दीया कुमारी… राजघराने से राजनीति तक का सफर, अब CM पद की रेस में
खास बातें
- दीया कुमारी के नाम की चर्चा भी CM पद के दावेदार के रूप में हो रही
- दीया कुमारी ने साल 2013 में राजनीति में प्रवेश किया था
- सवाई भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की इकलौती संतान
नई दिल्ली :
राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा…? इस सवाल से आज पर्दा उठ सकता है. जयपुर में आज शाम चार बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होनी है. इसमें तय हो जाएगा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर बंधेगा. इस बीच अश्विनी वैष्णव, किरोड़ीलाल मीणा, ओम माथुर, वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत समेत दीया कुमारी (Diya Kumari) के नाम की चर्चा भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में हो रही है. राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला है. बीजेपी ने 115 सीटें जीती हैं और कांग्रेस के खाते में 69 सीटें आई हैं. ऐसे में भाजपा किसी जल्दबाजी में नहीं है. वैसे दीया कुमारी के नाम की कुछ ज्यादा ही चर्चा हो रही है. राजसमंद लोकसभा सीट से सांसद रहीं दीया कुमारी को भाजपा ने विद्याधर नगर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. दीया कुमारी ने भाजपा को निराश नहीं किया और विद्याधर नगर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की…
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दीया कुमारी ने 2013 में रखा था राजनीति में कदम
दीया कुमारी जयपुर के पूर्व राजघराने से ताल्लुक रखती हैं. दादी राजमाता गायत्री देवी के पद चिह्नों पर चलते हुए दीया कुमारी ने साल 2013 में राजनीति में प्रवेश किया था. उन्होंने सवाई माधोपुर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. दीया कुमारी को राजनीति में वसुंधरा राजे ने ही प्रवेश कराया था, आज ये दोनों सीएम पद की रेस में आमने-सामने नजर आ रहे हैं. दीया कुमारी जयपुर के पूर्व राजघराने की दूसरी सदस्य हैं जो लोकसभा सांसद निर्वाचित हुई हैं. उनसे पहले जयपुर राजघराने से गायत्री देवी चुनाव लड़ीं थीं. वे तीन बार सांसद रहीं.
लोकसभा चुनाव में दीया कुमारी ने दर्ज की थी बंपर जीत
राजसमंद सीट से लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) लड़ीं दीया कुमारी ने कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर को पांच लाख से अधिक वोटों से हराया था. दीया कुमारी को 8,58,690 वोट मिले थे… उन्होंने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर (काका) को 5,51,916 वोटों के अंतर से हराया था. वैसे बता दें कि गायत्री देवी (Gayatri Devi) राजस्थान की एक मात्र ऐसी महिला थीं, जो तीन बार सांसद रहीं. जुलाई 2009 में गायत्री देवी का निधन हो गया था. दीया के पिता भवानी सिंह ने 1987 में लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गए थे.
किया था प्रेम विवाह…
दीया कुमारी जयपुर के पूर्व महाराज सवाई भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई जयपुर, दिल्ली और लंदन से की है. दीया कुमारी ने सिवाड़ के कोठड़ा ठिकाने के नरेंद्र सिंह राजावत से शादी की थी. परिवार की रजामंदी के बगैर दोनों ने अगस्त 1997 में गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी. उन्होंने विवादों के बीच 1997 में नरेंद्र सिंह के साथ प्रेम विवाह किया था. दरअसल, दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह के एक ही गोत्र से हैं, ऐसे में इस प्रेम विवाह से अन्य राजपरिवार और राजपूत समाज भी बेहद नाराज था. दीया और नरेंद्र सिंह के दो बेटे और एक बेटी है. उनके बड़े बेटे पद्मनाभ सिंह को महाराज भवानी सिंह ने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया, जबकि दूसरे बेटे लक्ष्यराज सिंह व एक बेटी है.
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