डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका! नहीं लड़ सकेंगे US राष्ट्रपति चुनाव, कैपिटल हिंसा मामले में अयोग्य करार
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अमेरिकी कोर्ट से ट्रंप को बड़ा झटका
ट्रंप अमेरिकी इतिहास में राष्ट्रपति पद के पहले उम्मीदवार हैं, जिन्हें अमेरिकी संविधान के तहत व्हाइट हाउस के लिए अयोग्य माना गया है. अमेरिकी संविधान के तहत “विद्रोह या विद्रोह” में शामिल अधिकारियों को पद संभालने से रोके जाने का प्रावधान है. यह फैसला केवल राज्य के 5 मार्च के रिपब्लिकन प्राइमरी पर लागू होता है, लेकिन इसका निष्कर्ष संभवतः 5 नवंबर के आम चुनाव के लिए ट्रंप की स्थिति को भी प्रभावित करेगा. गैर-पक्षपातपूर्ण अमेरिकी चुनाव पूर्वानुमानकर्ता कोलोराडो अदालत को सुरक्षित रूप से डेमोक्रेटिक मानते हैं, जिसका मतलब है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ट्रंप की परवाह किए बिना ही राज्य को आगे बढ़ाएंगे.
ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के लिए अयोग्य
बता दें कि कोलोराडो के एक समूह ने 2024 में डोनाल्ड ट्रंप को राज्य में होने वाले मतदान से रोकने के लिए सितंबर में एक केस दायर किया था. उन्होंने दावा किया कि ट्रंप ने अपने सहयोगियों द्वारा यूएस कैपिटल में दंगा भड़काने के लिए उकसाने की कोशिश की, इसीलिए उनको मतदान के लिए अयोग्य ठहराया जाना चाहिए. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के कैंपेन ने कोर्ट के इस फैसले को “त्रुटिपूर्ण” और “अलोकतांत्रिक” बताते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ अपील करेंगे.
“कोलोराडो अदालत का फैसला अलोकतांत्रिक”
ट्रंप अभियान के एक प्रवक्ता ने कहा, “कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने आज रात पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण फैसला दिया. हम इसके खिलाफ तत्काल संयुक्त राज्य सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर इस बेहद अलोकतांत्रिक फैसले पर रोक लगाने की अपील करेंगे.” ट्रंप के अभियान ने लाखों मतदाताओं को राष्ट्रपति पद के लिए उनकी पसंद से वंचित करने की कोशिश के रूप में 14वें संशोधन की चुनौतियों की निंदा की है.
कैपिटल का दंगा विद्रोह मामने जितना गंभीर नहीं-ट्रंप के वकील
कोलोराडो कोर्ट का ट्रंप को मतदान के लिए अयोग्य ठहराए जाने का फैसला वकालत समूहों और ट्रंप विरोधी मतदाताओं की जीत है, जिन्होंने 14वें संशोधन की धारा 3 के तहत ट्रंप की उम्मीदवारी के लिए कई समान कानूनी चुनौतियां खड़ी की हैं. इस फैसले ने निचली अदालत के न्यायाधीश के फैसले को उलट दिया. अदालत ने ट्रंप को उनके समर्थकों द्वारा हिंसा के लिए उकसाकर विद्रोह में लिप्त पाया.
ट्रंप के एक वकील ने तर्क दिया कि कैपिटल में दंगा इतना गंभीर नहीं था कि उसे विद्रोह माना जाए. उस दिन वाशिंगटन में अपने समर्थकों के लिए ट्रंप की टिप्पणी उनके स्वतंत्र भाषण के अधिकार का हिस्सा थी. वकील ने तर्क दिया कि अदालतों के पास ट्रंप को मतदान के लिए अयोग्य ठहराने का आदेश देने का अधिकार नहीं है. वकीलों ने कहा कि इस फैसले को वह अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.
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