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तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में 6 जगहों पर ED की तलाशी, किसानों को लोन देने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छह जगहों पर ED का तलाशी अभियान (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 29 नवंबर 2023 को छह जगहों पर तलाशी अभियान (ED Search Operation In Andhra Pradesh And Telangana) चलाया था. किसान क्रेडिट के तहत लोन मंजूरी में धोखाधड़ी मामले की जांच के संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छह जगहों पर तलाशी ली गई. यह मामला मछली पालने के लिए टैंक बनाने के लिए किसानों को क्रेडिट कार्ड लोने देने से जुड़ा है. 

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बैंक पर लोन देने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप

ईडी ने 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई, एसीबी, विशाखापत्तनम द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच शुरू की. इसमें मत्स्य पालन करने वाले किसानों को तालाबों,टैंकों के निर्माण के लिए शोर्ट टर्म लोन की मंजूरी देने के मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में आईडीबीआई बैंक की राजमुंदरी शाखा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था.

311.05 करोड़ रुपए खातों में ट्रांसफर-ED

ईडी की जांच से खुलासा हुआ है कि आरोपी व्यक्तियों ने बैंकिंग चैनलों के जरिए सैलरी पेमेंट, मेडिकल रिंबर्समेंट, पीएफ आदि के बहाने अपने कर्मचारियों, जानने वालों और किसानों से केवाईसी दस्तावेज, खाली चेक लिए थे. उनके नाम पर लोन लिया गया. बैंक अधिकारियों और मूल्यांकनकर्ताओं की मिलीभगत से 311.05 करोड़ रुपए वर्कर्स, किसानों आदि के खातों में जमा किए गए लोन के पैसे को आरोपियों ने अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया.

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लोन एग्रीगेटर्स के आवासों और ऑफिसों में ED की तलाशी

कई मामलों में लोन का पूरा पैसा नकद निकाल लिया गया. इस तरह आरोपियों ने लोन एग्रीगेटर के रूप में काम किया और लोन के पैसे का इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए किया. इस पैसे से उन्होंने बिजनेस में निवेश किया और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं. ईडी ने लोन एग्रीगेटर्स के आवासों और ऑफिस परिसरों में तलाशी ली, इस दौरान डिजिटल उपकरणों की बरामदगी और जब्ती की गई. इसके साथ ही क्राइम कर बनाई गई कई चल और अचल संपत्तियों का भी खुलासा हुआ है. आगे की जांच की जा रही है.आगे की जांच जारी है.

बता दें कि भारत सरकार की योजना के तहत किसानों को मछली पालने के लिए 1.60 लाख रुपए तक का लोन KCC कार्ड के जरिए दिया जाता है. इसी लोन के जरिए धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.

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