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Explainer: शिवाजी के विशालगढ़ किले और अतिक्रमण का पूरा विवाद क्या है?


नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 76 किमी दूर उत्तर पश्चिम में मौजूद करीब 1000 साल पुराना विशालगढ़ किला (Vishalgad Fort), जो कभी छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) की वीरगाथा का गान करता था, आज जंग का अखाड़ा बना हुआ है. ये किला आज अवैध कब्जे को लेकर विवादों में है. ये वही किला है, जिसमें प्रवेश करने से शिवाजी महाराज को सिद्दी मसूद की फौज तक नहीं रोक सकी थी. यह किला शिवाजी महाराज की शरणस्थली रहा है.

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यह ऐतिहासिक किला आज अतिक्रमण (Encroachment) की चपेट में है. 14 जुलाई को जैसे ही पूर्व सांसद संभाजी राजे (Sambhaji Raje) जैसे ही अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे, वहां ‘जय भवानी’, ‘जय शिवाजी’ और ‘जय श्री राम’ के नारे गूंजने लगे. इसी दौरान कुछ उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. देखते ही देखते बवाल इतना बढ़ गया कि वहां पर पथराव शुरू हो गया. इतना ही नहीं कुछ उपद्रवियों में आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी.

विशालगढ़ किले में अतिक्रमण विवाद क्या?

विशालगढ़ किले में अवैध अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां पर एक दरगाह को अवैध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है, और जानवरों की हत्या की जा रही है. यहां पर चल रहे अतिक्रमण को हटाने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी दिनों से अपील की जा रही थी. हिंदू समुदाय की मांग है कि अवैध अतिक्रमण हटाकर किले की मूल विरासत को फिर से बहाल किया जाए.

जिसके बाद पूर्व सासंद संभाजी राजे ने एक महीने से पहले “अतिक्रमण मुक्त विशालगढ़” की मांग को लेकर एक अभियान शुरू किया था. 14 जुलाई का दिन अतिक्रमण हटाने के लिए तय किया गया था. उनके इस अभियान में दक्षिणपंथी समूह भी जुड़ गए. संभाजी राजे अपने समर्थकों के साथ पैदल चलो अभियान के तहत विशालगढ़ पहुंचने ही वाले थे कि इससे पहले आसपास हिंसा भड़क उठी. विशालगढ़ किले से करीब 3 किमी दूर गजपुर गांव इस हिंसा में बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.  यहां पर आगजनी हुई और संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया. 

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संभाजी राजे कौन हैं?

विशालगढ़ में अतिक्रमणरोधी अभियान के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने करीब 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 21 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. जिन लोगों पर मामाल दर्ज हुआ है, उनमें पूर्व सासंद संभाजी राजे का नाम भी शामिल है.

  • संभाजी राजे मुगलों को धूल चटाने वाले और मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं.
  • संभाजी राजे कोल्हापुर शाही परिवार के उत्तराधिकारी हैं. उनका जन्म 11 फरवरी 1971 को हुआ था.
  • वह साल 2011 से 2019 तक मराठा आरक्षण आंदोलन का फेस रह चुके हैं.
  • साल 2022 में उन्होंने स्वराज्य संगठन नाम से एक सामाजिक संगठन भी बनाया था. साल 2016 में त्ततालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संभाजी राजे को राज्यसभा के लए भी नामित किया था.
  • साल 2009 में संभाजी राजे ने एनसीपी के टिकट पर कोल्हापुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे. 
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अतिक्रमण मामले में संभाजी राजे एक्टिव क्यों?

विशालगढ़ किला मराठाओं के लिए काफी अहम है. इसका संबंध छत्रपति शिवाजी महाराज से है. शिवाजी महाराज सन 1960 में जब पन्हाला किले पर घेरे गए थे तो इसी किले पर पहुंचे थे. सन 1844 में इस किले पर कोल्हापुर का शासन था. विशालगढ़ वही किला है, जहां पर शिवाजी महाराज बीजापुर के आदिलशाद की सेना से बचकर पहुंचे थे. सेनापति सिद्दी मसूद की सेना भी उनको इस किले में प्रवेश करने से रोक नहीं सकी थी.

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संभाजी राजे शिवाजी के वंशज है, शिवाजी के इस किले से जुड़े होने की वजह से यह उनके लिए और भी अहम हो जाता है. यही वजह है कि उन्होंने अवैध अतिक्रमण के अभियान चलाने का फैसला किया है. उनका कहना है कि किले में अवैाध अतिक्रमण लंबे समय से है, जो कि अब और भी बढ़ गया है. उनका कहना है कि 17वीं शताब्दी के किले में हिंदू मंदिरों का अपमान किया जा रहा है. 

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क्या है सरकार का रुख?

 महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विशालगढ़ किले में अतिक्रमण के मुद्दे का कानूनी ढंग से समाधान करने की महायुति सरकार की प्रतिबद्धता पर मंगलवार को बल दिया.  उनका यह आश्वासन इस ऐतिहासिक किले से अवैध ढांचों को हटाने के दौरान हाल में हुई हिंसा के बाद आया है.  गृह विभाग का कामकाज भी संभाल रहे फडणवीस ने महाराष्ट्र के सभी किलों से अतिक्रमण हटाने के सरकार के निश्चय पर जोर दिया है. फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, “विशालगढ़ किले में अतिक्रमण और अवैध निर्माण एक पुराना मुद्दा है, जो पूर्व राज्यसभा सदस्य छत्रपति संभाजीराजे द्वारा अवैध संरचनाओं के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने के आह्वान के साथ फिर सामने आया है.”

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कैसे हिंसक हुआ अतिक्रमण रोधी अभियान?

पुलिस के मुताबिक, कोल्हापुर जिले के विशालगढ़ किले में रविवार को अतिक्रमण रोधी अभियान तब हिंसक हो गया जब भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. उसके बाद 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया. स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब मराठा राजवंश से संबद्ध पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति के नेतृत्व में पुणे से आए कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा के कारण किले के नीचे ही रोक दिया गया. मंगलवार को कोल्हापुर के सांसद छत्रपति साहू महाराज, विधानपरिषद सदस्य सतेज पाटिल (दोनों कांग्रेस नेता) समेत महा विकास आघाड़ी के नेताओं ने विशालगढ़ का दौरा किया. छत्रपति साहू ने सरकार से वहां शांति सुनिश्चित करने की अपील की.

फडणवीस ने क्या कहा?

फडणवीस ने कहा, “राज्य सरकार विशालगढ़ में शांति स्थापित करना चाहती है. हम विशालगढ़ और महाराष्ट्र के हर किले से कानूनी दायरे में रहकर अतिक्रमण हटाना चाहते हैं.” उपमुख्यमंत्री ने अवैध निर्माणों से निपटने के साथ ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित रखने की जरूरत पर बल देते हुए विपक्षी नेताओं से विशालगढ़ मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की अपील की. 

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