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दूध लेने गए छात्र को भी नहीं बक्शा: नागपुर हिंसा की दर्दनाक कहानी

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की थी.


नागपुर:

महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के परिजनों के लिए यह समझना मुश्किल है कि कैसे उनके अपने, अस्पतालों में पहुंच गए और अब अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बड़े नवाज नगर का एक निवासी को नागपुर रेलवे स्टेशन से रात एक बजे इटारसी जाने वाली ट्रेन पकड़नी थी, जिसके लिए वह सोमवार रात करीब 11 बजे घर से निकला. नागपुर रेलवे स्टेशन का इलाका हिंसा प्रभावित था. परिवार को इंदिरा गांधी राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीजीएमसीएच) से फोन के माध्यम से सूचना मिली कि उनके परिवार का बेटा अस्पताल में भर्ती है. पीड़ित के भाई ने बताया कि सिर में गंभीर चोटें आई हैं और एक पैर ‘फ्रैक्चर’ हो गया है. उन्होंने बताया कि वह फिलहाल गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हैं.

12वीं कक्षा का एक छात्र दूध और दही खरीदने के मकसद से रात करीब साढ़े 10 बजे समीपवर्ती बाजार गया था. रात करीब साढ़े 11 बजे पीड़ित की मां को आईजीजीएमसीएच से सूचना मिली कि उनके बेटे को गंभीर हालत में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं. ये खबर सुनते ही परिवार सदमे में चले गया.

मध्य नागपुर के महल इलाके में सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे हिंसा भड़क उठी, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया. हिंसा में 12 दोपहिया वाहन तोड़े गए और एक क्रेन, दो जेसीबी तथा कुछ चार-पहिया वाहनों में आग लगा दी गई. घटनास्थल पर 80 से 100 लोग जमा हो गए थे.

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