दुष्यंत चौटाला कांग्रेस का साथ देने को तैयार, रखी ये शर्त
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार 90 सदस्यीय सदन में इस समय बहुमत के आंकड़े से दो अंक पीछे है. सदन की मौजूदा संख्या इस समय 88 है. सैनी सरकार को दो अन्य निर्दलीय विधायकों और हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक का समर्थन प्राप्त है.
चौटाला ने हिसार में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बताना चाहता हूं कि विधानसभा में मौजूदा संख्या को देखते हुए अगर इस सरकार को (लोकसभा) चुनाव के दौरान गिराने के लिए कोई कदम उठाया जाता है तो हम इसमें बाहर से उनका समर्थन करने पर पूरी तरह विचार करेंगे.” उन्होंने कहा, ‘‘अब कांग्रेस को सोचना है कि वह भाजपा सरकार को गिराने के लिए कदम उठाती है या नहीं.”
उन्होंने कहा कि सरकार बहुमत खो चुकी है और या तो मुख्यमंत्री बहुमत साबित करें या नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दें. भाजपा से गठजोड़ समाप्त होने के बाद उसका समर्थन करने की किसी भी तरह की संभावना को खारिज करते हुए चौटाला ने कहा, ‘‘मैंने बिल्कुल साफ कर दिया है कि जजपा अब भाजपा के साथ नहीं जाएगी.”
निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने मंगलवार को हरियाणा में भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया और घोषणा की कि वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे. इसके बाद सैनी सरकार राज्य विधानसभा में अल्पमत में आ गई.
विधानसभा में सदस्यों की वर्तमान प्रभावी संख्या 88 है. करनाल और रानिया विधानसभा सीट इस समय खाली हैं. मौजूदा सदन में भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं. इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं. इनके अलावा छह निर्दलीय विधायक हैं.
जजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम राज्यपाल से अनुरोध करते हैं और इसके लिए उन्हें लिखेंगे भी कि उन्हें सरकार को बहुमत साबित करने का निर्देश देना चाहिए.”
भाजपा को अपनी पार्टी के समर्थन का जिक्र करते हुए चौटाला ने कहा, ‘‘जब तक हम सरकार का समर्थन कर रहे थे, कभी ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई.” उन्होंने कहा कि जिस तरह से तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया है, उससे दिखाई देता है कि भाजपा कमजोर हो गई है.
कुछ जजपा विधायकों के भाजपा को समर्थन देने का संकेत देने पर चौटाला ने कहा कि उनमें से तीन को नोटिस जारी किया गया है और उन्हें जवाब देने को कहा गया है. उन्होंने कहा, ‘‘तीन विधायकों को नोटिस जारी किए गए हैं लेकिन उन्होंने अब तक जवाब नहीं दिया है. पार्टी उचित कार्रवाई करेगी.”
चौटाला ने कहा कि उनके पार्टी विधायक व्हिप से बंधे हैं और यदि कोई किसी और को समर्थन देना चाहता है तो पहले उसे इस्तीफा देना पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल रहता है तो उसके लिए कानून है.”
जजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीट जीती थीं, वहीं भाजपा ने 40 सीटों पर जीत प्राप्त की थी. दोनों दलों ने मिलकर हरियाणा में गठबंधन सरकार बनाई थी. हालांकि, भाजपा ने दो महीने पहले जजपा से संबंध तोड़ लिए थे.
(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)