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डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी शिक्षा विभाग गुरुवार को करेंगे बंद, कानून तोड़कर भी कलम क्यों चला रहे?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कलम रुकने का नाम नहीं ले रही. एक के बाद एक फैसले पर ट्रंप कलम चला रहे हैं. अब बारी है अमेरिका के शिक्षा विभाग को खत्म करने की. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार उम्मीद है कि डोनाल्ड ट्रंप गुरुवार को एक आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे और अमेरिकी रूढ़िवादियों के लंबे समय से चले आ रहे लक्ष्य को पूरा करते हुए शिक्षा विभाग को बंद कर देंगे.

बुधवार, 19 मार्च को कई मीडिया आउटलेट्स ने बताया कि व्हाइट हाउस के एक समारोह के दौरान इस आदेश पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. यह फैसला उस समय लिया गया है शिक्षा विभाग में पहले से ही कर्मचारियों की संख्या में भारी कमी करने और फंडिंग में कटौती करने के प्रयास चल रहे हैं.

ट्रंप की शिक्षा सचिव और वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट की पूर्व सीईओ लिंडा मैकमोहन ने 3 मार्च को शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक ज्ञापन जारी कर कहा कि एजेंसी अपना “अंतिम मिशन” शुरू करेगी. इसके अगले सप्ताह ही वह विभाग के कर्मचारियों को आधा करने चली गयीं.

शिक्षा विभाग को क्यों बंद करना चाहते हैं ट्रंप?

78 साल के ट्रंप ने राष्ट्रपति की कुर्सी पर वापसी के लिए अपने चुनावी कैंपेन में एक वादा किया था- वादा था कि शिक्षा का विकेंद्रीकरण करेंगे यानी केंद्र सरकार के हाथ में शिक्षा की बागड़ोर नहीं होगी. उन्होंने कहा कि वह विभाग की शक्तियों को राज्य सरकारों को सौंप देंगे, जैसा कि कई रिपब्लिकन दशकों से चाहते थे.

बता दें कि परंपरागत रूप से, अमेरिका में शिक्षा में फेडरल सरकार (केंद्रीय सरकार) की सीमित भूमिका रही है. प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के लिए केवल 13 प्रतिशत फंड केंद्र के खजाने से आता है. बाकी राज्यों और स्थानीय समुदायों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है.

लेकिन कम आय वाले स्कूलों और विशेष जरूरतों वाले छात्रों के लिए केंद्र से आने वाला फंड अमूल्य है, उनके चलने का जरीया है. अब तक फेडरल सरकार छात्रों के लिए प्रमुख नागरिक अधिकार सुरक्षा लागू करने में आवश्यक रही है.

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क्या ट्रंप शिक्षा विभाग बंद कर भी सकते हैं?

अमेरिका में बने कानून के अनुसार, 1979 में बनाए गए शिक्षा विभाग को कांग्रेस की मंजूरी के बिना बंद नहीं किया जा सकता है. और ट्रंप के पास इसे आगे बढ़ाने के लिए वोट नहीं हैं. हालांकि ट्रंप कार्यकारी आदेश पर साइन करके ऐसा करना चाहते हैं. कुल मिलाकर उनके लिए लीगल परेशानी बनी रहेगी.
 

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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