मेरी समझदारी का अपमान मत करें: आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर से बोलीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने खिलाफ लगे “Cash for Query” यानी रिश्वत लेकर सवाल पूछने के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर की टिप्पणियां उनकी बुद्धिमत्ता का अपमान है. डेटा प्रोटेक्शन पर संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य के रूप में उन्होंने जो सवाल पूछे, वे सभी भारतीयों के लिए मान्य थे.
टीएमसी सांसद ने किया ये ट्वीट
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने X (ट्विटर) पर पोस्ट किया, “अगर दुश्मन देश ऐप्स से डेटा चुरा सकते हैं, तो क्या वे ओवरसीज इंडिया यूजर का डेटा नहीं ले चुरा सकते? मुझ पर दूसरों को फ्रंटिंग (बढ़ावा) देने का आरोप लगाकर मेरी समझदारी का अपमान न करें.”
I hv learnt from news reports that this Parliamentary Question was likely asked by a MP at the behest of a Data center company.
If true this is indeed shocking and shameful 🤮🤬
It is true that this company was actively and aggressively lobbying for Data Localization.… pic.twitter.com/slrtrNLNSy
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) October 16, 2023
बीजेपी सांसद ने की महुआ के लोकसभा अकाउंट की जांच की मांग
दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने अपने व्यावसायिक हितों की रक्षा करने और प्रतिद्वंद्वी समूह को निशाना बनाने के लिए जानकारी मांगने वाले सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से ‘कैश और गिफ्ट’ लिए. बीजेपी सांसद ने इस मामले में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर से टीएसी सांसद मोइत्रा के लोकसभा अकाउंट के इंफोर्समेशन की जांच करने की अपील की है.
इन आरोपों के जवाब में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि सांसदों का संसदीय कार्य बड़ी टीमों द्वारा किया जाता है. उन्होंने कहा कि आईटी मंत्री को सभी सांसदों की लोकेशन और लॉगिन डिटेल जारी करना चाहिए.
I hv learnt from news reports that this Parliamentary Question was likely asked by a MP at the behest of a Data center company.
If true this is indeed shocking and shameful 🤮🤬
It is true that this company was actively and aggressively lobbying for Data Localization.… pic.twitter.com/slrtrNLNSy
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) October 16, 2023
राजीव चंद्रशेखर ने किया ये ट्वीट
राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मुझे न्यूज रिपोर्टों से पता चला है कि यह संसदीय सवाल शायद एक डेटा सेंटर कंपनी के आदेश पर एक सांसद द्वारा पूछा गया था. अगर यह सच है तो यह वाकई बेहद चौंकाने वाला और शर्मनाक है.” केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा, “यह सच है कि यह कंपनी डेटा लोकलाइजेशन के लिए एक्टिव और एग्रेसिव तरीके से पैरवी कर रही थी. PQ में इस्तेमाल की गई भाषा बहुत समान है (डेटा लोकलाइजेशन की जरूरत को डेटा उल्लंघनों से जोड़ना). ये उस भाषा के समान है, जब इस कंपनी के प्रमुख ने मुझसे मुलाकात की थी. मुझे इसके पूरे तथ्य या बेकग्राउंड की जानकारी नहीं है. लेकिन अगर यह सच है तो यह एक भयानक शर्मिंदगी और PQ का गलत इस्तेमाल करना है.”
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने और क्या कहा?
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी चिट्ठी के साथ एक एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई है. इसमें लिखा है- ‘ऐसा लगता है कि जय अनंत देहाद्राई ने मेहनत से रिसर्च की है, जिसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि हाल तक महुआ मोइत्रा ने संसद में कुल 61 में से करीब 50 सवाल पूछे. इनमें दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें कायम रखने के इरादे से जानकारी मांगी गई थी.’
निशिकांत दुबे ने ये भी बताया कि 14वीं लोकसभा के दौरान 12 दिसंबर 2005 को भी ऐसा ही मामला सामने आया था. तब स्पीकर ने उसी दिन जांच कमेटी बना दी थी. 23 दिसंबर 2005 को 10 सांसदों को 23 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था.
बीजेपी सांसद ने कहा- “इसी सदन ने ‘कैश फॉर क्वेश्चन’ मामले में 11 सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी थी. आज भी यह चोरी नहीं चलेगी. मिसेस (इमेल्डा) मार्कोस की तरह हर्मीस, गुच्ची बैग, पर्स, कपड़े और हवाला का पैसा काम नहीं करेगा. सदस्यता चली जाएगी, कृपया प्रतीक्षा करें.”
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