Exit Poll: UP-बिहार में अखिलेश-तेजस्वी के साथ चली राहुल की जोड़ी? या NDA ने मारी बाजी
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जहां बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को इस बार फायदा मिल सकता है वहीं बिहार में उसके कुछ नुकसान उठाने की संभावना है. मतदान पश्चात किए गए सर्वेक्षणों (Exit Polls) के आकलनों पर नजर डालने से यही संकेत मिल रहे हैं. लोकसभा की कुल 543 सीटें हैं जिनमें से उत्तर प्रदेश में 80 और बिहार में 40 सीटें हैं. यानी कि इन दो राज्यों की 120 सीटें नतीजों को प्रभावित करने में खासा दम रखती हैं. सीटों की यह संख्या कुल लोकसभा सीटों की एक चौथाई से कुछ कम है.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. इंडिया न्यूज- डी डायनामिक्स के एग्जिट पोल में एनडीए को 69 सीटें और इंडिया गठबंधन को 11 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. जन की बात ने एनडीए के 68 से 74 सीटें और इंडिया गठबंधन के 6 से 12 सीटें जीतने का अनुमान जताया है. न्यूज नेशन ने एनडीए को 67 सीटें और इंडिया गठबंधन को 10 सीटें मिलने की संभावना जताई है. रिपब्लिक भारत-मेट्रिज के एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए को 69 से 74 सीटों मिलने और इंडिया गठबंधन के खाते में सिर्फ 6 से 11 सीटें मिलने की संभावना है. इसके अलावा रिपब्लिक टीवी और पी मार्क के एग्जिट पोल में एनडीए को 69 सीटें व इंडिया गठबंधन को 11 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं.
उत्तर प्रदेश में एनडीए की बढ़त की संभावना
The Hindkeshariके पोल ऑफ पोल्स में (Poll of Polls) के मुताबिक बीजेपी और उसके सहयोगी दल उत्तर प्रदेश में 68 सीटें जीत सकते हैं. सपा और कांग्रेस का गठबंधन 12 सीटें जीत सकता है. इस बार बसपा का खाता नहीं खुलने के आसार हैं. अनुमानों के मुताबिक बीजेपी और उसके सहयोगी दल 2019 की तुलना में तीन सीटें अधिक जीत सकते हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 75 सीटों पर चुनाव लड़ा है. उसने पांच सीटें अपने सहयोगी दलों को दीं. दो सीटों पर अपना दल (एस), दो सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और एक सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने चुनाव लड़ा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ा है.
साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 62 सीटें जीती थीं. पिछला चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मिलकर लड़ा था.सपा को पांच और बसपा को 10 सीटें मिली थीं.
बिहार में एनडीए को कुछ नुकसान होने के आसार
इस लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों पर भी सबकी नजरें हैं. बिहार में इस बार एनडीए को कुछ नुकसान हो सकता है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने महागठबंधन पर जोरदार जीत दर्ज की थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में थे, बाद में छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए थे. इस चुनाव से कुछ अरसे पहले वे फिर से एनडीए का हिस्सा हो गए. अब चुनाव में उनकी पार्टी जेडीयू एनडीए का हिस्सा है. दूसरी तरफ आरजेडी है जो कांग्रेस के साथ मैदान में है.
बिहार की 40 लोकसभा सीटों को लेकर एग्जिट पोल्स मे लगाए गए अनुमानों के मुताबिक एनडीए को करीब 35 सीटें मिल सकती हैं. इंडिया न्यूज-डी डायनामिक्स ने एनडीए को 33 सीटें दी हैं वहीं इंडिया गठबंधन के 7 सीटें जीतने का अनुमान जताया है. इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया ने एनडीए को 29 से 33 सीटें और इंडिया गठबंधन को 7 से 19 सीटें मिलने की संभावना जताई है. जन की बात के सर्वे के अनुसार एनडीए को 32 से 37 सीटें मिल सकती हैं और इंडिया गठबंधन को 3 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है. रिपब्लिक भारत और मैटरिज के अनुमान के मुताबिक बिहार में एनडीए को 32 से 37 सीटें और इंडिया गठबंधन को 2 से 7 सीटें मिलने का अनुमान है.
इस बार बिहार में बीजेपी ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसके सहयोगी दल जेडीयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा. चिराग पासवान की पार्टी को गठबंधन के तहत 5 सीटें दी गईं. इसी तरह जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा था.
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