जानता है तेरा बाप कौन है…. कहानी zomato वाले दीपेंद्र की, जिन पर पिता ही नहीं PM मोदी को भी नाज़ है
नई दिल्ली:
तू जानता है तेरा बाप कौन है….ये बात 16 साल पहले एक पिता ने अपने बेटे से कही थी, क्यों कि वह बेटा स्टार्टअप शुरू करना चाहता था. लेकिन वह इतने साधारण से परिवार से ताल्लुक रखता था कि उसके पिता को इस बात का यकीन ही नहीं था कि उनका बेटा स्टार्टअप की शुरुआत कर भी सकता है. ये कहानी है दीपेंद्र गोयल (Deepinder Goyal) की. जिन्होंने सधारण से बैग्राउंड से ताल्लुक रखने के बाद भी अपने सपनों और हौसले के दम पर एक ऐसी कंपनी खड़ी कर दी, जो आज मार्केट कैप के हिसाब से करीब डेढ़ लाख करोड़ की है. ये कंपनी भूखों का पेट भरने का काम कर रही है. ये कंपनी कोई और नहीं बल्कि फेमस फूड डिलीवरी ऐप zomato है, जो घर के दरवाजे तक खाना पहुंचाने का काम करती है. ये सक्सेस स्टोरी कहानी जोमैटो के सीईओ दीपेंद्र गोयल की है.
बेटा शरू कर सकता है स्टार्टअप, पिता को नहीं था यकीन
दीपेंद्र गोयल ने एक सरकारी कार्यक्रम में साल 2008 के उस दौर को याद किया, जब वह उनके सपने हौसलों की उड़ान भर रहे थे, वह स्टार्टअप शुरू करना चाहते थे, लेकिन उनके पिता को लगता था कि साधारण बैकग्राउंड होने की वजह से वह यह नहीं कर पाएंगे. उन्होंने बेटे से ये तक कह दिया कि तू जानता है, तेरा बाप कौन है… लेकिन उन्होंने ये कर दिखाया.
दीपेंद्र गोयल ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार की पहल ने उनके जैसे छोटे शहर के लड़को को जोमैटे जैसा कुछ करने के काबिल बना दिया, जिसकी वजह से आज लाखों लोगों को राजगार मिल रहा है.
PM मोदी ने की zomato सीईओ की तारीफ
जोमैटे के सीईओ दीपेंद्र गोयल की इस स्पीच के वीडियो को केंद्रीय मंत्री हरदीर सिंह पुरी ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया. केंद्रीय मंत्री के वीडियो को पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर शेयर कर जोमैटो सीईओ की कहानी को इंस्पायरिंग बताया. पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा कि भारत में किसी का सरनेम मायने नहीं रखता है. जो मायने रखता है, वह कड़ी मेहनत है. आपकी (दीपेंद्र गोयल) की जर्नी बहुत ही प्रेरणादयाक है. इससे देश के अनगिनत युवाओं को उनके उद्यमशीलता के सपने को पूरा करने की प्रेरणा मिलेगी. हम स्टार्टअप को फलने-फूलने के लिए सही माहौल उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
In today’s India, one’s surname doesn’t matter. What matters is hardwork. Your journey is truly inspiring, @deepigoyal! It motivates countless youngsters to pursue their entrepreneurial dreams. We are committed to providing the right environment for the startups to flourish. https://t.co/E9ccqYyVzv
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2024
पंजाब के साधारण से लड़के दीपेंद्र की सक्सेस स्टोरी
अगर आप खाने के शौकीन हैं और आपके मोबाइल में zomato app नहीं है ऐसा हो शायद ही संभव है. ये वो ऐप है, जिससे खाने की डोर स्टेर डिलीवरी को नई पहचान दी है. इधर खाने का ख्याल आया तो दूसरी तरफ एक क्लिक में कुछ ही देर में खाना आपके सामने…फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है. शायद ही कोई ऐसा खाने का शौकीन हो. जिसके मोबाइल में जोमैटो ऐप डाउनलोड न हो. घर के दरवाजे पर आधी रात भी खाना मंगवाने का ये सपना पूरा किया पंजाब के रहने वाले एक साधारण से लड़के दीपेंद्र गोयल ने. उनकी मेहनत और लगन को आप पीएम मोदी भी सराह रहे हैं.
कौन हैं दीपेंद्र गोयल?
दीपेंद्र गोयल पंजाब के रहने वाले हैं. उनकी उम्र 41 सला है. वह फेमस फूड डिलीवरी ऐप zomato के सीईओ हैं. दीपेंद्र ने साल 2005 में IIT दिल्ली से M.Tech की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद दीपेंद्र ने Bain and Company में काम करना शुरू किया. इसी दौरान उनको zomato बनाने का आइडिया आया. फिर उन्होंने ये बाकई कर दिया. अपनी कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने हजारों करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर ली, जो आज लाखों-करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणदायक है. उनकी कंपनी आज न जाने कितने युवाओं को रोजगार दे रही है.
कैसे आया zomato शुरू करने का आइडिया?
दीपेंद्र एक दिन ऑफिस की कैंटीन में बैठकर आया. एक दिन उनको खाने के लिए मैन्यू देखने के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ा. तभी उनको यह आइडिया आया कि मैन्यू कार्ड को भी तो स्कैन कर आनलाइन किया जा सकता है, जिससे लोगों को लाइन में लगना ही न पड़े. उनका यह आइडिया लोगों को भी खूब पसंद आया. इसके लिए उन्होंने फूडलेट नाम की एक वेबसाइट भी बनाई. इसमें उनको सफलता नहीं मिल सकी. साल 2010 में एक बड़े इन्वेस्टमेंट से कंपनी सही चलने भी लगी लेकिन फिर उनकी ‘फूडीबे’ को एक लीगल नोटिस आ गया. इके बाद उन्होंने इसका नाम बदलकर zomato रख दिया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज उनका कारोबार भारत, यूएई समेत कई देशों में है.