बिहार में थप्पड़ की गूंज, NHRC भी पहुंचा मामला, जानिए खान सर से लेकर तेजस्वी तक क्यों एक्टिव
BPSC Paper Leak: बिहार एक थप्पड़ की गूंज से गूंज रहा है. आम लोगों के साथ छात्र-छात्राओं, कोचिंग सेंटर्स, पुलिस-प्रशासन से लेकर राजनेताओं के बीच इस थप्पड़ की गूंज साफ सुनाई दे रही है. यहां तक कि मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) तक पहुंच गया है. ये थप्पड़ पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बीपीएससी परीक्षार्थियों में एक छात्र को मारा. अब मामला राजनीतिक तो ही गया है, कानूनी भी होता दिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ब्रजेश सिंह डीएम के थप्पड़ मारने के मामले को एनएचआरसी के पास ले गए हैं. इससे डीएम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
छात्र को ले गए थे पुलिसवाले
दरअसल, शुक्रवार को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा में जमकर हंगामा देखने को मिला. परीक्षा समाप्त होने के बाद पटना के कुम्हरार में बापू परीक्षा परिसर पर छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा कर रहे परीक्षार्थियों में से एक को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने थप्पड़ जड़ दिया. बीपीएससी परीक्षार्थियों के हंगामे को संभालने के लिए जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह पटना एसएसपी राजीव मिश्रा के साथ मौके पर पहुंचे थे. अधिकारी छात्रों को समझा रहे थे, तभी पटना के डीएम ने आपा खोते हुए हंगामा कर रहे परीक्षार्थियों में से एक छात्र को थप्पड़ मार दिया. थप्पड़ कांड के बाद वहां खड़े पुलिसकर्मी उस छात्र को पकड़कर अपने साथ ले गए.
क्यों हंगामा हुआ?
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन शुक्रवार को बिहार के 912 केंद्रों पर किया गया. राजधानी पटना में 60 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन हुआ. इस परीक्षा के लिए चार लाख 83 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. परीक्षा एक ही शिफ्ट में दोपहर 12 बजे से दो बजे तक हुई. इसी परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर अभ्यर्थी हंगामा कर रहे थे. उनका आरोप था कि उन्हें प्रश्नपत्र देरी से दिया गया था. अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट लेकर बाहर आ गए. उन्होंने प्रश्न पत्र भी फाड़ दिए. 300-400 अभ्यर्थियों ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए इसका बहिष्कार कर दिया.
बीपीएससी चीफ ने क्या कहा?
बिहार के एक परीक्षा केंद्र पर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने की शुक्रवार को फैली अफवाह को आयोग ने साजिश करार देते हुए इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी. बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने बताया कि राज्य भर के 900 से अधिक केंद्रों पर शुक्रवार को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से परीक्षा का आयोजन किया गया और इसमें करीब पांच लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. उन्होंने बताया, ‘‘पटना के एक केंद्र पर कुछ अभ्यर्थियों ने निरीक्षकों से प्रश्नपत्र छीन लिए और वे यह चिल्लाते हुए परीक्षा हॉल से बाहर निकल गए कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है. इन लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी क्योंकि ये किसी साजिश का हिस्सा प्रतीत होते हैं… हम उनकी पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं. परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी तो फिर इन अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र लीक होने की अफवाहों के बारे में कैसे पता चला? निश्चित रूप से यह कोई साजिश ही थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है… प्रश्नपत्र लीक होने की कोई बात नहीं है.”
डीएम ने क्या बताया?
जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा, ‘‘कुम्हरार स्थित परीक्षा केंद्र के अंदर और बाहर कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ अधिकारी प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं. कुछ प्रदर्शनकारी बापू परीक्षा केंद्र के बाहर इकट्ठा हो गए और उन्होंने यातायात अवरूद्ध कर दिया. बापू परीक्षा केंद्र के अतिरिक्त अधीक्षक राम इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें ले जा रही एम्बुलेंस जाम में फंस गई. राम इकबाल सिंह ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसी परीक्षा केंद्र पर एक महिला अभ्यर्थी भी बेहोश हो गई. मेरा कभी भी किसी अभ्यर्थी को थप्पड़ मारने या चोट पहुंचाने का इरादा नहीं था. ये सिर्फ राम इकबाल सिंह को जल्दी अस्पताल पहुंचाने के दौरान हुआ. केंद्र पर एक-दो परीक्षा कक्षों में प्रश्न पुस्तिकाओं के वितरण में बस थोड़ी देरी हुई थी. इसी केंद्र के अन्य परीक्षा हॉल में बैठे शेष अभ्यर्थी परीक्षा देकर दोपहर दो बजे के बाद ही हॉल से बाहर निकल आए. जिला प्रशासन इस घटना पर उचित कार्रवाई के लिए बीपीएससी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.”
तेजस्वी यादव ने घेरा
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस मामले में सीधे नीतीश कुमार को घेर लिया है. उन्होंने कहा कि ये सरकार 10वीं से लेकर बीपीएससी तक की परीक्षा बगैर पेपरलीक नहीं करा पा रही है. विरोध करने पर छात्र-छात्राओं को पुलिस से पिटवाया जा रहा है. छात्रों को जोर से झापड़ मारा जा रहा है. इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी नीतीश कुमार मौन हैं. सरकार में दो-दो डिप्टी सीएम हैं, लेकिन किसी का इस पर बयान नहीं आ रहा है. यही छात्र-छात्राएं आने वाले समय में इस सरकार को जवाब देंगे.
खान सर भी हुए थे एक्टिव
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्राथमिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को खान सर (Khan Sir) ने समर्थन दे दिया और खुद धरना स्थल पर पहुंच गए थे. बीपीएससी के अभ्यर्थियों ने पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने शहर में बेली रोड को भी जाम कर दिया. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने और व्यवस्था बहाल करने के लिए लाठीचार्ज किया. इसके बाद खान सर की टीम की तरफ से पहले बताया गया कि उन्हें हिरासत में लिया गया है. बाद में कहा गया कि गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि, उन्हें पुलिस ने न तो गिरफ्तार किया था और न हिरासत में लिया था. देर रात उन्हें छोड़ दिया गया था. फिर दूसरे दिन उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे अस्पताल में भर्ती हो गए. खान सर कौन हैं और मामले की पूरी खबर यहां पढ़ें-