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बिटकॉइन घोटाला मामले में गौरव मेहता के घर पहुंची ED और CBI की टीम

बिटकॉइन घोटाला मामले में ईडी ने बुधवार को रायपुर में गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी की है. गौरव गुप्ता की एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले के साथ बातचीत का ऑडियो और स्क्रीनशॉट भी वायरल हो रहा है. बीजेपी ने इसका ऑडियो और स्क्रीनशॉट शेयर किया है. बता दें कि गौरव मेहता एक ब्लॉकचेन विदेशी विशेषज्ञ थे. वहीं अमिताभ गुप्ता पुणे पुलिस में कमिश्नर थे. 

महाराष्ट्र और पंजाब में इस घोटाले को लेकर 40 एफआईआर दर्ज की गईं हैं. इस मामले में 2018 में जांच शुरू हुई थी. जानकारी के मुताबिक अमित भारद्वाज इस मामले का मास्टरमाइंड था. उसने बिटकॉइन में निवेश करने के लिए कहकर लोगों को धोखा दिया था, जिसके बाद निवेशकों का पैसा डूब गया था. घोटाले के बाद भारद्वाज दुबई भाग गया था, जिसके बाद उसे वहां से निर्वासित किया गया. भारद्वाज के खिलाफ कई राज्यों की पुलिस ने मामले दर्ज किए हुए हैं. 

अमित भारद्वाज की जनवरी 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. सिम्पी भारद्वाज, अमित भारद्वाज की भाभी हैं और अजय भारद्वाज की पत्नी हैं. अमित भारद्वाज और उसके परिवार के खिलाफ ईडी 2024 में कोर्ट में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है. आरोप था कि अमित ने अपनी कंपनी वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड के जरिए मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम पर लोगों से बिटकॉइन में निवेश कराया करता था.  

इस तरफ 2017 में 6600 करोड़ की कीमत के बिटकॉइन उनकी कंपनी ने इकट्ठा कर लिए थे. 2018 में महाराष्ट्र में इस फ्रॉड में जांच के लिए आईपीएस रविंद्रनाथ पाटिल को जोड़ा गया और साल 2022 में वो इसी घोटाले में खुद गिरफ्तार हो गए. आरोप है कि इस क्रिप्टोकरेंसी साइबर फ्रॉड में बिटकॉइन गायब भी किए गए हैं. बाद में 2018 में पता चला कि जो क्रिप्टोकरेंसी का वॉयलेट मिला था उसमें करोड़ों के बिटकॉइन मिले थे. इन करोड़ों रुपये के बिटकॉइन को दो आईपीएस अधिकारियों भाग्यश्री और अमिताभ गुप्ता ने हथिया लिया था और वहां नकली वॉलेट रखा जिसमें पैसे नहीं थे.

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रविंद्रनाथ के जेल जाने पर गौरव मेहता ने गवाही दी थी. गौरव ने इस मामले में महत्वपूर्ण किरदार निभाया है. उसने बताया कि गौरव मेहता ने रवींद्र नाथ पाटिल को फोन पर बताया कि आपको अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री ने फंसाया है. बिटकॉइन का असली वॉयलेट उनके पास है और उनके ऊपर भी एक लेयर है जिसमें नेता हैं. उसमें सुप्रिया सुले के साथ-साथ नान पटोले भी शामिल हैं. सबूत के तौर पर सिग्नल के माध्यम से ऑडियो क्लिपिंग भेजे और 2019 और 2024 में इस पैसे का इस्तेमाल चुनाव में हुआ था. 



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