Explainer: टैक्स का बोझ बढ़ा तो अचानक हिंसा की आग में क्यों जल उठा केन्या? संसद पर भी हमला
पिछले कुछ दिनों से काफी हद तक शांतिपूर्ण चल रहा विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया, जब लोगों ने तटीय शहर मोम्बासा, विक्टोरिया झील के किनारे एक बंदरगाह शहर और अन्य शहरों की सड़कों पर सामूहिक मार्च किया. बिल से असंतोष सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है, जो अपने नागरिकों को समझाने में विफल रही है.
केन्या मानवाधिकार आयोग ने मंगलवार को अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का एक वीडियो साझा किया और कहा कि उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा. आयोग ने ‘एक्स’ पर राष्ट्रपति विलियम रुटो को संबोधित करते हुए लिखा, “दुनिया आपको अत्याचार की ओर बढ़ते हुए देख रही है! आपकी सरकार के कार्य लोकतंत्र पर हमला हैं. गोलीबारी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.”
राष्ट्रपति विलियम रूटो ने कर वृद्धि के विरोध के बाद बड़ी अराजकता में बदल जाने के बाद “हिंसा और अराजकता” के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कसम खाई.
केन्या में प्रदर्शन, भारतीय उच्चायोग की सलाह
केन्या में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को भारतीय नागरिकों को अफ्रीकी राष्ट्र में हिंसक विरोध प्रदर्शन से उत्पन्न ‘‘तनावपूर्ण” स्थिति के मद्देनजर ‘‘अत्यधिक सावधानी” बरतने की सलाह दी.
भारतीय उच्चायोग ने एक परामर्श में कहा, ‘‘मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, गैर-जरूरी आवाजाही को प्रतिबंधित करने और स्थिति सामान्य होने तक विरोध और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी जाती है.” एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार वर्तमान में लगभग 20,000 भारतीय केन्या में रह रहे हैं.
ये भी पढ़ें:-
आपकी मीठी-मीठी मुस्कान.. जब स्पीकर चुने जाने पर ओम बिरला की मोदी ने की तारीफ