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दिल्ली-NCR और बिहार समेत देश के कई हिस्सों में कांपी धरती, नेपाल का लोबुचे रहा भूकंप का केंद्र

दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह भूकंप के झटके (Delhi NCR Earth Quake) महसूस किए गए हैं. बिहार, असम, पश्चिम बंगाल समेत कई जगहों पर धरती कांप गई. भूकंप का केंद्र नेपाल का लोबुचे रहा. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 रही. इसका असर भारत में दिल्ली, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल तक देखा गया. हालांकि इस भूकंप का केंद्र नेपाल से 84 किमी उत्तर-पश्चिम में लोबुचे रहा. यह करीब 10 किमी की गहराई में दर्ज किया गया. ये झटके बिहार के कई जिलों जैसे मोतिहारी, दरभंगा, समस्तीपुर, सिवान, अररिया, सुपौल और पूर्णिया के साथ साथ मुजफ्फरपुर में महसूस किए गए.

कहां-कहां महसूस किए गए भूकंप के झटके?

  • नेपाल के लोबुचे में 7.1 तीव्रता का भूकंप
  • बिहार में पटना, मोतिहारी और समस्तीपुर समेत कई जगहों पर हिली धरती
  • पश्चिम बंगाल में भी भूकंप का असर
  • नेपाल में भूकंप का असर असम में भी देखा गया

करीब 5 सेकेंड तक हिली धरती, घर से बाहर निकले लोग

बिहार में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई. समस्तीपुर, मोतिहारी में समेत कई इलाकों में  सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर धरती कांपने लगी. जानकारी के मुताबिक करीब 5 सेकेंड तक धरती हिलती रही. भूकंप इतना तेज था कि लोग दहशत की वजह से घरों से बाहर निकलने लगे. अब तक नेपाल से लेकर बिहार और असम तक किसी भी तरह के जान और माल के नुकसान की कई खबर सामने नहीं आई है. 

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सो रही थी अचानक बेड हिलने लगा : काठमांडू की मीरा

काठमांडू की रहने वाली मीरा अधिकारी ने बताया कि जब भूकंप आया उस समय मैं सो रही थी कि अचानक बिस्तर हिलने लगा, मुझे लगा कि मेरा बच्चा बेड हिला रहा है. मैंने उतना ध्यान नहीं दिया, फिर तभी देखा कि खिड़की भी हिल रही है, इसके बाद मुझे लगा कि भूकंप आ गया है.

भूकंप आने की वजह?

पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स मौजूद हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जिस भी जगह पर ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहा जाता है. जब ये प्लेट्स बार-बार टकराती हैं तो इनके कोने मुड़ते हैं. ज्यादा दबाव बनने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे दबी एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

भूकंप की कितनी तीव्रता खतरनाक?

  • 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप सिर्फ सीज्मोग्राफ से पता चलता है
  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का हिलती है
  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर ऐसा लगता है कि कोई भारी वाहन नजदीक से गुजरा 
  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर दीवारों पर कांच की खिड़कियां टूट सकती हैं
  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल-डुल सकता है 
  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव और ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है
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