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EXCLUSIVE: "RBI को आम आदमी की भाषा में समझाना लक्ष्य…", The Hindkeshariसे बोले RBI चीफ़ शक्तिकांत दास


नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रमुख शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बैंकिंग सिस्टम को आसान भाषा में समझाने पर जोर दिया है. शक्तिकांत दास ने कहा, “RBI को आम आदमी की भाषा में समझाना हमारा लक्ष्य है. इसलिए RBI के काम को सरल भाषा में पेश करने की कोशिश की जा रही है. ताकि हर इंसान अपने बैंकिंग सिस्टम को जान पाए और समझ पाए.”

The Hindkeshariके एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास कहते हैं, “बहुत से लोग पूरी तरह से नहीं जानते कि RBI का क्या काम है? RBI हर व्यक्ति की जिंदगी को प्रभावित करता है… हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय रिजर्व बैंक का कम्युनिकेशन और उसका आउटरीच अच्छे से चले.”

कोविड के बाद बैंकिंग सिस्टम के सामने थी बड़ी चुनौतियां
शक्तिकांत दास ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक ने 1935 में काम करना शुरू किया था. UPI पेमेंट में RBI का बड़ा रोल है. हमने कोरोना महामारी और उसके बाद की चुनौतियों का अच्छे से सामना किया है. कोविड के अलग-अलग दौर में बैंकिंग सिस्टम के सामने चुनौतियां बड़ी थीं. दुनिया के सामने कई और चुनौतियां भी थीं. यूक्रेन युद्ध का असर भी बड़ा था. लेकिन सरकार और RBI ने मिलकर अच्छा काम किया.”

RBI सरकार को फ्रॉफिट या लॉस नहीं देता
शक्तिकांत दास कहते हैं, “RBI का फोकस मुख्य रूप से देश की वित्तीय और मौद्रिक स्थिरता सुनिश्चित करना है. हम एक नॉन फ्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन हैं. इसलिए हम हर साल सरकार को कोई फ्रॉफिट या लॉस नहीं देते, बल्कि सरप्लस ट्रांसफर करते हैं.”
 

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महंगाई दर पर क्या बोले RBI गवर्नर
बढ़ती महंगाई दर पर RBI गवर्नर ने कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि मुद्रास्फीति दर (Inflation Rate) 4% से नीचे जाएगी. हमारा लक्ष्य 4% के करीब रहना है. 4% की वन-ऑफ रीडिंग पॉलिसी को आगे नहीं बढ़ा सकती. लिहाजा हमें धैर्य रखना होगा और इंतजार करना होगा.”

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अर्थव्यवस्था में सुनिश्चित करनी होगी मूल्य स्थिरता
RBI गवर्नर ने कहा, “”हमें भारतीय अर्थव्यवस्था में मूल्य स्थिरता (Price Stability) सुनिश्चित करनी होगी. मूल्य स्थिरता से उपभोक्ता को भरोसा मिलता है. वहीं, महंगाई दर यानी मुद्रास्फीति को बनाए रखने से निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा. एक रेगुलेटर के रूप में हमें वित्तीय स्थिरता (Financial Stability) जरूर बनाए रखनी चाहिए. यह भी बहुत महत्वपूर्ण है.”
 

RBI के अगस्त के बुलेटिन के मुताबिक, बैंक कॉमर्शियल पेपर और डिपॉजिट सर्टिफिकेट जैसे ऑप्शनल सोर्सेस का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि डिपोजिट ग्रोथ क्रेडिट ग्रोथ से कम है. बाइमंथली मॉनिटरी पॉलिसी की शुरुआत करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा था, “बैंक इंक्रिमेंटल क्रेडिट डिमांड को पूरा करने के लिए शॉर्ट टर्म नॉन-रिटेल डिपॉजिट और दूसरे देयता (Liability) के उपकरणों का ज्यादा सहारा ले रहे हैं. यह संभावित रूप से बैंकिंग सिस्टम के सामने स्ट्रक्चरल लिक्विडिटी ला सकता है.”

डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स के लिए रिपोजिटरी
RBI गवर्नर ने कहा, “साइबर अटैक एक बड़ा खतरा है, जो टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट के साथ-साथ बढ़ता जा रहा है. बैंकिंग सिस्टम में हमने ग्राहकों में साइबर अटैक के बारे में जागरूकता फैलाने पर काम किया है. हम डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स को लेकर भी एक पब्लिक रिपोजिटरी बना रहे हैं.” शक्तिकांत दास कहते हैं, “हम साइबर सिक्योरिटी को लेकर नियमित रूप से बैंकों और NBFCs के संपर्क में हैं. साइबर सिक्योरिटी की क्वालिटी में सुधार के लिए हम लगातार उनके साथ काम कर रहे हैं.”

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर दिया जोर
शक्तिकांत दास ने आने वाले दिनों में बैंकिंग सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया है. The Hindkeshariके एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में शक्तिकांत दास ने कहा, “सुपरविजन को और मजबूत करने के लिए AI और ऐसे मॉर्डन तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. कई एनालिटिकल टूल्स के जरिए बैंकिंग सेक्टर में समस्याओं का एनालिसिस भी किया जा रहा है. ये एक लगातार चलने वाला प्रोसेस है. हमें इसे रि-एवैलुएट (Re-Evaluated) यानी पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत है.”


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