Exclusive: छोटे दुकानदारों और खुदरा व्यापारियों के हितों को सुरक्षित रखना ज़रूरी: वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल

नई दिल्ली:
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि ई-कॉमर्स सेक्टर में ग्रोथ को आगे बढ़ाने के दौरान छोटे किराना दुकानदारों और खुदरा व्यापारियों के हितों को सुरक्षित रखना भी ज़रूरी है. पीयूष गोयल ने The Hindkeshariको दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में शुक्रवार को ये महत्वपूर्ण बात कही. इससे पहले पीयूष गोयल ने दिल्ली में अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन द्वारा भारत में एक बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा पर बुधवार को कहा था कि वो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कोई बड़ी सेवा नहीं कर रही है, बल्कि देश में हुए नुकसान की भरपाई कर रही है. उन्होंने कहा था कि भारत में अमेजन को हुआ भारी घाटा, दरअसल मार्केट बिगाड़ने वाली बेहद कम कीमतों पर प्रोडक्ट्स की सेलिंग के तौर-तरीके की तरफ इशारा करता है. जो भारत के लिए अच्छा नहीं है. क्योंकि इसका असर करोड़ों छोटे खुदरा विक्रेताओं पर पड़ता है.
ई-कॉमर्स सेक्टर में ग्रोथ ज़रूरी है, लेकिन…
पीयूष गोयल ने दिल्ली में ई-कॉमर्स पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था, “जब अमेजन भारत में एक बिलियन डॉलर के निवेश करने की घोषणा करती है, तो हम जश्न मनाते हैं. हम ये भूल जाते हैं कि ये बिलियंस डॉलर भारतीय इकोनॉमी की बड़ी सेवा या निवेश के लिए नहीं आ रहे हैं. कंपनी को उस साल अपने बही-खाते में एक बिलियन डॉलर का घाटा हुआ था और उन्हें उस घाटे की भरपाई करनी थी”. उन्होंने आश्चर्य जताया था कि एक साल में 6,000 करोड़ रुपये का घाटा होने से क्या प्रीडेटरी प्राइसिंग (कीमतों को जानबूझकर कम रखना) के संकेत नहीं मिल रहे हैं. लेकिन शुक्रवार को मुंबई में The Hindkeshariको दिए इंटरव्यू में पीयूष गोयल ने इसपर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ई-कॉमर्स सेक्टर में ग्रोथ ज़रूरी है, लेकिन साथ ही छोटे किराना दुकानदारों और व्यापारियों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए इस सेक्टर में फेयर प्ले भी बेहद जरूरी है.
“ई-कॉमर्स पर मेरे रुख में कोई बदलाव नहीं है”
पीयूष गोयल ने The Hindkeshariसे कहा, “ई-कॉमर्स पर मेरे रुख में कोई बदलाव नहीं है. मेरा रुख इसपर कंसिस्टेंट है. मैंने 4 साल पहले या 2 दिन पहले जो टिप्पणियों की हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं है. मैं ई-कॉमर्स टेक्नोलॉजी के महत्व को समझता हूं, लेकिन हमारे किराना स्टोर हमारी जीवन रेखा रहे हैं. वे हमारे इकोसिस्टम का हिस्सा हैं. मैं ई-कॉमर्स पर अपना रुख नरम नहीं किया है. लेकिन मैं देश के कानून के दुरुपयोग के खिलाफ हूं. भारत में छोटे खुदरा व्यापार की सुरक्षा की जाए ये ज़रूरी है. हम हर तरह की टेक्नोलॉजी का स्वागत करते हैं. देश में दोनों इकोसिस्टम के बीच समन्वय बेहद ज़रूरी है”.
“हमारे पास नीतियां मौजूद हैं”
पीयूष गोयल मानते हैं कि देश में ई-कॉमर्स को रेगुलेट करने के लिए किसी नए नियम या नीति की ज़रुरत नहीं है. उन्होंने The Hindkeshariसे कहा, “हमारे पास नीतियां मौजूद हैं, हर किसी को बस देश के कानून का पालन करना होगा. किसी और नीति की आवश्यकता नहीं है. यदि कुछ स्मार्ट विशेषज्ञ व्यवसाय करने में हमारे द्वारा बनाए गए दिए गए Ease Of Doing Business (व्यापार करने में आसानी) फ्रेमवर्क का दुरुपयोग करने के बारे में सोचते हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्हें भारतीय कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए. यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसका विस्तार हो रहा है, इसलिए इसमें सेल्फ-रेगुलेशन होना चाहिए. ये समझना ज़रूरी है कि छोटी दुकानें महत्वपूर्ण हैं और आय और रोजगार के बड़े स्रोत हैं. बस इस ई-कॉमर्स तंत्र को और अधिक समावेशी बनाना ज़रूरी है”.
छोटे व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कनफेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के सेक्रेटरी जनरल ने पीयूष गोयल के बयान का स्वागत किया है. प्रवीण खंडेलवाल ने The Hindkeshariसे बातचीत में कहा, अमेजॉन जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की प्रेडेटरी प्राइसिंग की वजह से देश में जो करोड़ों छोटे किराना दुकानदार और व्यापारी हैं, उनके बिजनेस को नुकसान हो रहा है.
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “हम किसी भी तरह के Predatory Pricing के खिलाफ हैं. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सही कहा है कि E-Commerce सेक्टर में एक लेवल प्लेयिंग फील्ड होना चाहिए. देश के व्यापारी चाहते हैं कि ई-कॉमर्स सेक्टर को रेगुलेट करने के लिए नई पॉलिसी बननी चाहिए”.
जाहिर है देश में ई-कॉमर्स का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है, और इस दौरान छोटे किराना दुकानदारों और व्यापारियों के हितों को सुरक्षित रखना भी बेहद ज़रूरी होगा. बीते कुछ वर्षों के अनुभव बताते हैं कि ऑनलाइन कारोबार का छोटे किराना दुकानदारों पर असर पड़ा है. सवाल है, सरकार इसके बीच कोई संतुलन बनाने के लिए क्या कर सकती है.
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