नुकीली और आग लगी लोहे की छड़ों से हाथी को मार डाला, देखें वीडियो
जंगली जानवरों को भगाने के लिए नुकीली और आग लगी लोहे की छड़ों के इस्तेमाल की प्रतिबंधित प्रथा के कारण बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के झारग्राम जिले में एक हाथी की मौत हो गई. पशु प्रेमी प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने शनिवार दोपहर सोशल मीडिया पर यह घटना साझा की. उन्होंने एक्स पर बताया कि दो करभ (हाथी के बच्चे) सहित छह हाथी बृहस्पतिवार सुबह राज कॉलेज कॉलोनी में घुस गए और कुछ दीवारों को तोड़ दिया. कुछ घंटों बाद, झुंड में से एक अन्य हाथी ने कॉलोनी के एक बुजुर्ग निवासी को मार डाला.
वन विभाग की जानकारी में था?
जैसे ही हाथियों ने उत्पात मचाया, लोहे की छड़ों और जलती मरशालों से लैस एक ‘हुल्ला’ टीम उन्हें भगाने के लिए वहां पहुंच गई. पशु प्रेमी ने दावा किया कि स्थानीय लोगों ने संकेत दिया कि हुल्ला टीम वन विभाग की जानकारी में वहां हाथियों को भगाने आई थी.
कौन हैं हुल्ला?
हुल्ला टीम को खेत से हाथियों को भगाने का काम सौंपा जाता है. पश्चिम बंगाल में अनेकों हुल्ला टीम हैं. इनके द्वारा नुकीली छड़ों का उपयोग करने और आग के गोले फेंकने की प्रथा को बिंद्रा और अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) के बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था.
पशु प्रेमी ने कहा कि हुल्ला टीम ने हमला की गई मादा हाथियों में से एक के शरीर में आग लगी लोहे की छड़ चिपकी हुई थी, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई. आठ घंटे से अधिक की देरी के बाद देर रात वन विभाग हाथी को इलाज के लिए ले गया. हालांकि, वन अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन पशु प्रेमी ने दावा किया कि मादा हाथी ने शनिवार सुबह चोटों के कारण दम तोड़ दिया.
On August 12, #India celeberated #WorldElephantDay2024 & heard a lot from @moefcc on all the great things v have done for #elephants.
I would like to hear from @moefcc and @ForestDeptWB
now on the horrific harassment, torture and killing of an #elephant in #Jhargam #WestBengal… pic.twitter.com/KTTzAdStrG— prerna singh bindra 🐘🐅🐾 (@prernabindra) August 17, 2024
बिंद्रा ने एक्स पर लिखा, “क्या @moefcc फिर से मिलीभगत करेगा? क्या #ProjectElephant @ForestDeptWB कठोर निर्णय लेगा? हम हाथियों की रक्षा करने का दावा करते हैं, उनकी पूजा करते हैं, लेकिन हम उन्हें आवास प्रदान नहीं कर सकते, उन्हें जगह नहीं दे सकते?“ उन्होंने लिखा, एक अन्य हाथी जो गंभीर रूप से घायल हो गया था और खड़ा होने में असमर्थ था, उसे बुलडोजर का उपयोग करके जंगल में धकेला जा रहा था.