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‘विनाशकारी परिणाम…’: अमेरिकी सेना का पूरा अटैक प्लान दुनिया के सामने, लीक चैट के हर डिटले को मैगजीन ने छापा

अमेरिकी सेना अगला हमला करने कहां जा रही थी, इसका चैट ही लीक हो गया. लीक करने वाले खुद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे. उन्होंने अटालांटिक मैगजीन के चीफ एडिटर को ही उस मैसेज ग्रूप में जोड़ लिया था, जिसमें हमले को लेकर बातचीत हो रही थी. जबसे यह खबर आई है, खूब सवाल उठ रहे हैं. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, व्हाइट हाउस और कई शीर्ष अधिकारियों ने इस बात से इनकार करते हुए कहा है कि 15 मार्च को यमन में हूती उग्रवादियों पर हमले की योजना पर चर्चा करने वाले मैसेजिंग ग्रूप पर कोई क्लासिफाइड यानी सीक्रेट जानकारी शेयर नहीं की गई थी. अब अटलांटिक मैगजीन ने स्क्रीनशॉट सहित चैट का पूरा टेक्स ही शेयर किया है, जिसमें दिख रहा है कि अमेरिकी सेना की बमबारी शुरू होने से दो घंटे से अधिक समय पहले ही पत्रकार के पास हरेक जानकारी पहुंच चुकी थी.

अब मैगजीन ने जोर देकर कहा कि उसे पहले ही पता था कि किस खास वक्त कहां से अमेरिका के लड़ाकू विमान यमन के लिए उड़ान भर रहे थे. अगर मैगजीन की जगह किसी गलत हाथों में ये जानकारी चली जाती तो यह अमेरिकी पायलटों और अन्य कर्मियों को “और भी बड़े खतरे” में डाल देती.

अटलांटिक के एडिटर इन चीफ जेफरी गोल्डबर्ग को अनजाने में सिग्नल मैसेजिंग ऐप पर ग्रुप चैट में जोड़ लिया था. इस ग्रूप पर ही बमबारी की योजना पर चर्चा की जा रही थी. कथित तौर पर चैट में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव हेगसेथ, केंद्रीय खुफिया एजेंसी यानी CIA के डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, विदेश मंत्री मार्को एंटोनियो रुबियो, नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टर तुलसी गबार्ड और अन्य शामिल थे.

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बुधवार, 26 जनवरी को द अटलांटिक ने एक नई रिपोर्ट छापी. इसमें मैगजीन ने पूरी चैट के डिटेल शेयर करने के पीछे का अपना तर्क समझाया. मैगजीन ने कहा कि रक्षा सचिव हेगसेथ ने दावा किया है कि ग्रूप में “कोई भी युद्ध की योजना नहीं लिख रहा था” जबकि ट्रंप और अन्य ने कहा था कि “यह कोई क्लासीफाइड जानकारी नहीं थी”. इसी को गलत साबित करने के लिए मैगजीन ने पूरी चैट ही छाप दी है.

गोल्डबर्ग और स्टाफ लेखक शेन हैरिस ने इस आर्टिकल में लिखा है कि मैगजीन ने सैन्य अभियानों के बारे में जानकारी प्रकाशित करने से बचने के लिए अपने सामान्य नियम को ध्यान में रखते हुए हथियारों और हमले के समय पर पिछली रिपोर्ट में खास जानकारी नहीं दी थी. इससे अमेरिकी सैनिकों के जीवन को खतरा हो सकता था.

मैगजीन ने कहा,

“हेगसेथ, गब्बार्ड, रैटक्लिफ और ट्रंप के बयानों के साथ-साथ कई प्रशासन के अधिकारियों ने दावे कि हम चैट के कंटेंट के बारे में झूठ बोल रहे हैं. इसने हमें यह विश्वास दिलाया है कि लोगों को अपने निष्कर्षों तक पहुंचने के लिए पूरे टेक्स्ट को खुद देखना चाहिए. ट्रंप के सलाहकारों ने गैर-सुरक्षित संचार चैनलों में जिस तरह की जानकारी शामिल की है, उसका खुलासा करने में एक स्पष्ट सार्वजनिक रुचि है, खासकर क्योंकि वरिष्ठ प्रशासन के लोग शेयर किए गए मैसेज के महत्व को कम करने का प्रयास कर रहे हैं.”

मैगजीन ने कहा कि एक्सपर्ट्स ने उन्हें बार-बार बताया था कि ऐसी संवेदनशील चर्चाओं के लिए सिग्नल चैट का उपयोग करना “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है” और बताया कि गोल्डबर्ग को बमबारी शुरू होने से दो घंटे पहले हमलों की जानकारी मिली थी.

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कौन से लड़ाकू विमान ने कब उड़ान भरी, चैट पर सब लीक हो रहा था

मैगजीन ने जो चैक शेयर किया है उसके अनुसार पत्रकार को पता चल रहा था कि अमेरिका का कौन सा लड़ाकू विमान कब उड़ने वाला है. चैट के अनुसार 11.44 पूर्वी समय पर, हेगसेथ ने लिखा कि एफ-18, जिसने पहला स्ट्राइक पैकेज बनाया था, 12.15 ईटी पर लॉन्च होगा और मैसेज भेजे जाने के दो घंटे से अधिक समय बाद 13.45 ईटी पर एक हूती “टारगेट आतंकवादी” पर हमला होने की उम्मीद थी.

13.10 ईटी पर, वाल्ट्ज ने स्पष्ट रूप से सना में एक हमले स्थल के डिटेल शेयर करते हुए लिखा, “पहला टारगेट – उनका टॉप मिसाइल आदमी – हमारे पास उसकी गर्लफ्रेंड्स की इमारत में प्रवेश करने की पॉजिटिव आईडी थी और यह अब ढह गई है.”

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