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Exclusive: पीएम मोदी की बातों में विरोधाभास – The Hindkeshariसे बोले शरद पवार

 पीएम मोदी मुझे राजनीतिक गुरु कहते हैं, लेकिन उनकी बातों में विरोधाभास है. मेरे जिन लोगों पर उन्होंने भ्रष्टाचार के इल्जाम लगाए थे, उन्हें ही बाद में साथ लेने की कोशिश की. मेरे बारे में कई अच्छी बातें भी उन्होंने कहीं. पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब अमेरिका ने उन्हें वीजा देने से मना कर दिया था. उस समय मैं देश का कृषि मंत्री था और इजराइल में कृषि के बारे में जानकारी लेने के लिए जा रहा था. तब पीएम मोदी ने मुझसे कहा कि अगर आप मुझे भी साथ ले चलेंगे तो मुझे वीजा की समस्या नहीं आएगी. तब मैं उनको साथ लेकर गया था. पीएम मोदी के जो मन में आता है, वे बोलते हैं, चाहे वह बात सच्ची हो या ना हो. 

चुनाव बाद इंडिया अलायंस के सभी घटक दल आगे की रणनीति तय करेंगे

इंडिया अलायंस को लेकर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में सीटों पर बंटवारे को लेकर तकरार जरूर हुई, लेकिन चुनाव होने के बाद इंडिया अलायंस के सभी घटक दल साथ में बैठेंगे और आगे की राजनीति तय करेंगे. बड़ा मिनिमम प्रोग्राम मनाया जाएगा.

इस बार वंचित बहुजन आघाड़ी से नहीं होगा नुकसान

पिछली बार हुए चुनावी नुकसान पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी से इस बार हमको नुकसान नहीं होगा, जैसा कि पिछले चुनाव में हुआ क्योंकि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम इस बार उनके साथ नहीं है.

अजीत पवार को पार्टी में वापस लेना हमारी गलती

भतीजे अजीत पवार के मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा कि 2019 में अजीत पवार को पार्टी में वापस लेना हमारी गलती थी. राजनीति में गलती होती रहती है. अजीत पवार ने अपनी गलती के लिए माफी मांग ली थी इसलिए हमने उनको मौका दे दिया था, लेकिन बाद में जो कुछ हुआ उसे देखते हुए लगता है कि हमारा निर्णय ठीक नहीं था.

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सुप्रिया सुले को नेतृत्व देने की बात गलत

भतीजे अजीत पवार और कई विधायकों की सुप्रिया सुले को लेकर नाराजगी पर उन्होंने कहा कि सुप्रिया के हाथ में पार्टी का नेतृत्व देने जा रहा था यह बात गलत है. अगर मैं चाहता तो सुप्रिया को मंत्री बन सकता था, लेकिन 2004 में चुनाव हारने वाले प्रफुल्ल पटेल को मैंने केंद्र में मंत्री बनवाया.

बीजेपी-शिवसेना का मेल हमारी नजर में राष्ट्र के लिए ठीक नहीं था

2014 में हमने बीजेपी को महाराष्ट्र में सरकार बनाने में मदद की थी, क्योंकि बीजेपी और शिवसेना का मेल हमारी नजर में राष्ट्र के लिए ठीक नहीं था. बीजेपी शिवसेना को दबा रही थी. हमने शिवसेना और बीजेपी में दरार पैदा करने के लिए जानबूझकर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया था. वह दरार 2019 में आ गई.

2004 में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद हमने सरकार नहीं बनाई

2004 में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी हमने सरकार नहीं बनाई, क्योंकि हमारे पास बहुमत नहीं था, अगर सरकार बनाते भी तो वह चार-पांच महीने से ज्यादा नहीं चलती, क्योंकि कांग्रेस के भीतर कई लोग हमारा विरोध कर रहे थे. 

अजीत पवार अब कभी दोबारा साथ नहीं आ सकते

अजीत पवार की भविष्य में वापसी को लेकर शरद पवार ने साफ-साफ कहा कि अजीत पवार फिर  साथ नहीं आ सकते, क्योंकि वो बीजेपी के साथ गए हैं, जो बीजेपी के साथ गए वो हमारे साथ नहीं आ सकते. परिवार के सब लोग सुप्रिया के साथ हैं, हम चाहते हैं कि राजनीति को अलग रखें और पारिवारिक रिश्तों को अलग.

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