देश

Exclusive: भारत 6.3% से 6.8% की GDP ग्रोथ कैसे कर सकता है हासिल? CEA डॉ. नागेश्वरन ने बताया


नई दिल्ली:

मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) शनिवार को सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट 2025 (Budget 2025) पेश करेंगी. शुक्रवार से शुरू हुए बजट सत्र में वित्त मंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा पेश किया. इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 के दौरान GDP ग्रोथ 6.3% से 6.8% रहने का अनुमान है. ये रिपोर्ट भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) डॉक्टर अनंता नागेश्वरन की देखरेख में तैयार हुई है. The Hindkeshariसे एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में डॉक्टर नागेश्वरन ने कहा कि सरकार की नीतियां कारगर हैं. ऐसे में 6.3% से 6.8% की रेंज में इकोनॉमिक ग्रोथ मुमकिन है. अगले साल देश की विकास दर बढ़ सकती है.

डॉक्टर नागेश्वरन ने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार दुनिया में कोई अलग घटना नहीं है. क्योंकि ग्लोबल इकोनॉमिक एक्टिविटी का इंडेक्स 2023 से नीचे जा रहा है. ग्लोबल इकोनॉमिक एक्टिविटी कम है. भारत भी इसका एक हिस्सा है.”

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया, “भारतीय अर्थव्यवस्था की धीमी आर्थिक गति के पीछे कई और कारण भी हैं. मसलन बीते साल लोकसभा के चुनाव हुए. फिर सितंबर तक मॉनसून की अत्यधिक बारिश हुई. इससे क्रेडिट ग्रोथ पर मजबूत प्रभाव पड़ा. हालांकि, केंद्रीय बैंक (RBI) इन्हें कंट्रोल करने पर काम कर रही है. उम्मीद है कि अनुमानित ग्रोथ वित्त वर्ष 2025-26 में हासिल किया जा सकता है.”

वैश्विक हालात चुनौतीपूर्ण
डॉ. नागेश्वरन कहते हैं, “वैश्विक हालात काफी चुनौतीपूर्ण हैं. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अगले साल देश की GDP ग्रोथ रेट 6.3% से 6.8% के रेंज में रह सकती है.”

यह भी पढ़ें :-  दिल्ली में घुसने से पहले प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने रोका, सभी बॉर्डर पर धारा-144, नोएडा में भयंकर जाम

प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में इंवेस्टमेंट बढ़ाना जरूरी
इकोनॉमी में डिमांड को बढ़ाने के लिए क्या करने की जरूरत है? इसके जवाब में डॉ. नागेश्वरन कहते हैं, “लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा देने का मतलब ये कतई नहीं है कि डिमांड बढ़ जाएगी. हमें कई सेक्टरों ऐसी पॉलिसी लानी होगी, जिससे डिमांड बढ़े. इसके साथ ही प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में इंवेस्टमेंट को बढ़ाकर, रोजगार के मौके बनाकर, टैक्स में कटौती करके भी डिमांड बढ़ाई जा सकती है.

महंगाई घटी, 2026 में भी 6.8 % ग्रोथ का अनुमान, जानिए आर्थिक सर्वेक्षण में आखिर है क्‍या

कम्युनिकेशन नेटवर्क को बढ़ाने पर दिया जोर
उन्होंने कहा इसके साथ ही हमें इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने की जरूरत है. जैसे कि सड़कें, पोर्ट, एयरपोर्ट और कम्युनिकेशन नेटवर्क. ताकि बिजनेस और इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिले.

ज्यादा नियुक्ति, बेहतर पैकेज से पड़ेगा फर्क
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि डिमांड बढ़ाने के लिए हमें नौकरियों के मौके भी बनाने होंगे. ज्यादा नियुक्तियां भी करनी होंगी. ज्यादा नियुक्तियों और बेहतर पैकेज से फर्क पड़ेगा.

इकोनॉमिक सर्वे 2025 की बड़ी बातें:
-2025-2026 में इकोनॉमी 6.3% से 6.8% की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है. सर्वे में कहा गया है कि 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के लिए अगले एक से दो दशक तक 8% के दर से आर्थिक विकास करना होगा.
-2023-2024 में रिटेल महंगाई 5.4% थी, जो अप्रैल-दिसंबर 2024 में 4.9% हो गई। चौथी तिमाही में महंगाई में कमी की उम्मीद है. खराब मौसम, कम उपज के चलते सप्लाई चेन में बाधा आने से खाने-पीने की महंगाई बढ़ी.
-सर्वे में कहा गया है कि लेबर मार्केट के हालात 7 साल में बेहतर हुए है. FY24 में बेरोजगारी दर गिरकर 3.2% पर आई. वहीं EPFO में नेट पेरोल पिछले 6 साल में दोगुना हुआ जो संगठित क्षेत्र में रोजगार का अच्छा संकेत है.
-इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया कि भारत को अगले 20 साल में तेज ग्रोथ के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश की जरूरत है. पिछले 5 साल में सरकार ने फिजिकल, डिजिटल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया है.
-सर्वे में यह भी कहा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का तेजी से हो रहा विकास न सिर्फ ग्लोबल लेबर मार्केट में नए अवसरों का निर्माण कर रहा है, बल्कि महत्वपूर्ण चुनौतियां भी उत्पन्न कर रहा है.

यह भी पढ़ें :-  कैबिनेट ने कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को दी मंजूरी, जानिए एक साथ चुनाव पर अब तक के घटनाक्रम

2025 में सोने में पैसा लगाना घाटे का सौदा, चांदी से होगी चांदी! आर्थिक सर्वे का संकेत समझिए


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button