महज इसलिए कि केजरीवाल जेल से सरकार चलाना चाहते हैं उन्हें विशेष छूट नहीं दी जा सकती : ईडी
नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने वकील के साथ और मुलाकात की अनुमति देने का अनुरोध संबंधी उनकी अर्जी का यहां की एक अदालत में शुक्रवार को विरोध किया और कहा कि महज इसलिए उन्हें विशेष छूट नहीं दी जा सकती कि वह जेल के अंदर से सरकार चलाना चाहते हैं. ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी मामलों की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष ये दलीलें दीं, जिन्होंने केजरीवाल की अर्जी पर आदेश सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया.
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केजरीवाल के वकील ने न्यायाधीश से कहा कि राजनीतिक नेता के खिलाफ कई मामले लंबित हैं और हफ्ते में एक घंटे मुलाकात का समय अपर्याप्त है. वकील ने कहा, ‘‘यह सर्वाधिक मूलभूत कानूनी अधिकार है. संजय सिंह को तीन बार मुलाकात करने की अनुमति दी गई जबकि उन पर केवल पांच या आठ मामले थे.”
ईडी के वकील ने न्यायाधीश से कहा, ‘‘जब कोई व्यक्ति जेल में होता है तो उसके साथ (अन्य कैदियों की तरह) समान व्यवहार किया जाता है. उन्हें सप्ताह में दो बार मुलाकात करने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है. न्यायिक हिरासत में रहने पर बाहरी दुनिया से आपका संपर्क सीमित और कानून के अनुसार होता है.” उन्होंने कहा, ‘‘महज इसलिए कि किसी ने जेल के अंदर से सरकार चलाने का विकल्प चुना है, उसके साथ विशेष व्यवहार नहीं किया जा सकता और विशेष छूट नहीं दी जा सकती.”
ईडी के वकील ने आरोप लगाया कि केजरीवाल परामर्श लेने को छोड़कर अन्य उद्देश्यों के लिए कानूनी मुलाकातों का दुरूपयोग कर रहे हैं. केजरीवाल ने जेल से शासन से जुड़े विषयों पर कुछ निर्देश जारी किये हैं. उनकी आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि वह जेल से सरकार चलाएंगे. ईडी ने कहा, ‘‘यदि आप वैध न्यायिक हिरासत में हैं तो कुछ अधिकारों में कटौती कर दी जाती है. आपके पास पूर्ण अधिकार नहीं होते…जेल नियमावली के तहत उनमें कटौती की जाती है.”
केजरीवाल के वकील ने कहा, ‘‘लोगों के साथ असमान व्यवहार किया जाता है और आपको उनमें संतुलन बनाना होगा. यहां एक व्यक्ति है, जिसके खिलाफ 30 मामले चल रहे हैं… क्या मेरी तुलना किसी ऐसे व्यक्ति से की जा सकती है, जिसके खिलाफ एक मामला हो?” दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अर्जी में दावा किया कि उनके वकील के साथ हफ्ते में दो बार मुलाकात पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि वह विभिन्न राज्यों में कई मामलों का सामना कर रहे हैं तथा परामर्श के लिए उन्हें और समय की जरूरत है. अदालत ने केजरीवाल को हफ्ते में वकील से दो बार मुलाकात करने की अनुमति दी है. अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में एक अप्रैल को केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.