अंबर दलाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने ₹36.21 करोड़ की संपत्तियां की अटैच

प्रवर्तन निदेशालय ने अंबर दलाल एवं अन्य के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹36.21 करोड़ मूल्य की अचल और चल संपत्तियों को अनंतिम रूप से अटैच किया है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत की गई है. ईडी के अनुसार, अटैच की गई संपत्तियों में मुंबई और कोलकाता स्थित 10 अचल संपत्तियां शामिल हैं, साथ ही एफडीआर, शेयर, म्यूचुअल फंड और वैकल्पिक निवेश फंड जैसी चल संपत्तियां भी जब्त की गई हैं.
कैसे हुआ ₹600 करोड़ का घोटाला
ईडी ने यह जांच मुंबई पुलिस द्वारा अंबर दलाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. अंबर दलाल रिट्ज कंसल्टेंसी सर्विसेज का मालिक है. अंबर दलाल पर आरोप है कि उसने निवेशकों को हाइ रिटर्न और कमोडिटी ट्रेडिंग में निवेश का झांसा देकर एक पोंजी स्कीम चलाई. उसने शुरुआती निवेशकों को कुछ रिटर्न दिए, लेकिन बाद में ₹600 करोड़ से अधिक पैसे लेकर फरार हो गया. इस घोटाले से 1300 से अधिक निवेशक प्रभावित हुए हैं.
कमीशन एजेंटों की भी मिलीभगत
ईडी की जांच में सामने आया कि कई व्यक्ति कमीशन एजेंट के रूप में अंबर दलाल के लिए काम कर रहे थे और नए निवेशकों को जोड़ने में मदद कर रहे थे. ये एजेंट बिना किसी जांच-पड़ताल के निवेशकों को इस स्कीम से जोड़ रहे थे. इन कमीशन एजेंटों के पास न तो कोई आधिकारिक करार (MOU) था, न ही कोई वैध दस्तावेज, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने निवेशकों के पैसे से भारी कमीशन प्राप्त किया और खुद को आर्थिक रूप से समृद्ध किया.
विदेशों में भी भेजे गए निवेशकों के पैसे
ईडी की जांच में यह भी पता चला कि विनय मोहिंदर नामक शख्स ने अपनी कंपनियों के जरिए अंबर दलाल की मदद की और निवेशकों के पैसे को विदेशों में शेल कंपनियों के जरिए ट्रांसफर कर दिया. अंबर दलाल की विदेशी कंपनी ने फर्जी लेन-देन के बहाने विनय मोहिंदर की विदेशी कंपनियों को यह पैसा ट्रांसफर किया.
अब तक ₹104.35 करोड़ की संपत्तियां अटैच
ईडी ने इस मामले में एम्बर दलाल को गिरफ्तार कर लिया है और पीएमएलए के तहत चार्जशीट दायर की गई है. अब तक की जांच में ₹104.35 करोड़ की संपत्तियां, जिसमें दुबई स्थित एक अचल संपत्ति भी शामिल है, अटैच की जा चुकी हैं. फिलहाल, एम्बर दलाल न्यायिक हिरासत में है और मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही जारी है.
ईडी की जांच जारी
ईडी इस मामले में आगे भी जांच कर रही है ताकि निवेशकों के गबन किए गए पैसे की पूरी हकीकत सामने आ सके. साथ ही, इस धोखाधड़ी में शामिल अन्य व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.