी को परेशान कर दिया.अवधेश प्रसाद ही मिल्कीपुर के विधायक थे.उनके इस्तीफे की वजह से ही मिल्कीपुर में उपचुनाव होना है. बीजेपी मिल्कीपुर का उपचुनाव जीतकर यह संदेश देना चाहती है कि अयोध्या में राम मंदिर की लहर अभी भी चल रही है. 

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चुनाव आयोग की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुटकी ली. उन्होंने एक्स पर लिखा,”जिसने जंग टाली है, समझो उसने जंग हारी है.” 

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