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पहले गर्मी से तप रही थी दिल्ली और अब जलभराव की शिकार…क्यों हुआ ऐसा? आतिशी का जवाब

Delhi Rain : 24 घंटे पहले दिल्ली तप रही थी और और अब रिकॉर्ड-तोड़ बारिश के साथ गंभीर जलभराव का सामना कर रही है. अभी चौबीस घंटे पहले तक गर्मी के कारण पानी और बिजली की खपत को पूरा करना सरकार के लिए भारी पड़ रहा था और अब यह जून में अब तक दर्ज की गई 24 घंटे की दूसरी सबसे अधिक बारिश है. दिल्ली में 28 जून 1936 को 235.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी. भारी बारिश के कारण हवाईअड्डे की छत ढह गई, उड़ानें बाधित हो गईं, अंडरपास अवरुद्ध हो गए और भीषण ट्रैफिक जाम हो गया. शहर को गर्मी से मिली राहत अराजकता में बदल गई. मगर ऐसा क्यों? कौन है इसका जिम्मेदारी?

आतिशी ने क्या कहा?

अराजकता क्यों हुई का जवाब दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने दिया. आतिशी का खुद का घर आज की बारिश में जलजभराव का शिकार हो गया है. आतिशी ने इसपर कहा, “आपको यह समझना होगा कि अगर दिल्ली में 228 मिमी बारिश होती है, तो जल स्तर कम होने में समय लगेगा… अभी, दिल्ली में नालों की क्षमता से अधिक बारिश हुई है. यही कारण है कि हम कई जगहों पर जलभराव देख रहे हैं. हमने भारी बारिश के कारण जलभराव की समस्या को लेकर एक आपात बैठक की है. इसकी अध्यक्षता दिल्ली सरकार के 4 मंत्रियों ने की…इसमें दिल्ली सरकार के सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. हमने आने वाले दिनों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. ” 

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आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि 20 मिलियन की आबादी वाले शहर दिल्ली में कम से कम पिछले 15 वर्षों में जून के पूरे महीने में इतनी बारिश दर्ज नहीं की गई है. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, इस गर्मी में शहर में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया और 22 जून तक लगातार कम से कम 40 दिनों तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर दर्ज किया गया है.

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शिकायत यहां करें

राज्य सरकार ने जलभराव की शिकायतों के लिए एक व्हाट्सएप चैटबॉट नंबर 8130188222, हेल्पलाइन नंबर 1800110093 भी जारी किया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी एक बैठक की और अधिकारियों से जलभराव की शिकायतों के लिए एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा. नियंत्रण कक्ष 24X7 वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाएगा. रिसर्च बॉडी सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की महानिदेशक सुनीता नारायण ने एक हालिया वीडियो पोस्ट में कहा, “जलवायु परिवर्तन के कारण, आपको अधिक अत्यधिक बारिश की घटनाएं मिलेंगी, जिसका मतलब है कि कम दिनों में ज्यादा बरसात होगी.” 



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