दुनिया

भारत विरोध का झंडा लेकर भी जस्टिन ट्रूडो की नहीं बनी बात, विपक्ष के नेता PM की रेस में नंबर वन

भारतीय अधिकारियों पर खालिस्‍तानी आतंकी की हत्‍या की साजिश में शामिल होने का आरोप, कनाडा के चुनावों में विदेशी हस्‍तक्षेप होने की ओर इशारा… जैसे कई तिकड़म कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो लगा रहे हैं. लेकिन कनाडा की जनता को ये तिकड़म शायद समझ में आ रहे हैं, इसलिए जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता बतौर प्रधानमंत्री घट रही है. कनाडा में हुए एक चुनावी सर्वे के मुताबिक, लगभग दो-तिहाई जनता अब जस्टिन ट्रूडो को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहती हैं. प्रधानमंत्री के रूप में कनाडा के लोगों की पहली पसंद विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे बने हुए हैं. 

प्रधानमंत्री के रूप में पहली पसंद पियरे पोइलिवरे 

कनाडा में हुए चुनावी सर्वे के मुताबिक, जस्टिन ट्रूडो कनाडा के लोगों की प्रधानमंत्री के रूप में पहली पसंद नहीं हैं. बढ़ती महंगाई, लचर हेल्‍थ सिस्‍टम और बढ़ते अपराध की शिकायतों के बीच, इप्सोस सर्वेक्षण से पता चला कि केवल 26% ने ट्रूडो को सर्वश्रेष्ठ पीएम उम्मीदवार के रूप में देखा, जो कि कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे से 19 प्रतिशत अंक कम है. लगभग 45% के बीच पियरे पोइलिवरे प्रधानमंत्री पद के लिए कनाडाई लोगों के लिए शीर्ष पसंद बने हुए हैं.

जगमीत सिंह भी रेस में, जस्टिन ट्रूडो से सिर्फ 3% से पीछे

लगभग एक-चौथाई कनाडाई सोचते हैं कि जगमीत सिंह प्रधानमंत्री बनें, जबकि सिर्फ 6% राष्ट्रीय स्तर पर यवेस-फ्रांकोइस ब्लैंचेट को पीएम बनते हुए देखना चाहते हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि जगमीत सिंह को 23% कनाडा के लोग प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं. जस्टिन ट्रूडो और जगमीत सिंह में सिर्फ 3 प्रतिशत का अंतर है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की इस समय कितनी बुरी हालत है. वैसे बता दें कि कनाडा में अलगे साल अक्‍टूबर से पहले प्रधानमंत्री चुनाव हो सकते हैं. 

यह भी पढ़ें :-  निज्जर हत्याकांड: जस्टिन ट्रूडो ने माना कि भारत पर आरोप लगाते वक्त उनके पास नहीं थे ठोस सबूत

कनाडाई लोगों का संदेश स्पष्ट

आर्थिक मुद्दे उन वस्तुओं की सूची पर हावी हैं जिन पर कनाडाई सोचते हैं कि संसद के सदस्यों को आगामी सत्र में ध्यान केंद्रित करना चाहिए, लगभग आधे (47%) ने अपने शीर्ष तीन में रोजमर्रा की वस्तुओं की लागत को कम करने का चयन किया है. मुद्रास्‍फीति और ब्‍याज दर का मुद्दा 36% लोगों को प्रभावित करता है. इमिग्रेशन के मुद्दे पर लगभग 25 प्रतिशत लोग वोट करेंगे. इससे साफ है कि जस्टिन ट्रूडो चुनाव से पहले जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, उनसे जनता को कोई सरोकार है ही नहीं. यही वजह है कि जस्टिन ट्रूडो के तिकड़म कोई काम नहीं आ रहे हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

मोर्चों पर मुश्किलों में घिरे जस्टिन ट्रूडो

घरेलू और विदेशी, दोनों मोर्चों पर मुश्किलों में घिरे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की परेशानी और बढ़ सकती है. उनकी अपनी पार्टी के तथा कुछ अन्य सांसदों ने, जो अब तक सार्वजनिक रूप से उनकी आलोचना कर रहे थे, अब आधिकारिक तौर पर उनका इस्तीफा मांगने की योजना बनाई है. कनाडा के प्रमुख दैनिक ‘द ग्लोब एंड मेल’ ने गुरुवार को बताया कि कम से कम 20 सांसद ट्रूडो को पद से हटाने की मांग पर हस्ताक्षर के लिए सहमत हुए हैं. अखबार के अनुसार, उन्हें बाहर करने की कोशिशें अब “एक गंभीर प्रयास में बदलती दिख रहा हैं. अखबार ने कहा कि उम्मीद है कि कॉकस सदस्य कुछ ही दिनों में पार्टी नेतृत्व से ट्रूडो के आधिकारिक इस्तीफे की मांग करेंगे. अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है, “तीन लिबरल सांसदों ने ‘द ग्लोब एंड मेल’ को बताया है कि उन्हें उम्मीद है कि मांग दो चरणों में प्रस्तुत की जाएगी : पहला, इस सप्ताह के अंत तक लिखित में कहा जाएगा कि घटक सांसदों को बता रहे हैं कि श्री ट्रूडो को पद छोड़ने की जरूरत है; और दूसरा, बुधवार को ओटावा में पार्टी की अगली कॉकस बैठक में एक ओपन माइक्रोफोन सत्र में.”

यह भी पढ़ें :-  "किसी झगड़े की स्थिति में नहीं पड़ना चाहते..." : भारत-कनाडा विवाद पर बोले जस्टिन ट्रूडो

पियरे पोइलिवरे की जस्टिन ट्रूडो को चुनौती

कनाडा की चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थानों में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच में गवाही देने वाले ट्रूडो को इस दावे के बाद और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा कि उनके पास कंजर्वेटिव सांसदों के नाम हैं जो विदेशी हस्तक्षेप में शामिल हैं. प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल कार्लटन के सांसद पियरे पोइलिवरे ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्रूडो को उन सभी सांसदों के नाम जारी करने की चुनौती दी, जिन्होंने विदेशी हस्तक्षेप में सहयोग किया है. कनाडाई प्रधानमंत्री के बयान के बाद कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पोइलिवरे ने कहा, “जस्टिन ट्रूडो वही कर रहे हैं जो वह हमेशा करते हैं: वह झूठ बोल रहे हैं. वह अपने नेतृत्व और खुलासों के खिलाफ लिबरल कॉकस के विद्रोह से ध्यान भटकाने के लिए झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने जानबूझकर बीजिंग को हस्तक्षेप करने और दो चुनाव जीतने में मदद करने की अनुमति दी.



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button