Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

Explainer: ईडी ने DJB से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य मामले में केजरीवाल को समन भेजा, जानें पूरा मामला

आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में कई नियमों को ताक पर रखा गया…

नई दिल्‍ली :

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. धनशोधन रोधी कानून के तहत दर्ज यह दूसरा मामला है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के 55 वर्षीय राष्ट्रीय संयोजक को बुलाया गया है. आप नेता आतिशी का कहना है कि ईडी, अरविंद केजरीवाल को झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है. 

यह भी पढ़ें

केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में भी पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है. केजरीवाल इस मामले में अब तक आठ समन को अवैध बताते हुए एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं.

आप नेता आतिशी ने ईडी के समन पर कहा, “ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े फर्जी मामले में केजरीवाल को नया समन भेजा है. भाजपा उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले जेल भेजना चाहती है.” 

क्या है दिल्ली जल बोर्ड मामला

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड घूस मामले में तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. ED का मामला सीबीआई की FIR और दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच से संबंधित है. ED दिल्ली जल बोर्ड के संबंध में दो अलग-अलग कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही थी. इस संबंध में जुलाई 2023 में ED ने दिल्ली-एनसीआर, केरल, चेन्नई में 16 जगहों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी जलबोर्ड के अधिकारी, NBCC के लोग और कुछ निजी संस्थाओं के अधिकारियों पर दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई और केरल में की गई थी.

यह भी पढ़ें :-  GNCTD एक्ट के बाद सरकार के आदेश नहीं सुनते अफसर : दिल्ली मंत्री आतिशी

ये हैं आरोप 

आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में कई नियमों को ताक पर रखा गया और अनियमितता बरती गई. ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी. दिल्‍ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने NBCC के अधिकारियों की मिलीभगत से इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फ्लो मीटर की इंस्टॉलेशन, सप्लाई और टेस्टिंग का टेंडर इशू किया था. जांच में सामने आया कि इस दौरान कंपनी को टेंडर देते समय NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को अनुचित लाभ दिया और उस लाभ को देने की एवज में पैसे लिए गए. तत्कालीन NBCC के महाप्रबंधक DK मित्तल पर आरोप है कि उन्होंने उस दौरान NKG इंफ्रास्ट्रक्चर को परफॉर्मेंस बेस्ड नकली सर्टिफिकेट जारी करके दिया

38 करोड़ रुपये के टेंडर से जुड़ा है मामला

टेंडर प्रक्रिया के दौरान NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और उसके जूनियर स्टाफ के साथ मिलीभगत करके करीब 38 करोड़ रुपये का टेंडर हासिल कर लिया. दूसरे मामले में दिल्ली सरकार की एन्टी करप्शन ब्रांच ने जल बोर्ड के बिल पेमेंट के भुगतान के लिए जगह जगह पर ऑटोमेटिक मशीन लगाई जानी थी. मशीन भी लगाई गई और बिल के भुगतान भी हुए, लेकिन वो पैसा दिल्ली जल बोर्ड के अकाउंट में जमा नहीं हुआ. 

कहां गया पैसा…?

इस मामले में भी ED जांच कर रही है. जल बोर्ड के अधिकारी ED की राडार पर है. ये कॉन्ट्रैक्ट 3 साल के लिए दिया गया था, जिसे बाद में समय समय पर बढ़ाया गया. बावजूद इसके कंपनी की तरफ से जल बोर्ड को पेमेंट नहीं की जा रही थी, उसके बाद भी चीजों को अनदेखा किया गया. जांच में ये भी सामने आया कि नोटबन्दी के दौरान करीब 10 करोड़ 40 लाख की पेमेंट एक साथ की गई, लेकिन वो भी जल बोर्ड तक नहीं पहुंची. इस मामले में करीब 14 करोड़ 41 लाख का घाटा जल बोर्ड को हुआ और ये पैसा अभी भी कंपनी  फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और ऑरम ई-पेमेंट्स प्रा.लिमिटेड के पास बकाया है. जब ED ने छापेमारी की थी, उस दौरान कई अहम दस्तावेज, नकदी और डिजिटल उपकरण ED में सीज किए थे. इसके अलावा जगदीश कुमार अरोड़ा की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली, वह अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से संचालित कर रहा था

यह भी पढ़ें :-  दिल्ली जल बोर्ड मामला आखिर है क्या, जिसमें ईडी ने CM केजरीवाल को भेजा है समन

ये भी पढ़ें:- 

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button