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मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने को लेकर चुनाव आयोग ने दिया अपडेट, जानिए क्या बताया

Election Commission Update On Linking Voter ID Card With Aadhaar: चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा. उसने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए यूआईडीएआई और उसके विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द शुरू होगा. चुनाव आयोग ने मंगलवार को मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह सचिव, विधायी सचिव (कानून मंत्रालय में), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के साथ बैठक की.

सरकार ने क्या बताया

सरकार ने अप्रैल 2023 में एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि आधार के विवरणों को मतदाता पहचान पत्रों से जोड़ने का काम शुरू नहीं हुआ है. सरकार ने बताया कि यह कार्य ‘प्रक्रिया संचालित’ है और प्रस्तावित कार्य के लिए कोई लक्ष्य या समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है. सरकार ने आश्वस्त किया है कि जो लोग अपने आधार विवरण को मतदाता सूची से नहीं जोड़ेंगे, उनके नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाएंगे.

चुनाव आयोग ने क्या कहा

चुनाव आयोग एपिक नंबर को आधार से लिंक करने के लिए अनुच्छेद 326, आरपी अधिनियम, 1950 और संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अनुसार कार्रवाई करेगा. यूआईडीएआई और चुनाव आयोग के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू किया जाएगा. डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर हटाने के लिए चुनाव आयोग ने 3 महीने की समय सीमा तय की है. टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर का मुद्दा उठाया था.

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चुनाव आयोग का कहना है कि आधार नंबर के आधार पर एपिक नंबर नहीं बनाया जा सकता. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को ही दिया जा सकता है, वही आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है. कानून के अनुसार, नागरिकता EPIC का आधार है. वही बायोमेट्रिक्स आधार कार्ड का आधार है.



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