ईडी ने जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक घोटाले में चार्जशीट दायर की, जानिए कैसे हुआ गबन

Jammu and Kashmir Gramin Bank Scam: श्रीनगर स्थित प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक घोटाले के मामले में इश्तियाक अहमद पर्रे और 12 अन्य के खिलाफ श्रीनगर की अदालत में चार्जशीट दाखिल की. अदालत ने इस पर संज्ञान ले लिया. ईडी ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज चार एफआईआर के आधार पर शुरू की. जांच में सामने आया कि जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक के उस समय के ब्रांच मैनेजर इश्तियाक अहमद पर्रे ने 250 से अधिक फर्जी लोन खातों के जरिए ₹6.30 करोड़ का गबन किया है.
पर्रे के धोखाधड़ी के तरीके
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
- जॉइंट लाइबिलिटी ग्रुप लोन (JLG Loan)
- वाहन ऋण (Vehicle Loan)
- कैश क्रेडिट लिमिट (CC Limit)
- ईज़ी फाइनेंस लोन
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि इश्तियाक अहमद पर्रे ने अपने ड्राइवर मोहम्मद मकबूल गनई और अन्य लोगों के साथ मिलकर यह फंड गबन किया. ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि यह पैसा इश्तियाक अहमद पर्रे और उनके परिवार के सदस्यों और नजदीकी रिश्तेदारों द्वारा निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया.
कहां-कहां किया रुपये का इस्तेमाल
- अचल संपत्तियों की खरीद में
- पारिवारिक संपत्तियों के नवीनीकरण में
- बेटियों की भव्य शादी में
- ऐशो-आराम की जिंदगी में
अब तक की कार्रवाई
- 29 जुलाई 2024 को ईडी ने जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया.
- अभियान में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए.
- अक्टूबर 2024 में ईडी ने ₹3.40 करोड़ की अचल संपत्तियां अटैच की.
- ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है.
- यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी” का स्पष्ट संकेत है.