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शाहजहां शेख के अपराध के साम्राज्य में कैसे की जाती थी काली कमाई? ईडी ने चार्जशीट में किया खुलासा


नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निकाले गए नेता शाहजहां शेख (Shah Jahan Sheikh), उसके भाई और उसके दो सहयोगियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें ईडी ने शाहजहां शेख द्वारा अपराध से की जाने वाली कमाई के तरीकों का खुलासा किया है.   

सूत्रों के मुताबिक ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि, शाहजहां शेख ने अपने मजबूत राजनीतिक समर्थन और गुंडों की एक सेना के बलबूते आतंक का शासन स्थापित किया था. उसने अपराधों को अंजाम देने, अवैध रूप से पैसा कमाने के लिए धमकी, हत्या का प्रयास, हत्या, जबरन वसूली, जमीन पर कब्जा करने जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया. 

शाहजहां शेख ने अपराध से कमाई करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया. उसने एसके सबीना मछली सप्लायर से, एसके सबीना मत्स्य अरोट से, एसके शाहजहां बाजार में कमीशन और किराए से, एसके एसटी ब्रिक फील्ड 1 और 2 से अपराध की कमाई की. 

आतंक और राजनीतिक दबदबे के जरिए अवैध कमाई

शेख शाहजहां के आतंक और राजनीतिक दबदबे के कारण सरकारी टेंडरों से एसके अलोमगीर और शिब प्रसाद हाजरा के जरिए अवैध कमाई करता रहा. उसने कोयले की सप्लाई पर अवैध लेवी या टैक्स की वसूली की, जमीनों की डील में कमीशन लिया. उसने गांव के लोगों से नगद पैसा वसूला और अन्य कीमती सामान की उगाही की.

शेख शाहजहां की 27.08 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की गई हैं. इस संपत्ति में महिंद्रा थार जीप और कंपास जैसी महंगी गाड़ियां शामिल हैं. उसके बैंक खातों में करोड़ों रुपये का बैलेंस है. उसकी एग्रीकल्चर लैंड और कमर्शियल इमारतों सहित कई अचल संपत्तियां हैं.

इस मामले में संदेशखाली और कोलकाता में कई इलाकों में छापेमारी हुई थी जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. यह चार लोग शाहजहां शेख, एसके आलमगीर, शिव प्रसाद हाजरा और दीदार बोक्श मोल्ला हैं. यह चारों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

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जांच के दौरान करीब 100 लोगों के बयान दर्ज

मामले की जांच के दौरान स्थानीय किसानों, आदिवासियों, मछली व्यापारियों, एजेंटों, निर्यातकों, भूमि मालिकों, ठेकेदारों सहित लगभग 100 लोगों के बयान पीएमएलए के तहत दर्ज किए गए. 

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ईडी ने अब तक कुल 261 करोड़ रुपये की अपराध की आय की पहचान की है. शाहजहां शेख ने इस काले धन को सफेद दिखाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया. उसने डमी व्यापारियों का उपयोग किया. मछली की बिक्री से मिले पैसों को डमी व्यापारियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया. बाद में इन पैसों को बैंक से निकालकर इस अवैध आय को कारोबारी लेनदेन दिखाते हुए यह पैसा शेख शाहजहां को दे दिया गया. यह कारोबारी शाहजहां के सहयोगी थे.

सहयोगियों के नाम पर संपत्तियों में निवेश

उसने अपराध से अर्जित आय का संपत्तियों में निवेश किया. एग्रीकल्चर लैंड  और कमर्शियल बिल्डिंगों समेत कई संपत्तियों में निवेश किया गया था. इनमें से अधिकांश संपत्तियां सहयोगियों के नाम पर या शेख सुमैया हाफ़िज़िया ट्रस्ट जैसे ट्रस्टों के नाम पर रजिस्टर्ड की गई थीं.

पैसे हासिल करने और ट्रांसफर करने के लिए करने के लिए कई बैंक खातों का उपयोग किया गया. एसके सबीना फिश सप्लायर्स जैसी संस्थाओं के खातों में पैसे जमा किए गए और फिर डमी व्यापारियों को ट्रांसफर कर कैश निकाल लिया गया. डमी ठेकेदारों और सहयोगियों के नाम पर सरकारी काम का पैसा लेकर उसे शाहजहां शेख तक पहुंचाया गया.

जमीनें हड़पकर कॉम्पलेक्स बना लिए

ईडी के मुताबिक शाहजहां शेख ने संदेशखाली के गरीब लोगों के नाम पर मुनाफाखोरी की. उसने अपने गुंडों और राजनीतिक संगठनों के माध्यम से जमीनें हड़प लीं. इन जमीनों को अवैध तरीकों से ईंट भट्ठों, मार्केट कॉम्प्लेक्स में बदल दिया गया और भारी मात्रा में पैसा इकट्ठा किया गया.

ईडी के मुताबिक, शाहजहां शेख के शब्दों में “संदेशखालिर नोना जोले सोना फोले” का अर्थ है – संदेशखाली के खारे पानी में सोने की फसल उगाई और काटी जाती है.

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शाहजहां शेख को ईडी ने 30 मार्च को एजेंसी के अधिकारियों पर भीड़ के हमले के मामले में गिरफ्तार किया था. अधिकारियों पर हमला तब किया गया था, जब वह इस साल पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल में हुए कथित राशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग के मामले में राज्य के उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में शाहजहां शेख के परिसरों की तलाशी लेने गए थे.


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