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Explainer: इजरायल ने 24 घंटे के अंदर गाजा छोड़ने का दिया आदेश, कहां जाएंगे 11 लाख लोग?

Explainer: कैसे पूरी तरह इजरायल पर निर्भर है गाजा पट्टी, फिलिस्तीन के हमास संगठन को इससे क्या है दिक्कत

हमास ने शुक्रवार को कहा, “हमारे लोग इजरायली नेताओं के यहां पर कब्जे की धमकी और दक्षिण या इजिप्ट भागने के आदेश को खारिज करते हैं. हम अपनी ज़मीन, अपने घरों और अपने शहरों में ही रहेंगे. कोई विस्थापन नहीं होगा. कोई कहीं नहीं जाएगा.”

इस बीच इजरायल के आदेश की संयुक्त राष्ट्र (UN) ने आलोचना की है. यूएन के प्रवक्ता ने कहा है कि इस इलाके में 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. ये गाजा की आधी आबादी हैं. इन्हें इतने कम समय में वहां से हटने का आदेश देना, उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा है. इससे मानवीय संकट पैदा होगा. यूएन ने इजरायल ने अपना ऑर्डर वापस लेने की अपील भी की.

सहायता एजेंसियों के लिए भी ये एक बड़ी चुनौती है. चुनौती इस बात की है कि इजरायली सेना द्वारा बमबारी के दौरान 11 लाख की आबादी (जिसमें पुरुष, महिलाएं, बच्चे, घायल और अशक्त लोगों को कैसे दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा, जबकि इजरायल ने पहले ही हमास के खात्मे के लिए नागरिकों की हत्या समेत जमीनी हमले का संकेत दे दिया है.

गाजा पट्टी के बारे में जानिए

गाजा पट्टी, इजरायल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच बसा एक छोटा सा क्षेत्र है. इसे दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी जाना जाता है. गाजा पट्टी लगभग 12 किलोमीटर चौड़ा और 41 किलोमीटर लंबा क्षेत्र है. इसे पांच क्षेत्रों में विभाजित किया गया है – उत्तरी गाजा, गाजा, मध्य क्षेत्र, खान यूनिस और राफा. इस पट्टी की दो जमीनी सीमाएं हैं – इसके उत्तर और पूर्व में इजरायल और दक्षिण में इजिप्ट है. फिलहाल दोनों सीमाएं बंद हैं. गाजा के पश्चिम में भूमध्य सागर है, जिसे भी बंद कर दिया गया है.

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हमले के बाद पूरी गाजा पट्टी पर घेराबंदी कर रहा इजरायल, खाना-पानी और बिजली सप्लाई किया बंद

यहां 20 लाख से अधिक लोग रहते हैं. इसका मतलब है कि प्रति वर्ग किलोमीटर औसतन लगभग 5,500 लोग लोग रहते हैं. इजरायल की बात करें, तो यहां औसत जनसंख्या घनत्व लगभग 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जिससे आप समझ सकते हैं कि गाजा में कितनी घनी आबादी रहती है. गज़ान एयर स्पेस को इजरायल कंट्रोल करता है, उनके एयरपोर्ट को 2022 में इजरायलियों ने तबाह कर दिया था.

गाजा दुनिया से पूरी तरह से कटा हुआ है. यह दुनिया में सबसे घनी आबादी में से एक है. गाजा भोजन, ईंधन, दवाओं, पीने के पानी और अन्य जरूरी चीजों के लिए (लगभग) या पूरी तरह से इजरायल पर निर्भर है. कुछ हद तक ये अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों पर भी निर्भर है.

गाजा से इजरायल की क्या मांग है?

इजरायल ने 11 लाख गाजावासियों को उत्तरी गाजा से दक्षिणी क्षेत्रों में शिफ्ट होने की मांग की है. इजरायल ने इसके लिए लोगों को 24 घंटे की डेडलाइन दी है. यानी अगले 24 घंटों में 11 लाख लोगों को 40 किमी की यात्रा करनी होगी. गाजा की जमीनी सीमा पर दो मुख्य एंट्री /एक्जिट पॉइंट हैं, जिनके जरिए यहां के लोगों को बाहर जाने की परमिशन दी जाती है. उत्तर में इरेज़ क्रॉसिंग है, जिसे इजरायल कंट्रोल करता है, जबकि राफा क्रॉसिंग को इजिप्ट की ओर से नियंत्रित किया जाता है.

दोनों सीमाओं को लड़ाई से भागने की चाह रखने वाले गाजावासियों के लिए बंद कर दिया गया है. एक तीसरा क्रॉसिंग है- केरेम शालोम. इस पर भी इजरायल का कंट्रोल है, लेकिन आम तौर पर इस सीमा का इस्तेमाल सामान ले जाने के लिए किया जाता है.

राफा क्रॉसिंग के गाजा क्षेत्र पर तब भी बमबारी की गई, जब नागरिक भागने की फिराक में थे. इससे यह सवाल उठता है कि इजरायल जानबूझकर गैर-लड़ाकों को निशाना नहीं बनाने को लेकर कितना गंभीर है?

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गाजा वासियों के पास अभी क्या ऑप्शन है?

फिलहाल तो गाजा के लोगों के सामने कोई ऑप्शन नहीं है. इजरायल ने पहले ही गज़ान हवाई क्षेत्र को खोलने या सहायता एजेंसियों को जमीन या समुद्री मार्गों के जरिए से पहुंच की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इजरायली सेना द्वारा नियंत्रित सीमा पर गज़ानों को रोक दिया गया है. ऐसे में नागरिकों को भागने का रास्ता देने के लिए मानवीय गलियारे यानी ह्यूमन कॉरीडोर ही शायद एकमात्र ऑप्शन है. हालांकि, इजरायल ने ह्यूमन कॉरीडोर को लेकर कोई संकेत नहीं दिया है. हां, इजरायल के करीबी दोस्त इजिप्ट ने लोगों को सुरक्षित रूट देने की अपील जरूर की है.

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पहचान उजागर न करने की शर्त पर सूत्रों में से एक ने कहा कि यह ‘फिलिस्तीनियों के उनके मुद्दे और उनकी जमीन पर पकड़ बनाए रखने के अधिकार की रक्षा करना था. इजिप्ट ने लंबे समय से अपने क्षेत्र में गज़ावासियों की पहुंच को प्रतिबंधित कर रखा है.

इजराइल-हमास युद्ध में अब तक क्या हुआ?

इजरायल-हमास की लड़ाई में अब तक 1500 से अधिक लोग मारे गए हैं. 12 अक्टूबर को हुए हमलों में 151 फिलिस्तिनियों की मौत हुई, जिसके बाद गाजा में कुल मौतों का आंकड़ा 1417 हो गया. 6268 लोग घायल हुए हैं. 7 दिन में गाजा की 22 हजार से ज्यादा इमारतें तबाह हुई हैं. अस्पतालों और स्कूलों को भी नुकसान पहुंचा है. UN के मुताबिक गाजा में 3 लाख से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.

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