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दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने 7वीं चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, अरविंद केजरीवाल का क्या इसमें है नाम?

Delhi Liquor Case : अरविंद केजरीवाल को आज सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी.

नई दिल्ली:

आबकारी घोटाले में आज ईडी ने 7वीं चार्जशीट दाखिल की. इसमें एक मुख्य और 6 सप्लीमेंट्री हैं. ईडी ने आज 224 पेज का ऑपरेटिव पार्ट कोर्ट में फाइलिंग काउंटर पर जमा कराया. अब 13 मई को कोर्ट इस चार्जशीट पर सुनवाई करेगा. सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट आज सिर्फ के कविता और कुछ अन्य के खिलाफ दाखिल हुए हैं. ईडी के वकीलों ने बस जाते हुए इतना कहा है के कविता और एक कंपनी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर ईडी ने कुछ भी जवाब नहीं दिया है. 13 मई को जज के आगे ईडी इस चार्जशीट के बारे में बताएगी. 

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उधर, आज ही अरविंद केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और उनके बेहद करीबी विभव ने मुलाकात की. मुलाकात के लिए दो बजे का समय पहले से तय था. जिस वक्त केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर कोर्ट में बहस चल रही, उस वक्त वे पत्नी सुनीता केजरीवाल और विभव से मुलाकात में व्यस्त थे. सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना होगा और वापस जेल जाना होगा. पीठ ने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के कारणों का ब्यौरा बाद में दिया जाएगा.

इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत (Arvind Kejriwal Bail Plea) का विरोध करते हुए ईडी (ED on Arvind Kejriwal Bail Plea) ने कल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा पेश किया. इसमें ईडी की ओर से जोरदार दलील दी गई. ईडी ने अपने हलफनामे में कहा है कि चुनाव प्रचार (Election Campaign) करना कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. अगर इस तरह चुनाव प्रचार करने के लिए बेल दी गई तो फिर तो किसी नेता को गिरफ्तार करना ही मुश्किल हो जाएगा. 

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ईडी ने कहा कि याचिकाकर्ता यानी अरविंद केजरीवाल ने जमानत की मुख्य वजह 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करना बताया है. चुनाव आयोग बनाम मुख्तार अंसारी के 2017 फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने खुद कहा है कि चुनाव प्रचार करना कोई संवैधानिक या मौलिक अधिकार नहीं है और न ही कानूनी अधिकार है. अब तक की जानकारी में किसी भी नेता को चुनाव प्रचार करने के लिए जमानत कभी नहीं दी गई है. अरविंद केजरीवाल तो चुनाव भी नहीं लड़ रहे हैं. अगर कोई उम्मीदवार भी कस्टडी में होता तो भी उसे खुद के चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी जा सकती. 

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